Bulandshahr News: बुलंदशहर जिले के औरंगाबाद थाना क्षेत्र के ख्वाजपुर गांव में 7 मई को 25 वर्षीय अर्जुन लोधी की लाश पेड़ से फांसी पर लटकी मिली थी। अर्जुन पर एक BA की छात्रा कुमकुम को किडनैप करने का आरोप था। 2 मई से गायब कुमकुम की खोज में पुलिस जुटी थी, लेकिन अर्जुन की मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। इस मामले में हत्या या आत्महत्या, दोनों ही पहलुओं पर पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।
घटना की शुरुआत: गायब छात्रा और अर्जुन पर आरोप- Bulandshahr News
कुमकुम, जो दिलावरी देवी डिग्री कॉलेज चिंगराठी में BA की छात्रा थी, 2 मई को दोपहर 12 बजे घर से कॉलेज जाने के लिए निकली थी, लेकिन उसके बाद उसका कुछ अता-पता नहीं चला। उसके पिता सुरेंद्र लोधी ने अर्जुन पर किडनैपिंग का आरोप लगाते हुए 4 मई को एफआईआर दर्ज कराई थी। इसके बाद पुलिस ने अर्जुन को पूछताछ के लिए बुलाया, लेकिन अर्जुन गुरुग्राम में अपने काम पर था और गांव नहीं आया।
अर्जुन की बहन शीतल की शिकायत
अर्जुन की बहन शीतल ने बताया कि पुलिस ने मुकदमा दर्ज होने के बाद घर में तोड़फोड़ की और परिवार को धमकियां दीं। शीतल के अनुसार, पुलिस ने उन्हें चेतावनी दी थी कि अगर अर्जुन को नहीं ढूंढा गया, तो वे घर की ईंट से ईंट बजा देंगे। अर्जुन के परिवार को डर था कि पुलिस पूछताछ के नाम पर उसे टॉर्चर कर सकती है, इसलिए वह पुलिस से बचने के लिए इधर-उधर छिपता था।
अर्जुन का गांव लौटना और बाद की घटनाएं
अर्जुन 6 मई को अपने मामा के पास छिपने के लिए उटरावली गांव गया था। मामा वीरेंद्र ने बताया कि अर्जुन घबराया हुआ था और कह रहा था कि उसे पुलिस के डर से कहीं भी जाना पड़े, लेकिन उसे अपनी निर्दोषिता का पूरा विश्वास था। 7 मई को अर्जुन फिर से ख्वाजपुर लौटा, और बाद में उसकी लाश पेड़ से लटकी हुई पाई गई। अर्जुन के परिवार ने शक जताया है कि उसे हत्या करके लटकाया गया है, और यह शक लड़की के परिवार द्वारा किया गया हो सकता है, क्योंकि घटनास्थल के पास लड़की के परिवार के लोग शराब पीते हुए देखे गए थे।
पुलिस का बयान और जांच की दिशा
इस मामले में पुलिस ने अर्जुन की मौत के बाद लड़की के परिवार के कई सदस्यों को हिरासत में लिया है। पुलिस ने कहा है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत के कारण का पता चलेगा। औरंगाबाद थाना प्रभारी वरुण शर्मा ने बताया कि अभी तक शव की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट नहीं आई है, और जांच जारी है।
अपर पुलिस अधीक्षक (ASP) रिजुल कुमार ने कहा कि पुलिस की टीमें कुमकुम की खोज में लगी हुई हैं, लेकिन फिलहाल उसका कोई पता नहीं चल पाया है। उन्होंने बताया कि अर्जुन से बातचीत करने की कोशिश की गई, लेकिन वह सामने नहीं आया था। पुलिस का कहना है कि जब तक कुमकुम की बरामदगी नहीं होती, तब तक यह भी स्पष्ट नहीं हो पाएगा इसमें अर्जुन की कितनी भागीदारी थी?
मामले में उलझनें और सवाल
इस पूरे मामले में सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर वह छात्रा कहां है? उसके लापता होने से पहले अर्जुन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी, और अब अर्जुन की मौत हो चुकी है। क्या उसकी मौत हत्या है या आत्महत्या, यह पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से साफ होगा। पुलिस द्वारा अर्जुन के परिवार को बार-बार धमकाने और दबाव बनाने के आरोप भी सामने आ रहे हैं, जिनसे मामले की सच्चाई पर संदेह उठता है।
अर्जुन की मौत के बाद, पुलिस को यह भी समझना होगा कि अर्जुन ने क्यों खुद को छिपा रखा था और क्या उसकी मौत का कारण वही लोग हैं जिन्होंने कुमकुम की गुमशुदगी के बाद अर्जुन को आरोपित किया। यह घटना न केवल पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाती है, बल्कि इस केस में शामिल सभी पक्षों के बीच के तनाव और दबाव को भी सामने लाती है।