Delhi Gandhi Vihar Murder: जब फॉरेंसिक छात्रा ने रचा ‘परफेक्ट मर्डर’,  पर इस गलती से खुल गया राज

Delhi Gandhi Vihar Murder
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Delhi Gandhi Vihar Murder: दिल्ली के गांधी विहार में कुछ हफ्ते पहले लगी आग को लोग एक हादसा मान रहे थे, लेकिन जब पुलिस ने परतें खोलीं, तो सामने आई एक साइंटिफिक मर्डर की साजिश, जिसने हर किसी को चौंका दिया। यह कोई सामान्य हत्या नहीं थी, बल्कि एक ठंडे दिमाग से रचा गया परफेक्ट क्राइम था, ऐसा अपराध जिसमें विज्ञान और बदले का ज़हर साथ-साथ चले। इस कहानी की मुख्य किरदार है अमृता चौहान, 21 साल की फॉरेंसिक साइंस की छात्रा, जिसने अपराध को किताबों में नहीं, हकीकत में अंजाम दिया।

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आग नहीं, मर्डर का धुआं था- Delhi Gandhi Vihar Murder

6 अक्टूबर 2025 की सुबह गांधी विहार की एक चार मंज़िला इमारत के चौथे माले से धुआं उठता देखा गया। लोगों ने सोचा गैस लीक या शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगी है। दमकल की गाड़ियाँ पहुंचीं, आग बुझाई गई, और अंदर से एक झुलसा हुआ शव बरामद हुआ।
मृतक की पहचान 32 वर्षीय रामकेश मीना के रूप में हुई, जो दिल्ली में रहकर UPSC की तैयारी कर रहा था। लेकिन कमरे की हालत देखकर पुलिस को शक हुआ कि यह कोई साधारण हादसा नहीं है। बिखरा सामान, टूटा फर्नीचर और जलने की स्थिति से साफ था कि मामला कुछ और है।

सीसीटीवी ने खोली ‘परफेक्ट मर्डर’ की पटकथा

जांच के दौरान पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले। 5 अक्टूबर की रात दो नकाबपोश लोग उस इमारत में दाखिल होते दिखे, लेकिन कुछ देर बाद सिर्फ एक लड़की बाहर निकलती दिखाई दी। रात के 2:57 बजे, वही लड़की थी अमृता चौहान, जिसके साथ उसका साथी सुमित कश्यप भी बाहर निकलता दिखा। कुछ ही मिनटों बाद कमरे में आग भड़क उठी।
जब पुलिस ने अमृता का मोबाइल डेटा और लोकेशन ट्रैक की, तो पता चला कि वह उसी रात गांधी विहार में मौजूद थी। यहीं से इस ‘परफेक्ट क्राइम’ की परतें खुलने लगीं।

फॉरेंसिक की छात्रा बनी क्राइम मास्टर

अमृता चौहान, जो फॉरेंसिक साइंस की छात्रा थी, उसने विज्ञान को हत्या के औज़ार में बदल दिया। पूछताछ में उसने कबूला कि उसने अपने एक्स-बॉयफ्रेंड सुमित कश्यप (एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर) और दोस्त संदीप कुमार (एसएससी अभ्यर्थी) के साथ मिलकर रामकेश की हत्या की थी।
हत्या की वजह थी बदला। दरअसल, रामकेश ने अमृता के प्राइवेट फोटो और वीडियो डिलीट करने से इनकार कर दिया था। गुस्से में उसने अपने साथियों के साथ एक ऐसी योजना बनाई जिससे मौत एक हादसे की तरह दिखे।

मौत को हादसा दिखाने की चाल

5 अक्टूबर की रात तीनों गांधी विहार पहुंचे। वहां उन्होंने पहले रामकेश का गला दबाकर हत्या की, फिर उसके शव पर घी, तेल और वाइन डाली ताकि आग तेजी से फैले।
सुमित ने सिलेंडर का नॉब खोला, गैस फैलाई और फिर आग लगा दी। अमृता ने चालाकी से दरवाजे की जाली हटाकर अंदर से ताला लगाया, ताकि बाहर वालों को लगे कि यह गैस ब्लास्ट का मामला है। कुछ देर बाद धमाका हुआ, और लोगों को लगा कि यह महज़ एक हादसा था।

पुलिस की सूझबूझ से टूटी चालाकी

लेकिन दिल्ली पुलिस की तिमारपुर टीम ने हकीकत सामने ला दी। तकनीकी सर्विलांस, सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल डेटा के आधार पर 18 अक्टूबर को अमृता को मुरादाबाद से गिरफ्तार किया गया।
उसके बाद 23 अक्टूबर तक सुमित और संदीप भी पकड़े गए। पुलिस को अमृता के कमरे से हार्ड डिस्क, ट्रॉली बैग और मृतक की शर्ट बरामद हुई, जो उसके अपराध के सबूत थे।

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