भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार ने हाल ही में किसान आंदोलन के दौरान मंदसौर जिले में हुई गोलीबारी के दौरान पांच लोगों की मौत के मामले में आज एक सदस्यीय जांच आयोग का गठन कर दिया।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार राज्य सरकार ने मंदसौर जिले में 6 जून को हुए आंदोलन के दौरान भड़की हिंसा में आंदोलनकारियों पर बल प्रयोग किए जाने से पांच व्यक्तियों की मौत की घटना की जांच के लिए ये आयोग गठित किया है। उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश जे के जैन की अध्यक्षता में गठित ये एकल सदस्यीय जांच आयोग अपने गठन की अधिसूचना के मध्यप्रदेश राजपत्र में प्रकाशन की तारीख से तीन महीने के अंदर जांच पूरी कर अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को प्रस्तुत करेगा। इस जांच आयोग का मुख्यालय इंदौर में होगा।
सूत्रों के अनुसार जांच आयोग पांच बिन्दुओं की जांच करेगा। जिसमें घटना किन परिस्थितियों में घटी, पुलिस द्वारा जो बल प्रयोग किया गया क्या वो घटनास्थल की परिस्थितियों को देखते हुए उपयुक्त था या नहीं और यदि नहीं तो इसके लिये दोषी कौन है ? क्या जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने तत्समय निर्मित परिस्थितियों और घटनाओं के लिए पर्याप्त एवं सामयिक कदम उठाये थे ? भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इस संबंध में उचित सुझाव भी आयोग देगा। इसके अलावा ऐसे अन्य विषय जो जांच के अधीन मामले में आवश्यक या अनुषांगिक हों, जांच बिंदुओं में शामिल रहेंगे।
राज्य में एक जून से शुरू हुआ किसान आंदोलन पांच जून आते-आते उग्र हो गया था। इसी बीच मंदसौर जिले के पिपल्यामंडी में 6 जून को गोलीबारी में पांच किसानों की मौत हो गयी थी। एक अन्य किसान की मौत हार्ट अटैक के कारण हुई। इस आंदोलन के दो दिन बाद एक और व्यक्ति ने भी दम तोड़ दिया था। कथित रूप से वो प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसक झड़प में घायल हो गया था। बाद में इंदौर में इलाज के दौरान उसकी भी मौत हो गई थी।