Army Colonel court martial: भारतीय सेना की अनुशासन व्यवस्था के तहत एक बड़ा फैसला सामने आया है। इलेक्ट्रॉनिक्स एंड मैकेनिकल इंजीनियर्स (EME) कोर के एक कर्नल को सेना की जनरल कोर्ट मार्शल (GCM) ने दोषी पाते हुए सेवा से बर्खास्त करने का आदेश दिया है। अधिकारी पर अपने साथी अफसर की पत्नी के साथ अवैध संबंध रखने का आरोप साबित हुआ। यह मामला मई 2024 में चंडीगढ़ स्थित ‘एन’ एरिया में शुरू हुआ था, और बुधवार को अदालत ने चार में से तीन आरोपों में कर्नल को दोषी करार दिया।
क्या थे आरोप? Army Colonel court martial
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, कर्नल के खिलाफ पहला आरोप सेना अधिनियम की धारा 45 के तहत था, जो “अधिकारी द्वारा अपने पद की गरिमा के अनुरूप न होने वाले आचरण” से संबंधित है। आरोप था कि सितंबर 2021 से अगस्त 2022 के बीच आरोपी कर्नल ने अपने साथी अधिकारी की पत्नी से देर रात, रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लगातार फोन पर बात की। हालांकि, इस आरोप में कोर्ट मार्शल ने पर्याप्त सबूत न होने के कारण कर्नल को बरी कर दिया।
महिला के पति ने अदालत को बताया कि उसे अपनी पत्नी के कॉल डिटेल्स एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा भेजे गए पैकेट में प्राप्त हुए थे, जिसके बाद उसने शिकायत दर्ज कराई।
दूसरा और तीसरा आरोप भी धारा 45 के तहत थे। इनमें कहा गया था कि आरोपी कर्नल सितंबर 2021 में हरिद्वार के होटल रेडिसन ब्लू और अप्रैल 2022 में देहरादून के होटल एनजे पोर्टिको में उसी महिला के साथ ठहरा था। इन दोनों मामलों में अदालत ने कर्नल को दोषी ठहराया।
जाली ‘डिपेंडेंट कार्ड’ का इस्तेमाल
चौथा आरोप सेना अधिनियम की धारा 69 के तहत था। इसमें कहा गया कि आरोपी कर्नल ने उस महिला का ‘डिपेंडेंट कार्ड’ धोखाधड़ी से इस्तेमाल किया, जबकि वह जानता था कि वह जाली है। इस आरोप में भी कोर्ट मार्शल ने अधिकारी को दोषी पाया।
गवाही में क्या कहा गया?
शिकायतकर्ता कर्नल ने बताया कि दिसंबर 2006 में उनका विवाह हुआ था और वे सुखी वैवाहिक जीवन जी रहे थे। लेकिन हरिद्वार की छुट्टी से लौटने और लेह यात्रा के बाद उनकी पत्नी के व्यवहार में बदलाव आने लगा। दिलचस्प बात यह है कि लेह यात्रा के दौरान महिला उसी आवास में ठहरी थी जिसकी व्यवस्था आरोपी कर्नल ने की थी।
महिला ने दी सफाई
दूसरी ओर, महिला ने अदालत में दावा किया कि वह 16 साल से मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना झेल रही थी। उसने कहा कि आरोपी कर्नल उसका बचपन का दोस्त है और एक 42 वर्षीय महिला के तौर पर यह उसका अधिकार है कि वह किससे बात करे या न करे। उसने किसी भी होटल में आरोपी के साथ ठहरने के आरोपों को सिरे से खारिज किया।
कोर्ट मार्शल की प्रक्रिया
इस पूरे मामले की सुनवाई ब्रिगेडियर जगमिंदर सिंह गिल की अध्यक्षता में हुई, जिसमें छह कर्नल सदस्य के रूप में शामिल थे। यह कार्रवाई 8 माउंटेन डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल के. महेश के आदेश पर शुरू की गई थी।
कोर्ट मार्शल द्वारा दी गई सजा अब कन्वीनिंग अथॉरिटी की मंजूरी के बाद अंतिम मानी जाएगी। सेना के नियमों के अनुसार, किसी भी अधिकारी को बर्खास्तगी से पहले अपील का अधिकार दिया जाता है।
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