Almora News: उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में उस समय हड़कंप मच गया जब सल्ट क्षेत्र के दो स्कूलों के पास झाड़ियों में से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद किया गया। करीब 161 जिलग्नाइट की छड़ें और 20 किलो से ज्यादा अत्यंत खतरनाक विस्फोटक सामग्री मिलने के बाद पुलिस और प्रशासन ने तुरंत हाई अलर्ट जारी कर दिया। फिलहाल यह सबसे बड़ा सवाल बना हुआ है कि इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक आखिर यहां आया कहां से और इसका इस्तेमाल किस उद्देश्य से होना था।
ये बरामदगी ऐसे समय हुई है जब कुछ दिन पहले ही हरियाणा में करीब 2,900 किलो विस्फोटक सामग्री बरामद की गई थी, जिसे दिल्ली के लाल किले के पास हुए धमाके की आतंकी साजिश से जोड़कर देखा जा रहा है। इसी वजह से अल्मोड़ा में मिली इस संदिग्ध सामग्री को भी बेहद गंभीरता से लिया जा रहा है।
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बच्चों ने क्रिकेट की गेंद ढूंढ़ते हुए देखे विस्फोटक (Almora News)
पुलिस के मुताबिक ये पूरा मामला तब सामने आया जब गुरुवार को स्कूल के कुछ बच्चे क्रिकेट खेलते हुए गेंद ढूंढने झाड़ियों के अंदर गए। इसी दौरान उन्हें जिलेटिन जैसे दिखने वाली छड़ें नजर आईं। उन्होंने तुरंत स्कूल प्रशासन को बताया, जिसने फौरन पुलिस को इसकी सूचना दी।
अगले ही दिन भिकियासैंण थाने की पुलिस टीम मौके पर पहुंची और सभी विस्फोटक सामग्री को अपने कब्जे में ले लिया। इसके बाद अज्ञात लोगों के खिलाफ विस्फोटक पदार्थ अधिनियम 1908 की धारा 4(A) और बीएनएस की धारा 288 के तहत एफआईआर दर्ज कर ली गई।
एसएसपी बोले: हर संभावना की जांच जताई जा रही है
अल्मोड़ा के एसएसपी देवेंद्र पिंचा ने बताया कि बरामद सामग्री के नमूने इकट्ठे कर लिए गए हैं और विस्तृत जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि जिलेटिन की छड़ें आमतौर पर सड़क निर्माण के दौरान चट्टानें तोड़ने में इस्तेमाल होती हैं, लेकिन यहां मिली मात्रा काफी ज्यादा है, इसलिए किसी भी संभावना को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
गांव के प्रधान का दावा: सड़क निर्माण परियोजना से बचा हुआ विस्फोटक हो सकता है
दभरा गांव के प्रधान अर्जुन सिंह ने भी इस बरामदगी पर अपनी राय दी। उनका कहना है कि जिन झाड़ियों से विस्फोटक मिला, वहां कुछ समय पहले पीएमजीएसवाई के तहत सड़क बनाने का काम हुआ था। उनका अंदाजा है कि मजदूरों ने कठोर चट्टान तोड़ने के लिए यह सामग्री लाई होगी और काम खत्म होने के बाद इसे बिना इस्तेमाल छोड़ा गया होगा। उन्होंने बताया कि मजदूरों का कैंप उस जगह से सिर्फ 30 मीटर की दूरी पर था।
हालांकि पुलिस इस दावे की भी जांच कर रही है, क्योंकि इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक का यूं ही पड़े रह जाना भी गंभीर लापरवाही मानी जा रही है।
पूरे इलाके में कॉम्बिंग ऑपरेशन, बम निरोधक दस्ते तैनात
शनिवार को PAC के जवानों और अतिरिक्त पुलिस बल ने इलाके में बड़ा कॉम्बिंग ऑपरेशन शुरू किया। बम निरोधक दस्ते, स्थानीय खुफिया इकाइयाँ और भारतीय रिज़र्व बटालियन की टीमें जंगल, झाड़ियों, स्कूलों और आसपास के रास्तों की छानबीन कर रही हैं। फॉरेंसिक एक्सपर्ट भी जिलेटिन की प्रकृति और उसके स्रोत का पता लगाने के लिए दोबारा परीक्षण कर रहे हैं।
दिल्ली धमाके के बाद बढ़ी सतर्कता
दिल्ली के लाल किले के बाहर हुए धमाके के बाद से देश भर में सुरक्षा एजेंसियां पहले से ही अलर्ट पर हैं। ऐसे में स्कूलों के पास इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक मिलना किसी बड़े खतरे का संकेत भी हो सकता है। पुलिस फिलहाल हर एंगल से जांच कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश में जुटी है कि यह विस्फोटक किसी साजिश का हिस्सा था या वास्तव में निर्माण कार्य का बचा हुआ सामान। जांच के नतीजे आने तक इलाके में सुरक्षा और भी कड़ी कर दी गई है।
