Scam in PWD Bhopal: मध्य प्रदेश में पिछले 2 दशको से बीजेपी का शासन है, और साथ ही शासन है रिश्वतखोर अधिकारियों का। अभी एसडीएम नागार्जन का मामला उछला ही था कि एक और रिटायर अधिकारी निशाने पर आ गए है। दरअसल लोक निर्माण विभाग (PWD) के रिटायर्ड चीफ इंजीनियर गोविंद प्रसाद मेहरा उर्फ जीपी मेहरा(G.P.Mehra) पर लोकायुक्त पुलिस की गाज गिरी है, और उनके पूरे कार्यकाल में किये गए उनके काले कारनामे का कच्चा चिट्ठा खुल रहा है। जी हां, मध्य प्रदेश में ‘आय से अधिक संपत्ति’ अर्जित करने के भ्रष्टाचार के मामले में शायद ये सबसे बड़ा मामला है। जब करोड़ो की संपत्ति का खुलासा हुआ हो।
क्या है पूरा मामला
दरअसल शक के आधार पर पुलिस लोकायुक्त ने लोक निर्माण विभाग (PWD) के रिटायर्ड चीफ इंजीनियर गोविंद प्रसाद मेहरा उर्फ जीपी मेहरा के 4 ठिकानों गोविंदपुरा, बावड़िया कला, सोहागपुर और मणिपुरम में अचानक गुरुवार की सुबह सूबह छापेमारी की थी। लेकिन इस छापेमारी के बाद अधिकारियों के भी काम खड़े हो गए। पुलिस लोकायुक्त को छापेमारी में 8.79 लाख रुपये नकद, करीब 5 लाख रुपये के चांदी के जेवर, 2.649 किलोग्राम सोना, जिसकी कीमत करीब ₹3.05 करोड़ रूपय है, 56 लाख की फिक्स डिपॉजिट और करीब 60 लाख रुपये की संपत्ति से जुड़े दस्तावेज बरामद हुए। इतना ही नहीं जब पुलिस लोकायुक्त जीपी मेहरा के गांव नर्मदापुरम के सोहागपुर पहुंची तो वहां पर भी कई एकड़ ज़मीन, 32 अंडर-कंस्ट्रक्शन कॉटेज, सात बने हुए कॉटेज, एक तालाब, मछली पालन का कारोबार, 4 लग्जरी कारें, फोर्ड एंडेवर, स्कोडा सलाविया, किया सोनेट और मारुति सियाज , एक गौशाला, एक मंदिर और “17 टन शहद” बरामद किया गया है।
जीपी मेहरा की बेनामी संपत्ति की लिस्ट यहीं खत्म नहीं हुई। लोकायुक्त पुलिसने जब गोविंदपुरा में मौजूद केटी इंडस्ट्रीज में छापेमारी की तो फैक्ट्री में पीवीसी पाइप निर्माण से जुड़ा उपकरण, कच्चा माल, तैयार उत्पाद और 1.25 लाख रुपये नकद भी बरामद किये गए। इसी के साथ अब लोकायुक्त पुलिस जीपी मेहरा के बैंक खातों को खंगालने में लगी हुई है। छापेमारी में मिले दस्तावेजों में मुंबई में खरीदी गई संपत्ति के दस्तावेज, एफडी, शेयर, और बीमा की भी जानकारी हासिल हुई है।
कैसे हुआ खुलासा
दरअसल PWD के रिटायर्ड इंजीनियर जी.पी. मेहरा 2024 में ही रिटायर हो गए थे, लेकिन 2025 में पाया गया कि मेहरा के जारी किए गए टेंडरो और आदेशों में काफा गड़बड़िया है। जिसके बाद उनके पूरे कार्यकाल का कच्चा चिट्ठा खोला गया। जिसमें पाया गया कि विभागीय ठेके और निर्माण कार्यों में मेहरा ने बड़ी गड़बड़िया की है। जिसके बाद काफी साक्ष्य जमा करने के बाद लोकायुक्त की टीम मेहरा के 4 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की और शुरुआती जांच में ही इतने बड़े भ्रष्टाचार का खुलासा हो गया है। ऐसे में देखने ये होगा कि आखिर और कितने बड़े चेहरे भ्रष्टाचार के जाल में फंसते नजर आयेंगे।
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