Delhi Police Inspector Bribe Scandal: 27 अप्रैल 2025 को विपिन नाम के एक शख्स ने दिल्ली की डिविजनल इंटेलीजेंस यूनिट में तैनात इंस्पेक्टर सुनील जैन के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज कराई थी। विपिन ने एफआईआर में कहा था कि विपिन के एक रिश्तेदार प्रवीन लाकड़ा, जो कि पेशे से प्रॉपर्टी डीलर है और दिल्ली के नरेला में रहते है। उन्हें बीते 1 साल से परेशान किया जा रहा है। इतना ही नहीं उन पर एक नहीं बल्कि दो दो फर्जी मुकादमा दर्ज करके उन्हें लगातार इन मुकदमों को खारिज करने के लिए करोड़ो रूपय की रिश्वत की मांग की जा रही है।
कैसे हुआ पर्दाफाश
दिल्ली पुलिस के इस मामले में शामिल होने के कारण एंटी करप्शन ब्यूरो के भी कान खड़े हो गए। लगातार नजर बनाए रखने के बाद एसीबी रोहतक की टीम ने सोनीपत के ज्ञान गंगा स्कूल पर छापेमारी की और उसी स्कूल में क्लर्क के रूप में काम कर रहे संदीप शर्मा नाम के शख्स को 30 लाख रूपय रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। संदीप शर्मा सुनील जैन का रिश्तेदार है। गौरतरब है कि इंस्पेक्टर सुनील जैन जिसके नाम पर रिश्वत ली जा रही थी, और छापेमारी की जगह ज्ञान गंगा स्कूल के मालिक सुधीर जैन का भाई है। इसलिए इस जगह पर रिश्वत लेना ज्यादा आसान था।
क्यों मांगी जा रही थी रिश्वत
शिकायतकर्ता विपिन ने बताया कि उसके रिश्तेदार प्रवीन लाकड़ा पर दिल्ली के अलीपुर थाना में 2024 में नरेला के ही प्रवीन गुप्ता ने केस दर्ज किया था कि प्रवीन लाकड़ा ने उससे जबरन रुपये मांगे तो वहीं 2025 में मामला दर्ज किया मारपीट का। इस मामले में 5 लोगो पर मामला दर्ज किया गया था जिसमें केवल प्रवीण लाकड़ा ही एंटीसिपेट्री बेल पर फिलहाल बाहर है। इन दोनों मामलों की जांच की जिम्मेदारी अलीपुर थाना से दिल्ली की डिविजनल इंटेलीजेंस यूनिट में तैनात इंस्पेक्टर सुनील जैन के पास थी। शिकायतकर्ता ने कहा कि उसने सुनील जैन से मामले को निरस्त करने की अपील की थी, लेकिन उन्होंने उसके बदले 1 करोड़ रूपय की रिश्वत की मांग की थी, लेकिन दोनों के बीत 70 लाख रूपय की रिश्वत में बात बनी। जिसकी पहली किश्त 30 लाख रूपय के लिए सोनीपत में मौजूद अपने भाई का स्कूल चुना..और स्कूल के क्लर्क पर रिश्वत के पैसे लेने की जिम्मेदारी थी। लेकिन घात लगा कर बैठे एंटी करप्शन ब्यूरो ने वहां मौके पर छापेमारी की और सुनील जैन की इस भ्रष्टाचार के खेल का पर्दाफाश हो गया।
गिरफ्तार हुए सुनील जैन
इस गिरफ्तारी के बाद एंटी करप्शन ब्यूरो की एक और टीम तुरंत दिल्ली पहुंची और इंस्पेक्टर सुनील जैन को गिरफ्तार कर लिया। प्रवीण लाकड़ा के वकील के मुताबिक प्रवीण लाकड़ा को जानबूझ कर फंसाया गया जिसके बाद इस मामले से उनके नाम को साफ करने के लिए उनसे सवा करोड़ रुपए की रिश्वत की मांग की गई। इस मामले में कई और पुलिस अधिकारियो के शामिल होने की बात कहीं जा रही है जिसमें रविंद्र यादव, डीसीपी नॉर्थ वेस्ट बिशम सिंह भी रिश्वतखोरी के इस खेल में शामिल है। दरअसल रविंद्र यादव ने ही सुनील जैन से ये मैसेज भिजवाया था कि मामले को रफा दफा करने के लिए सवा करोड़ की रिश्वत देनी होगी। लेकिन प्रवीण लाकड़ा बेगुनाह होते हुए इतने पैसे नहीं देना चाहते थे, पीड़ित के वकील के मुताबिक पिछले तीन महीनों से वो लगातार इस मामले में कोर्ट के चक्कर लगा रहे है,,, तो वहीं आरोपी पुलिस वालों की तरफ से उन्हें लगातार रिश्वत देने के लिए प्रताड़ित किया जा रहा था।
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फोन से होगा और गुनाहों का पर्दाफाश
वकील ने बताया कि आरोपो को सिद्ध करने के लिए अगर सुनील जैन के फोन को खंगाला जाये…तो केवल प्रवीण लाकड़ा के साथ ही नहीं बल्कि उससे पहले भी कई भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के मामले सामने आयेंगे..आपको बताते चले कि सुनील जैन पर पहले भी इस तरह के आरोप लगे है, जब 2014 में दिल्ली के एसीबी ने एक भ्रष्टाचार-विरोधी केस दर्ज किया था जिसमें narcotics case को बंद करने के मामले में रिश्वत मांगने का आरोप लगा था। जिसमें ये केस बाद में सबूतो के अभाव में खारिज कर दिया गया था। जिसके ध्यान में रख कर एंटी करप्शन ब्यूरो ने इस बार उन्हें रंगे हाथों पकड़ने का फैसला किया। फिलहाल सुनील जैन एसीबी की गिरफ्त में है..लेकिन जल्द ही और भी कई बड़े नामों से पर्दा उठ सकता है।