नई दिल्ली। नाबालिगों से रेप मामले पर दोषियों को फांसी की सजा के प्रावधान पर आज केंद्रीय कैबिनेट की मुहर लग सकती है। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की अहम बैठक होने वाली है, जिसमें ‘प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस’ यानि पॉक्सो एक्ट में संशोधन का प्रस्ताव पेश किया जाएगा। माना जा रहा है कि केंद्रीय कैबिनेट इस प्रस्ताव को मंजूरी दे सकती है।
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दरअसल, उन्नाव और कठुआ गैंगरेप की घटना से पूरा देश आहत है। आए दिन मासूम बच्चियों से रेप की घटनाओं को देखते हुए अब सरकार भी सख्त कदम उठाने जा रही है। केंद्र सरकार मासूम बच्चियों से रेप को लेकर पुराने कानून में बदलाव करने जा रही है। इस बदलाव के तहत 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से रेप के दोषियों को फांसी की सजा दिए जाने का प्रावधान किया जाएगा।
केंद्र सरकार ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट को एक चिट्ठी भेजी थी, जिसमें कहा गया था कि 12 साल तक के बच्चों के साथ रेप के दोषियों को अधिकतम फांसी की सजा का प्रावधान करने के लिए केंद्र सरकार पॉक्सो (POCSO) ऐक्ट में बदलाव करने जा रही है। केंद्र सरकार ने कहा था कि इस कानूनी बदलाव पर काम भी शुरू हो चुका है।
बता दें कि हरियाणा सरकार ने ऐसा कानून पारित भी कर दिया है। हाल ही में हरियाणा विधानसभा में दंड विधि संशोधन विधेयक 2018 पारित कर एक नई मिसाल पेश की गई थी। इस विधेयक के मुताबिक 12 साल या उससे कम उम्र की बच्चियों के साथ दुष्कर्म करने वालों को मौत की सजा दी जाएगी। सरकार की ओर से पारित किए गए इस कानून पर सरकार ने मुहर भी लगा दी है।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के बाद हरियाणा दूसरा ऐसा राज्य बन गया है, जहां बच्चियों से दुष्कर्म करने वालों के लिए इस तरह के सख्त कानून बनाए गए हैं। जो विधेयक पारित किया गया है, उसके मुताबिक अब दुष्कर्म करने वाले आरोपियों को 14 साल तक की कैद या फांसी की सजा हो सकती है। इतना ही नहीं, सजा की इस अवधि को और भी बढ़ाया जा सकता है।