Chhangur Baba Crime History: जैसे-जैसे 70 वर्षीय जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा से पूछताछ बढ़ रही है, उसके काले कारनामों की परतें खुलती जा रही हैं। छांगुर बाबा, जिन्होंने धर्मांतरण का जाल फैला रखा था, पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), एटीएस और आयकर विभाग जैसी प्रमुख जांच एजेंसियों ने कार्रवाई शुरू कर दी है। अब तक की जांच में यह सामने आया है कि बाबा ने चार हजार से ज्यादा लोगों को धर्मांतरण कराकर उन्हें इस्लाम अपनाने के लिए मजबूर किया।
धर्मांतरण का खतरनाक नेटवर्क- Chhangur Baba Crime History
एटीएस की एफआईआर के मुताबिक, छांगुर बाबा ने ‘शिजरा-ए-तय्यबा’ नामक किताब के जरिए दलितों, गरीबों और महिलाओं को इस्लाम अपनाने के लिए प्रेरित किया। इसमें ऐसी बातें थीं, जो समाज में असंतोष और भ्रम फैलाने का काम करती थीं। जांच में यह खुलासा हुआ है कि बाबा ने करीब 3,000 से 4,000 हिंदू व्यक्तियों को जबरन या लालच देकर इस्लाम में धर्मांतरण कराया, जिनमें 1500 से ज्यादा महिलाएं शामिल थीं। यह कदम एक संगठित धर्मांतरण रैकेट की ओर इशारा करता है, जो पूरे इलाके में फैला हुआ था।
धन उगाही और फर्जी संस्थाएं
ईडी की जांच के दौरान यह सामने आया कि छांगुर बाबा और उसके सहयोगियों ने 40 से ज्यादा फर्जी एनजीओ और संस्थाएं बनाई थीं, जिनके माध्यम से 100 से अधिक बैंक खाते खोले गए। इन खातों में अरब देशों से करोड़ों रुपये ट्रांसफर हुए, जिनमें मिडिल ईस्ट, दुबई और ओमान जैसे देशों से विदेशी चंदा आता था। इस धन उगाही से जुड़ा यह नेटवर्क विदेशी चंदा अधिनियम का उल्लंघन करते हुए चलाया जा रहा था। ईडी ने इन खातों के विवरण संबंधित बैंकों से मांगे हैं और जल्द ही इन संपत्तियों को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत अटैच करने की प्रक्रिया शुरू करने जा रही है।
100 करोड़ की अवैध संपत्ति और बेशुमार संपत्तियां
शुरुआत में, बाबा ने बहराइच, बलरामपुर, नागपुर और पुणे जैसे शहरों में अवैध रूप से संपत्तियां खरीदीं। इनमें से कई संपत्तियां सरकारी जमीनों पर कब्जा कर बनाई गई थीं। बहराइच के बलरामपुर में स्थित एक आलीशान कोठी को जिला प्रशासन ने कार्रवाई के बाद जमीनदोज़ कर दिया, क्योंकि यह कोठी सरकारी भूमि पर बनी थी। छांगुर बाबा के पास 100 करोड़ से अधिक की अवैध संपत्ति होने की जानकारी मिली है, जिसकी जांच की जा रही है।
स्विस बैंक से दुबई तक फैला नेटवर्क
जांच में यह भी सामने आया कि छांगुर बाबा के सहयोगी नवीन रोहरा का स्विस बैंक में खाता है। नवीन कुछ समय पहले दुबई से लौटकर बलरामपुर में ज़मीनें खरीद रहा था। इस दौरान उसकी गतिविधियों पर भी शक किया गया है, और जांच में यह पाया गया कि उसके खातों में करोड़ों की विदेशी रकम ट्रांसफर हुई। बाद में यह पैसे छांगुर बाबा, नीतू और महबूब के खातों में भेजे गए। इस मामले में अंतरराष्ट्रीय जांच एजेंसियों के सहयोग से भी जांच की जाएगी।
अब्दुल मोहम्मद राजा की भूमिका
छांगुर बाबा का सबसे करीबी सलाहकार अब्दुल मोहम्मद राजा, जो धर्मांतरण के रैकेट में सक्रिय था, अब जांच के दायरे में है। जानकारी के अनुसार, राजा ने न केवल बाबा को धर्मांतरण के तरीके सिखाए, बल्कि लड़कियों को फंसाने की ट्रेनिंग भी दी। इस ट्रेनिंग का उद्देश्य था कि लड़की किसी मुस्लिम युवक के प्रेमजाल में फंसकर आसानी से धर्म बदल ले। राजा के बैंक खातों में भी करोड़ों का लेन-देन हुआ है, और अब एटीएस उसकी गिरफ्तारी की कोशिश कर रही है।
इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और मोबाइल की जांच
ईडी ने छांगुर बाबा के पिछले छह महीने के आयकर रिटर्न की जानकारी आयकर विभाग से मांगी है। साथ ही, बाबा के मोबाइल फोन, लैपटॉप और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। जांचकर्ताओं का मानना है कि इन डिवाइसों में धर्मांतरण से जुड़ी वीडियो, संपर्क सूत्र और लेन-देन का डेटा मिल सकता है, जो इस मामले को और गहरे तक पहुंचाने में मदद करेगा।
धर्मांतरण के शिकार लोगों की पहचान में एटीएस जुटी
धर्मांतरण रैकेट की शुरुआत पहले एसटीएफ ने की थी, लेकिन अब पुख्ता सबूत मिलने पर जांच यूपी एटीएस को सौंप दी गई है। एटीएस अब धर्मांतरण के शिकार लोगों को पहचानने में जुटी है, लेकिन एक बड़ी चुनौती यह है कि अधिकांश पीड़ित आज भी बाबा के खिलाफ बोलने से डरते हैं।