Delhi Crime News: कहां गायब हो रही हैं दिल्ली की बेटियां? हर दिन 41 महिलाएं और बच्चियां लापता

Delhi Crime News
Source: Google

Delhi Crime News: दिल्ली, देश की राजधानी होने के बावजूद, महिलाओं और बच्चियों के लिए अब भी पूरी तरह सुरक्षित नहीं है। दिल्ली पुलिस के ताज़ा आंकड़े इस सच्चाई को एक बार फिर उजागर करते हैं। इस साल 1 जनवरी से 15 अक्टूबर 2025 के बीच कुल 19,682 लोग लापता हुए हैं, जिनमें से 61 प्रतिशत यानी 11,917 महिलाएं और बच्चियां हैं। यानी औसतन हर दिन 41 महिलाएं या बच्चियां राजधानी से लापता हो रही हैं। वहीं 7,765 पुरुष (39 प्रतिशत) इस अवधि में गायब हुए हैं।

और पढ़ें: Mumbai Hostage Case: 2 लाख के विवाद ने रचा डरावना ड्रामा, रोहित आर्या केस में नया खुलासा

कुल लापता लोगों में से आधे से ज्यादा अब भी लापता- Delhi Crime News

दिल्ली पुलिस के अनुसार, लापता व्यक्तियों में से करीब 55 प्रतिशत (10,780) लोगों का अब तक पता लगाया जा चुका है। इनमें से 6,541 महिलाएं (61%) और 4,239 पुरुष (39%) शामिल हैं। पुलिस का कहना है कि कई बार लोग पारिवारिक झगड़ों या आर्थिक तनाव जैसी वजहों से घर छोड़ देते हैं, जबकि कुछ मामले आपराधिक गिरोहों से जुड़े होते हैं।

लापता बच्चों में भी बच्चियां ज्यादा

लापता लोगों में से 25 प्रतिशत (4,854) बच्चे और 75 प्रतिशत (14,828) वयस्क हैं। सबसे चिंता की बात यह है कि लापता बच्चों में 72 प्रतिशत (3,509) बच्चियां हैं, जबकि केवल 28 प्रतिशत (1,345) लड़के हैं। इनमें से ज्यादातर मामले 12 से 18 वर्ष की किशोरियों के हैं, जो सबसे असुरक्षित वर्ग के रूप में उभर रही हैं।

इस आयु वर्ग में कुल 4,167 बच्चे लापता हुए, जिनमें से 78 प्रतिशत (3,258) लड़कियां और 22 प्रतिशत (909) लड़के हैं। पुलिस अब तक 68 प्रतिशत बच्चियों (2,231) और 72 प्रतिशत लड़कों (653) को खोजने में सफल रही है।

कम उम्र के बच्चों का भी हाल चिंताजनक

छोटे बच्चों के मामले भी कम चौंकाने वाले नहीं हैं। 0 से 8 वर्ष की उम्र के बीच 304 बच्चे लापता हुए, जिनमें 41 प्रतिशत (124) बच्चियां और 59 प्रतिशत (180) लड़के थे। इनमें से करीब 60 प्रतिशत बच्चियां और 51 प्रतिशत लड़के बरामद किए गए।
वहीं 8 से 12 वर्ष की उम्र के 383 बच्चों में 33 प्रतिशत (127) बच्चियां और 67 प्रतिशत (256) लड़के थे। इस श्रेणी में बरामदगी की दर थोड़ी बेहतर रही, जहां 72 प्रतिशत लड़कियां और 76 प्रतिशत लड़के खोज लिए गए।

पिछले दस सालों में भी महिलाओं का अनुपात ज्यादा

दिल्ली पुलिस के आंकड़ों पर नजर डालें तो यह ट्रेंड नया नहीं है। 2015 से 2025 के बीच पिछले 10 वर्षों में कुल 2.51 लाख लोग लापता हुए, जिनमें 56 प्रतिशत (1,42,037) महिलाएं और 44 प्रतिशत (1,09,737) पुरुष थे। यानी हर दशक में लापता होने वाले लोगों में महिलाओं का अनुपात लगातार ऊंचा बना हुआ है।

पिछले साल यानी 2024 में ही 24,893 लोग लापता हुए थे, जिनमें से 59 प्रतिशत (14,752) महिलाएं और बच्चियां थीं। इनमें से 61 प्रतिशत (15,260) लोगों का पता लगाया जा चुका था। वहीं 2023 में भी लापता व्यक्तियों में 58 प्रतिशत महिलाएं थीं — जो दिखाता है कि यह लिंग आधारित असमानता लगातार बनी हुई है।

किशोरियां सबसे ज्यादा जोखिम में

पुलिस और सामाजिक संगठनों का मानना है कि किशोर उम्र की बच्चियां सबसे ज्यादा खतरे में हैं। कई बार वे घर के झगड़ों, पढ़ाई के दबाव या सोशल मीडिया के बहकावे में घर छोड़ देती हैं। लेकिन चिंताजनक बात यह है कि कुछ मामलों में ये बच्चियां मानव तस्करी या अन्य अपराधों की शिकार बन जाती हैं।

और पढ़ें: Mumbai Crime News: मुंबई में ऑडिशन के बहाने बच्चों को बंधक बनाने वाला रोहित आर्या गिरफ्तार, वीडियो में बोला— “मुझे उकसाओ मत”

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here