Delhi Vasant Kunj Crime: श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट एंड रिसर्च (SRISIIM), वसंत कुंज से जुड़े फर्जी बाबा चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ पार्थ सारथी के खिलाफ जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे उसकी पोल भी खुलती जा रही है। कभी मैनेजमेंट और नीति शास्त्र के लेक्चर देने वाला ये भगवाधारी अब खुद कानून से भाग रहा है। वजह है कम से कम 17 छात्राओं द्वारा लगाए गए यौन शोषण के गंभीर आरोप, साथ ही करोड़ों रुपये के घोटाले और फर्जीवाड़ा।
फरार है फर्जी चांसलर, पुलिस के हाथ खाली- Delhi Vasant Kunj Crime
4 अगस्त 2025 को वसंत कुंज नॉर्थ थाने में चैतन्यानंद के खिलाफ FIR दर्ज होने के बाद से ही वो फरार है। पुलिस की टीमें पांच राज्यों में उसकी तलाश कर रही हैं, लेकिन अभी तक कोई सुराग नहीं मिला। उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी हो चुका है। माना जा रहा है कि वह काफी शातिर तरीके से भूमिगत हो गया है। पुलिस को शक है कि उसके संस्थान के कुछ लोग और बाहरी संपर्क इस भगोड़े बाबा को छिपाने में मदद कर रहे हैं।
पहले भी दर्ज हो चुके हैं केस, लेकिन हर बार बचता रहा
यह कोई पहली बार नहीं है जब चैतन्यानंद के खिलाफ गंभीर आरोप लगे हों। 2009 और 2016 में भी शिकायतें दर्ज हुई थीं। डिफेंस कॉलोनी थाने में हुई शिकायत की फाइलें आज तक खुली हैं, लेकिन रसूख और पैसों के बल पर बाबा हर बार कानून के शिकंजे से निकलता रहा। अब जब 17 छात्राओं ने खुलकर बयान दिए हैं, तो यह मामला फिर से तूल पकड़ चुका है।
शोषण का शिकार बनीं EWS छात्राएं
जिन लड़कियों ने चैतन्यानंद के खिलाफ आवाज उठाई है, उनमें ज़्यादातर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) की छात्राएं हैं। उन्हें करियर के मौके, विदेश यात्रा और स्कॉलरशिप का लालच देकर फंसाया जाता था। जो छात्राएं विरोध करतीं, उन्हें परीक्षा में फेल करने की धमकी मिलती। बताया गया है कि वॉर्डन तक इसमें शामिल थीं, जो लड़कियों को बाबा के कमरे में भेजने का काम करती थीं। WhatsApp पर अश्लील मैसेज भेजे जाते और फिर सबूत मिटाने के लिए चैट्स डिलीट कर दिए जाते। CCTV फुटेज तक टेम्पर किया जाता था।
16 साल पुराना है यह गंदा खेल
पूर्व छात्रों के मुताबिक, संस्थान में यह सिलसिला 2009 से ही चल रहा था। एक पूर्व छात्र ने ‘आज तक’ के कैमरे पर बताया कि ये एक “सिस्टेमैटिक शोषण” था, जिसमें बाबा का पूरा नेटवर्क काम करता था। लड़कियों को डराकर, धमकाकर और दबाव डालकर चुप कराया जाता था।
लग्जरी कारों का शौकीन, फर्जी डिप्लोमेटिक नंबर प्लेट का इस्तेमाल
चैतन्यानंद की लाइफस्टाइल भी किसी रईस से कम नहीं थी। पुलिस ने उसकी BMW और वोल्वो कार जब्त की है। वोल्वो कार पर फर्जी डिप्लोमेटिक नंबर प्लेट (39 UN 1) लगी थी, जिसके लिए अलग से एक केस दर्ज हुआ है। दावा है कि वो इन्हीं कारों से दिल्ली की सड़कों पर रौब झाड़ता घूमता था। BMW कार से ही वो फरार हुआ, लेकिन उसकी मंजिल अब भी रहस्य बनी हुई है।
फाइनेंशियल फ्रॉड: 20 करोड़ का गबन और 18 बैंक खातों पर कार्रवाई
मामला सिर्फ यौन शोषण का नहीं है। दिसंबर 2024 में जब संस्थान का प्रारंभिक ऑडिट हुआ, तब कई वित्तीय अनियमितताएं सामने आईं। जांच में पता चला कि चैतन्यानंद ने फर्जी ट्रस्ट बनाकर असली ट्रस्ट की सारी कमाई अपनी जेब में डालनी शुरू कर दी थी। ट्रस्ट से जुड़े 18 बैंक खातों और 28 फिक्स्ड डिपॉजिट को फ्रीज कर दिया गया है, जिनमें करीब 8 करोड़ रुपये हैं। जांच एजेंसियों के अनुसार, बाबा ने धार्मिक संस्थान की साख को अपनी निजी तिजोरी बना लिया था।
श्रृंगेरी पीठ ने तोड़ा रिश्ता, दर्ज कराई शिकायत
श्रृंगेरी मठ के प्रशासक पीए मुरली ने चैतन्यानंद के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। मठ ने बाबा को डायरेक्टर पद से हटा दिया है और उससे सभी आध्यात्मिक संबंध भी समाप्त कर दिए हैं। आरोप है कि बाबा ने मठ की संपत्तियों और फंड्स का निजी हित में दुरुपयोग किया, जो कि एक गंभीर आपराधिक विश्वासघात है।
कोर्ट ने ठुकराई अग्रिम जमानत याचिका
26 सितंबर 2025 को पाटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई हुई, जहां स्वामी चैतन्यानंद की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया। कोर्ट ने साफ कहा कि आरोप इतने गंभीर हैं कि ऐसे व्यक्ति को जमानत देना न्याय के खिलाफ होगा। कोर्ट को बताया गया कि बाबा खुद को UN प्रतिनिधि बताता था, जबकि वह एक फर्जीवाड़ा कर रहा था।
पुलिस का दावा: जल्द होगी गिरफ्तारी
दिल्ली पुलिस की DCP ऐश्वर्या सिंह ने कहा है कि पुलिस हर स्तर पर छानबीन कर रही है। कई जगह छापेमारी की गई है। तीन वॉर्डन से पूछताछ हो चुकी है, जो मैसेज डिलीट करने और सबूत मिटाने में शामिल थे। पुलिस को पूरा भरोसा है कि जल्द ही चैतन्यानंद को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।