नई दिल्ली। भारत सालों से हिज्बुल मुजाहिद्दीन के सरगना सैयद सलाहुद्दीन को आतंकवादी की श्रेणी में डालने की मांग कर रहा था। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिकी दौरे से भारत को ये बड़ी कामयाबी मिली गई हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हिज्बुल मुजाहिद्दीन के सरगना सैयद सलाहुद्दीन को आतंकवादी की श्रेणी में डाल दिया है। लेकिन अमेरीका के इस एक्शन से पाकिस्तान बिफर गया है। पाक का कहना है कि वह कश्मीर के लोगों के लिए आवाज उठाता रहेगा।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी प्रेस नोट में साफ तौर पर लिखा गया है कि किसी निजी व्यक्ति को भारत के द्वारा कब्जाए हुए जम्मू-कश्मीर की आजादी के लिए आवाज उठाने पर आतंकवादी घोषित करना बिल्कुल गलत है। पिछले 70 सालों से कश्मीर के लोगों पर मानवाधिकारों के नियमों का उल्घंघन किया जा रहा है।
इसके अलावा इस नोट में लिखा गया है कि इसमें कश्मीरी लोगों पर वहां की फोर्स के द्वारा पैलेट गन का इस्तेमाल होना, गलत गिरफ्तारी होना, वहीं स्थानीय लोगों पर अत्याचार होना शामिल है। पाकिस्तान ने कहा की वे पिछले 70 सालों से लगातार कश्मीरी लोगों की मदद कर रहा हैं और करता रहेगा। पाकिस्तान की ओर से कहा गया है कि पाकिस्तान कश्मीर को राजनीतिक, नैतिक और डिप्लोमेटिक तौर पर समर्थन देता रहेगा। लेकिन इसके लिए पाकिस्तान यूएन सुरक्षा काउंसिल के तहत काम करेगा।
गौरतलब हैं कि अमेरिकी विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि बीते साल कश्मीर में हुए आतंकी हमलों में सलाहुद्दीन का हाथ था और वह कश्मीर घाटी में आतंकी फैलाने के मकसद से आतंकियों को ट्रेनिंग देता था। विदेश मंत्रालय ने कहा हैं कि सलाउद्दीन के संगठन हिज्बुल ने जम्मू कश्मीर में हुए कई आतंकी वारदातों की जिम्मेदारी ली थी। इनमें अप्रैल 2014 के धमाके शामिल हैं, जिसमें 17 लोग घायल हुए थे।