मुंबई। 1993 मुंबई ब्लास्ट केस में फांसी की सजा पाए दाऊद के एक और गुर्गे ताहिर मर्चेंट की मौत हो गई है। वो मुंबई के यरवडा जेल में बंद था। उसकी तबीयत खराब होने की वजह से अस्पताल में भर्ती कराया था, लेकिन वहां उसकी मौत हो गई।
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मुंबई में साल 1993 में हुए श्रृंखलाबद्ध बम विस्फोट मामले में पिछले साल विशेष टाडा अदालत ने फैसला सुनाते हुए आरोपी ताहिर मर्चेंट को फांसी की सजा सुनाई थी। इसके अलावा इस मामले में फिरोज को भी फांसी की सजा सुनाई गई थी, जबकि रियाज सिद्दीकी को 10 साल की सजा सुनाई गई थी। वहीं, इस मामले में अबु सलेम और करीमुल्लाह को आजीवन कारावास और दो-दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था।
टाडा अदालत ने इन सभी को 16 जून, 2017 को दोषी ठहराया था। हालांकि इस मामले में मुस्तफा दौसा को दोषी करार दिए जाने के बाद 28 जून को उसकी मौत हो गई थी। बता दें कि मुंबई में हुए इन सीरियल विस्फोटों में 257 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक घायल हुए थे और करोड़ों रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ था। सरकारी पक्ष ने इनमें से तीन को फांसी की सजा और दो को आजीवन कारावास की सजा की मांग की थी। इस मामले में एक अन्य आरोपी अब्दुल कय्यूम को अदालत साक्ष्य के अभाव में रिहा कर चुकी है।
अदालत ने अबु सलेम, मुस्तफा डोसा, फिरोज खान, ताहिर मर्चेंट, करीमउल्लाह खान को टाडा, भारतीय दंड संहिता, शस्त्र एवं विस्फोटक अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और सार्वजनिक संपत्ति नुकसान रोकथाम अधिनियम के तहत दोषी पाया था। मुस्तफा डोसा मुख्य षड्यंत्रकारी था और अदालत ने उसे दोषी करार दिया था। जिरह के दौरान सरकारी वकील ने डोसा के मृत्युदंड की मांग की थी, लेकिन डोसा की सरकारी जेजे अस्पताल में मृत्यु हो गई थी।