लखनऊ : चुनावी मौसम हो और राजनीतिक पार्टियों के बर्तन आपस में न टकराएं ऐसा हो नहीं सकता। जब यूपी की बात हो तो राजनीति खुद-ब-खुद चरम पर चली जाती है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर तंज कसते हुए कुछ ऐसी मांग कर दी कि इसके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता।
अखिलेश का तंज- रावण को भी मिले पेंशन
अखिलेश यादव सपा कार्यालय में सोमवार को पत्रकारों से बात कर रहे थे। पहले तो अखिलेश ने पेंशन की बात उठायी और फिर कहा कि साधु संतों को हर महीने 20 हजार रुपये पेंशन मिलनी चाहिए। उन्होंने तो ये भी कहा कि “रामलीला करने वालों को भी पेंशन मिले। भगवान राम को भी पेंशन मिले और माता सीता को भी पेंशन मिलनी चाहिए। इसके बाद अगर कुछ बच जाए तो रावण को भी पेंशन मिले।” अखिलेश ने आगे याद दिलाया कि “हमने यश भारती सम्मान दिया था और समाजवादी पेंशन दे रहे थे सरकार ने ये सब बंद कर दिया। अब इन्हें फिर से शुरू किया जाना चाहिए।”
‘बीजेपी की भाषा में और गिरावट दिखेगी’
बीएसपी प्रमुख मायावती पर बीजेपी विधायक साधना सिंह के द्वार दिए गए बयान पर अखिलेश यादव कैसे कोई टिप्पणी नहीं करते। उन्होंने इस मुद्दे पर कहा कि “इन लोगों को अपनी हार तय दिख रही है। इसलिए उनकी भाषा में गिरावट देखी गई है। मायावती पर बीजेपी विधायक की टिप्पणी उनकी हार से पहले की हताशा को दर्शाती है। अभी जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएंगे बीजेपी के लोगों की भाषा में और गिरावट देखी जाएगी।”
‘लोकतंत्र में बीजेपी से ज्यादा झूठ कोई नहीं बोलता है’
अखिलेश यादव ने झूठ को भी मुद्दा बनाया और कहा कि बीजेपी के लोगों ने देश के नौजवानों के साथ धोखा किया। किसानों के साथ धोखा किया। लोकतंत्र में इतना झूठ किसी ने नहीं बोला होगा जितना भाजपा के लोग बोलते हैं। उन्होंने कहा कि देश नये प्रधानमंत्री का इंतजार कर रहा है।
अखिलेश ने तीखा सवाल दागते हुए कहा कि “इतने एनआरआई आ रहे हैं लेकिन देश में निवेश क्यों नहीं कर रहे हैं? इस बार कुंभ में स्नान करें तो शायद उनका मन बदल जाए।” ईवीएम के मुद्दे पर अखिलेश ने कहा कि ईवीएम के खिलाफ नाराजगी है। ऐसे ये जरूरी है कि बैलेट से चुनाव हो जिसपर ठप्पा लगाकर हमारा गुस्सा निकल जाएगा।