अलीगढ़: एएमयू के यूनियन हॉल में जिन्ना की तस्वीर को लेकर हुए बवाल के बाद एएमयू छात्रसंघ अध्यक्ष सहित 300 लोगों पर दर्ज मुकदमा दर्ज किया गया था। जिसे लेकर अब पुलिस विवेचक ने अंतिम रिपोर्ट लगा दी है। जिसके बाद मुकदमा अब आगे नहीं चलेगा। इस मुकदमे में अंतिम रिपोर्ट लगाए जाने के बाद से छात्र नेता को बड़ी राहत मिली है।
आपको बता दें कि 2 मई की दोपहर जिन्ना की तस्वीर पर जमकर बवाल हुआ था। छात्रों पर पुलिस की ओर से हमला करने और सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने जैसी गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया था। इसे लेकर छात्र मुकदमा वापसी की मांग की थी और इसके लिए 16 दिन तक धरने पर बैठे थे। इंस्पेक्टर सिविल लाइंस जावेद खान की ओर से दर्ज कराये गये मुकदमे में एएमयू छात्रसंघ अध्यक्ष मशकूर अहमद, फैजुल हसन, मो. फैज समेत 300 अज्ञात आरोपी बनाये गये थे।
सीओ तृतीय संजीव दीक्षित ने बताया कि पुलिस की ओर से छात्रों पर दर्ज मुकदमे की विवेचना की जांच में वीडियो रिकॉर्डिंग के दौरान उनके भीड़ में शामिल लोगों के नाम और उनकी पहचान की पुष्टि नहीं हो पायी। साथ ही जांच में हमलावरों के चेहरे भी स्पष्ट नहीं हो सके। इसके चलते इस मुकदमे में अंतिम रिपोर्ट लगायी गयी थी।
जानकारी दे दें कि एएमयू के यूनियन हॉल में मुहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर हटाने को लेकर 2 मई को हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने विश्वविद्यालय परिसर में हंगामा किया था। इस मामले में पुलिस हिंदू युवा वाहिनी के पूर्व नगर अध्यक्ष योगेश वार्ष्णेय और उसके साथी अमित गोस्वामी को गिरफ्तार करके जेल भेज चुकी है। दोनों एएमयू में हुए बवाल के मामले में दर्ज मुकदमे में नामजद थे।