Bangladesh Rape Cases: बांग्लादेश में पिछले कुछ दिनों में बलात्कार के मामलों में भारी वृद्धि देखने को मिली है। सरकार की परेशानियों में इजाफा हुआ है, क्योंकि 20 जून से 29 जून के बीच 24 बलात्कार मामले सामने आए हैं। यह घटनाएँ बांग्लादेश के लिए गंभीर संकट बन गई हैं, और अब सरकार इस मुद्दे को प्राथमिकता के तौर पर देख रही है।
सरकार का त्वरित प्रतिक्रिया- Bangladesh Rape Cases
इन बढ़ते मामलों को लेकर बांग्लादेश सरकार के वरिष्ठ सलाहकार, शरमीन एस मुर्शिद, ने चिंता जताई और इसे महामारी के स्तर का संकट करार दिया। शरमीन, जो सामाजिक कल्याण मंत्रालय और महिला एवं बाल मामलों मंत्रालय की सलाहकार हैं, ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वह पिछले 40 साल से महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हिंसा पर काम कर रही हैं, लेकिन यह समस्या पहले कभी इतनी गंभीर नहीं हुई। उनका कहना था कि देश में सरकारें कई बार बदलीं, लेकिन इस समस्या का स्थायी समाधान कभी नहीं हो पाया।
क्विक रिस्पांस टीम का गठन
शरमीन मुर्शिद ने इस बढ़ती समस्या पर प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि, मुजफ्फरनगर और कुमिल्ला में महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनाओं के बाद, स्थानीय अधिकारियों की निगरानी में एक क्विक रिस्पांस टीम तैनात की गई है, जो घटनाओं के बाद त्वरित कार्रवाई करेगी। इसके अलावा, बांग्लादेश सरकार ने उप-जिला स्तर पर जांच टीमों का गठन किया है, जो बलात्कार मामलों की त्वरित और गहन जांच करेंगे। इन टीमों का नेतृत्व स्थानीय अधिकारी करेंगे।
मदरसों और धार्मिक संस्थानों पर निगरानी
शरमीन मुर्शिद ने मदरसों और धार्मिक स्कूलों पर भी सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि ये संस्थान अक्सर दूर-दराज के क्षेत्रों में होते हैं, जहां बच्चों के साथ यौन उत्पीड़न की घटनाएं हो रही हैं। उन्होंने इस पर गंभीर चिंता जताई और कहा कि मदरसों की निगरानी को और सख्त किया जाना चाहिए। उनकी इस सलाह का उद्देश्य यह है कि इन संस्थानों से हमें कोई स्पष्ट आंकड़े प्राप्त नहीं हो पा रहे हैं, और यहां बच्चों के साथ हो रहे उत्पीड़न के मामलों को रोकने के लिए कड़ी निगरानी की आवश्यकता है।
शिकायतों का अंबार और सरकार की कार्रवाई
शरमीन मुर्शिद ने बताया कि पिछले 10-11 महीनों में मंत्रालय को अपने टोल-फ्री हॉटलाइन के माध्यम से 281,000 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। हालांकि, कर्मचारियों की कमी के कारण इन सभी कॉल्स का जवाब देना मुश्किल हो रहा था। उन्होंने यह भी वादा किया कि अब प्रतिक्रिया दल घटनाओं के 24 घंटे के भीतर त्वरित कार्रवाई करेंगे। शरमीन ने कहा कि अब मंत्रालय एड हॉक तरीके से काम नहीं करेगा, बल्कि अधिकारियों को जिलों से परे गांवों और यूनियनों तक भेजा जाएगा, ताकि हर पीड़ित को सहायता मिल सके।
समाजिक गिरावट और अन्य कारण
इस मुद्दे पर शरमीन मुर्शिद ने यह भी बताया कि बलात्कार की बढ़ती घटनाओं की जड़ें राजनीति, नशीले पदार्थों, टेक्नोलॉजी और सामाजिक गिरावट में हैं। उन्होंने कहा कि आजकल के बच्चों पर मोबाइल फोन और पोर्नोग्राफी का अनियंत्रित प्रभाव पड़ रहा है, जिससे उनकी मानसिकता पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। एक चिंताजनक उदाहरण देते हुए, शरमीन ने कहा कि 10 साल के एक बच्चे ने ढाई साल की बच्ची का यौन उत्पीड़न किया, जो इस समस्या की गंभीरता को दर्शाता है।
कानूनी स्थिति और समाधान
शरमीन ने यह भी कहा कि बांग्लादेश में कानून पहले से ही कड़े हैं, लेकिन इसके बावजूद परिवारों, कार्यस्थलों, सार्वजनिक स्थानों और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर यौन उत्पीड़न की घटनाएं बढ़ रही हैं। इस पर उन्होंने चिंतित लहजे में कहा, “हम इसे अब नजरअंदाज नहीं कर सकते।” उनका मानना है कि सभी स्तरों पर सक्रिय निगरानी और सख्त कदम इस समस्या को हल करने में मदद करेंगे।