IAS Sandeep Bhagia: उत्तर प्रदेश के नोएडा में एक आईएएस अधिकारी पर महिला अधिकारियों द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों ने राज्य के प्रशासनिक हलकों में खलबली मचा दी है। मामला जीएसटी विभाग से जुड़ा है, जहां वर्तमान में अपर आयुक्त के पद पर तैनात आईएएस संदीप भागिया पर शोषण, उत्पीड़न और अमानवीय व्यवहार के आरोप लगे हैं। पीड़ित महिला अधिकारियों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर पूरे मामले की जांच कराने और कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
क्या है पूरा मामला? (IAS Sandeep Bhagia)
नोएडा में जीएसटी विभाग में कार्यरत कई महिला अधिकारियों ने आरोप लगाया है कि संदीप भागिया पिछले चार महीनों से लगातार उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं। सीएम को भेजे गए पत्र में महिलाओं ने लिखा है कि भागिया ने उनके साथ ‘गुलामों जैसा व्यवहार’ किया है।
पत्र में लिखा गया है कि संदीप भागिया अक्सर महिला अधिकारियों को लेकर अपमानजनक भाषा का प्रयोग करते हैं। उन्हें धमकाते हुए कहते हैं – ‘पेल दूंगा’, ‘बर्बाद कर दूंगा’, ‘नौकरी खा जाऊंगा’। शिकायत में यह भी आरोप है कि वे महिला अधिकारियों को इस कदर मानसिक दबाव में रखते हैं कि वे डर और तनाव में काम कर रही हैं।
महिलाओं ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो और आरोपी अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि अन्य महिला कर्मचारियों के आत्मसम्मान की रक्षा की जा सके।
कौन हैं संदीप भागिया?
आईएएस संदीप भागिया वर्ष 2018 बैच के अधिकारी हैं और मूल रूप से लखनऊ के रहने वाले हैं। उनके पिता दर्शनलाल शिव शांति आश्रम में सेवादार हैं। संदीप ने लखनऊ पब्लिक स्कूल से इंटरमीडिएट की पढ़ाई की और बाद में IIT दिल्ली से इंजीनियरिंग की डिग्री ली।
सिविल सेवा की तैयारी उन्होंने सिंधी साहित्य विषय लेकर की और पांचवें प्रयास में UPSC 2017 में ऑल इंडिया 30वीं रैंक हासिल की। जब उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा पास की, उस वक्त वह इंडियन डिफेंस अकाउंट सर्विसेज में कार्यरत थे।
अब तक की पोस्टिंग
आईएएस बनने के बाद संदीप भागिया की पहली नियुक्ति मेरठ में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के तौर पर हुई थी। उसके बाद वह मुजफ्फरनगर के सीडीओ रहे और अब उन्हें हाल ही में गौतमबुद्ध नगर में अपर आयुक्त (राज्य कर) के पद पर तैनात किया गया है।
शिकायत के बाद हलचल
महिला अधिकारियों की यह शिकायत सामने आने के बाद विभागीय स्तर पर बेचैनी साफ देखी जा रही है। सूत्रों के अनुसार, शासन ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और जल्द ही जांच के आदेश दिए जा सकते हैं। हालांकि अब तक अधिकारी संदीप भागिया की तरफ से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
आगे क्या?
अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि क्या मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस मामले में त्वरित जांच कराते हैं या नहीं। महिला अधिकारियों का कहना है कि इस तरह का व्यवहार सरकारी सेवा में पूरी तरह से अस्वीकार्य है और अगर समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो यह बाकी महिला कर्मचारियों के लिए भी एक गलत मिसाल बन सकता है।