अतीक-अशरफ के शूटर का गैंगस्टर कनेक्शन, यहां समझिए पूरी थ्योरी

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Atik-Asharf shooter, अतीक अहमद शूटर्स
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उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में पुलिस कस्टडी में माफिया अतीक अहमद (Atiq Ahmed) और उसके भाई अशरफ (Ashraf Ahmed) की शनिवार रात गोली मार कर हत्या कर दी गई. ये हत्या उस समय हुई जब इन दोनों को मेडिकल चेकअप के लिए अस्पताल ले जाया जा रहा था और इस दौरान तीन हत्यारों (अतीक अहमद शूटर्स) ने अतीक और उसके भाई अशरफ को मौके पर गोली मार दी. जिसके बाद रविवार को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में उसके पैतृक गांव में भारी सुरक्षा के बीच दफनाया दिया गया है. वहीं, जिन तीन लोगों ने अतीक और उसके भाई अशरफ को गोली मारी है उन्हें पुलिस ने मौके पर ही पकड़ लिया था और अब तीनों हत्यारों से क्राइम ब्रांच की टीम लगातार पूछताछ कर रही है और इस पूछताछ के दौरान कई सारे नए खुलासे हुए हैं.

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जानिए कौन हैं Atiq को मारने वाले शूटर 

जिन तीन युवकों ने इस वारदात को अंजाम दिया उनकी पहचान अरुण मौर्या, सनी और लवलेश तिवारी के रूप में हुई है. अतीक हत्याकांड में शामिल इन तीनो हत्यारों में से अरुण कासगंज का रहना वाला है. अरुण पर जीआरपी थाने में तैनात पुलिसकर्मी की हत्या करने के आरोप था और इस घटना के बाद वो फरार है. वहीं, सनी सिंह हमीरपुर जिले के कुरारा कस्बे का रहने वाला है. कुरारा पुलिस थाने का हिस्ट्रीशीटर है, जिसकी हिस्ट्रीशीट नंबर 281A है. उसके खिलाफ करीब 15 केस दर्ज हैं और लवलेश तिवारी बांदा जिले का रहने वाला है.

इसी के साथ लवलेश तिवारी बांदा (Lavlesh Tiwari) के क्योतरा का रहने वाला है और उसके खिलाफ चार पुलिस केस हैं. वह लड़की को थप्पड़ मारने के आरोप में जेल जा चुका है. ये तीनो हत्यारे अतीक अहमद और भाई अशरफ को ले जा रही पुलिस के काफिले के नजदीक पत्रकार बनकर पहुंचे और ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. इस दौरान करीब 18 राउंड गोलियां चलीं, जिनमें से 8 गोली अतीक अहमद को लगीं. वहीं वारदात को अंजाम देने के बाद तीनों हमलावरों ने सरेंडर कर दिया और अ रविवार को उन्हें कोर्ट में पेश किया गया और यहां से 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिए गया है.

अतीक अहमद शूटर्स

FIR के मुताबिक, शूटरों ने पूछताछ में बताया कि वे (अतीक अहमद शूटर्स) अपराध की दुनिया में बड़ा नाम बनाना चाहते थे, इसलिए उन्होंने अतीक अहमद और उसके भाई की हत्या की. इतना ही नहीं आरोपियों ने भी कहा कि वे पुलिस के घेरे के चलते भागने में सफल नहीं हो पाए. एक रिपोर्ट के अनुसार, मुख्य आरोपी सनी सिंह पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर सुंदर भाटी का गुर्गा का है. वहीं अतीक और अशरफ की हत्या जिस जिगाना पिस्टल से हुई, वह सुंदर भाटी के नेटवर्क से ही सनी को दी गई थी.

