नई दिल्ली। भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाकर दिल्ली की सत्ता तक पहुंचे केजरीवाल सरकार पर अब भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे है। सीएजी की रिपोर्ट में राशन वितरण में हो रही धाधंली को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। इस रिपोर्ट के मुताबिक राशन कार्ड मामले में नियमों को ताक पर रखकर 50 से ज्यादा ऐसे मामले आए है जहां गड़बड़ी की गई है।
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इस आरोप के सामने आने के बाद अब राजनीति भी शूरू हो गई है। एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री और आप के बागी नेता कपिल मिश्रा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि राशन कार्ड मामले में चार लाख फर्जी कार्ड पकड़े गए है। मिश्रा ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने चार लाख फर्जी राशन कार्ड से 150 करोड़ रुपये प्रति माह का राशन एडजस्ट करने की कोशिश की है।
वहीं दिल्ली की डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया का कहना है कि इस मामले में किसी भी आरोपियों को बख्शा नहीं जाएगा उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। तो दूसरी तरफ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर इस मामले में एलजी को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा कि पूरा राशन सिस्टम पर माफियाओं का कब्जा है और इन माफियाओं को नेताओं का संरक्षण भी प्राप्त है। साथ ही उन्होंने इस मामले में कड़ी कार्रवाई की भी बात कही है।
खबरों के मुताबिक दिल्ली सरकार अभी इस पूरे मामले मे सीएजी की रिपोर्ट का अध्ययन कर रही है। रिपोर्ट के आधार पर केजरीवाल सरकार इस मामले की सीबीआई जांच भी करा सकती है।
क्या है मामला
सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया है कि दिल्ली में राशन वितरण की प्रणाली में बड़ी धांधली हुई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि राशन कार्ड धारकों के मोबाइल में एसएमएस के जरिए अलर्ट आते है। लेकिन इस मामले में 2,453 नंबर दुकानदारों के ही निकले। अमूमन घर में रखे राशन कार्ड महिलाओं के नाम पर बनाया जाता है। लेकिन इस मामले में 13 ऐसे घर थे जिनमें परिवार के सबसे बड़ी सदस्य की उम्र 18 साल से नीचे पाई गई। इतना ही नही 12,852 मामले में घर में एक भी महिला सदस्य नहीं पाई गई।
इसके अलावा राशन ढोने वाली 207 गाड़ियों में 42 गाड़िया ऐसी थी जिनका रजिस्ट्रेश परिवहन विभाग में नहीं किया गया था। इस तरीके के तमाम खुलासा सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में की है।