मुंबई। 1993 में लगातार 12 धमाके कर मुंबई को दहलाने वाला अबु सलेम जेल में बंद है। सलेम को टाडा कोर्ट ने मुंबई धमाकों का दोषी करार दिया है हालांकि सजा क्या दी जाएगी इस पर बहस सोमवार (19-6-17) को कोर्ट में शुरू होगी। वहीं अब ऐसी खबरें आ रही है कि जेल में बंद सलेम ने यूरोप कोर्ट ऑफ ह्यूमन राइट्स (ईसीएचआर) का दरवाजा खटखटाया है। उसका कहना है कि मुंबई कोर्ट की ओर से किया गया ट्रायल पूरी तरह से गैरकानूनी है।
सलेम ने खटखटाया यूरोप कोर्ट ऑफ ह्यूमन राइट्स का दरवाजा
इसके साथ ही सलेम ने अपनी इस याचिका में पुर्तगाल वापस लौटने की इच्छा जताई है। हालांकि सलेम ने ईसीएचआर में ये याचिका अभी नहीं दाखिल की है। कहा जा रहा है महीनों पहले सलेम ने ये याचिका दाखिल की थी ऐसे में ये कहा जा सकता है कि शायद अबु को सजा होने का अंदेशा पहले ही हो गया था जिस वजह से उसने कोर्ट के फैसले का इंतजार भी नहीं किया।
पुर्तगाल से हुआ था प्रत्यर्पण
आपको बता दें कि सलेम को साल 2005 में पुर्तगाल से प्रत्यर्पण किया गया था। लेकिन प्रत्यर्पण की शर्त के अनुसार उसे फांसी की सजा नहीं दी जा सकती।
जानिए क्या है अबु सलेम पर आरोप?
1993 मुंबई बम धमाकों को लेकर अबु सलेम को आपराधिक साजिश में शामिल होने का मुख्य दोषी करार दिया गया है। कोर्ट ने सलेम पर 302, 307 और 120बी धाराएं लगाए गई है। सलेम पर हथियारों का जखीरा मुंबई लाने और संजय दत्त के घर पर हथियार प्लान करने का भी दोषी ठहराया गया है। कहा जा रहा है जब कोर्ट फैसला सुना रही है तो अबु सलेम आराम से पीछे बैठा हुआ था और अपना फैसला सुन रहा था।
टाडा कोर्ड ने 16 जून को 24 साल पुराने मुंबई ब्लास्ट पर फैसला सुनाया था। इस मामले में 7 दोषी थे जिसमें एक को बरी कर दिया गया। इन सभी आरोपियों में अबु सलेम, मुस्तफा दोसा, फिरोज अब्दुल राशिद ,ताहिर मर्चेंट ,करीमुल्ला खान के नाम शामिल हैं। हालांकि मोहम्मद दोसा अभी फरार है और इस समय दाऊद इब्राहिम के साथ ही जुड़ा हुआ है।