जानिए कौन है गैंगस्टर सुंदर भाटी

पश्चिम उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर सुंदर भाटी (Sunder Bhati) पर हत्या, हत्या का प्रयास, रंगदारी, लूट, मारपीट के 60 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं. भाटी को बीते साल ही हरेंद्र प्रधान की हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी और इस समय  वह सोनभद्र जेल में बंद है, लेकिन लगभग डेढ साल पहले सुंदर हमीरपुर जेल में बंद था. इसी हमीरपुर जेल में सनी सिंह लूट की वारदात को अंजाम देने अंजाम देने के चलते बंद था. इसी जेल में सनी की दबंगई को देखकर गैंगस्टर भाटी उसे अपने करीब लाया और धीरे-धीरे सनी उनके साथ शामिल हो गया. वहीं अतीक हत्याकांड की जाँच के लिए यूपी सरकार ने 3 सदस्यीय न्यायिक कमीशन का गठन किया है. इस कमेटी का गठन हाईकोर्ट के जज अरविंद कुमार त्रिपाठी, रिटायर जज बृजेश कुमार सोनी, पूर्व पुलिस डीजीपी सुभाष कुमार सिंह सदस्य होंगे.

अतीक को थी हत्या की खबर

साबरमती जेल से बाहर निकलने के बाद अतीक अहमद ने आशंका जताई थी कि उसकी हत्या की जा सकती है. उसे जेल से बाहर पुलिस वैन में लाया जा रहा था. उस दौरान उसने मीडिया से कहा, ‘हत्या, हत्या.’ जब उससे पूछा गया कि पुलिस वैन में सेफ्टी है, डर क्यों लग रही है? तो उसने कहा ‘मुझे इनका प्रोग्राम (योजना) मालूम है. हत्या करना चाहते हैं.’

2019 से जेल में बंद था अतीक अहमद

सपा का पूर्व सांसद अतीक अहमद जून 2019 से साबरमती जेल में बंद था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, अतीक अहमद को उसके गृह राज्य (उत्तर प्रदेश) से साबरमती जेल ट्रान्सफर कर दिया गया था. अतीक अहमद पर कई सारे आरोप दर्ज लेकिन 25 जनवरी साल 2005 को प्रयागराज में एक ऐसी घटना घटी, जिसकी वजह से अतीक और उसके परिवार के सियासी करियर को तबाह हो गया.

जानिए क्या है उमेश पाल हत्याकांड

उमेश पाल हत्याकांड (Umesh Pal murder case) की शुरुआत साल 2005 में 25 जनवरी को हुई. राजू पाल जो उस समय बसपा के विधायक थे और उनको दिनदहाड़े प्रयागराज की सड़कों पर गोली मार दी गई. उमेश पाल इस केस में गवाह थे. और उमेश पाल की गवाही रोकने के लिए 28 फरवरी 2006 को उमेश पाल का अपहरण कर लिया गया. इसके एक साल बाद उमेश पाल ने प्रयागराज के धूमनगंज थाने में साल 2007 में केस दर्ज करवाया. वहीं जब उमेश पाल पर कोर्ट में इस मामले की गवई देकर लौटा तब 24 फरवरी को उमेश पाल कोर्ट गया था. कोर्ट की कार्रवाई खत्म होने के बाद उमेश पाल अपने भतीजे की क्रेटा कार से घर वापस आ रहे थे.

अतीक अहमद शूटर्स – कोर्ट से उनका पीछा कर रहे बदमाशों ने गाड़ी से उतरते ही घर के सामने गोली मारकर उमेश पाल की हत्या कर दी थी और इस हत्याकांड में असद भी शामिल था परिवार भी है अपराधों में शामिल अतीक जहाँ खुद गुजरात की साबरमती जेल में बंद है तो छोटा भाई अशरफ यूपी की बरेली जेल में. बड़ा बेटा उमर लखनऊ जेल में कैद है तो दूसरा बेटा अली अहमद प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में बंद है. तीसरे बेटे असद पर उमेश पाल शूटआउट केस में ढाई लाख रुपये का इनाम घोषित है तो पत्नी शाइस्ता परवीन फरार थी. वहीं उमेश पाल हत्याकांड में शामिल (Asad Ahmed Encounter) असद और शूटर गुलाम दोनों ही 24 फरवरी से फरार चल रहे थे जिसके बाद STF ने इन दोनों का एनकाउंटर कर मार गिराया.

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