Indians In Russian Army: राजस्थान के बीकानेर जिले से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। जिले के अरजनसर गांव निवासी अजय गोदारा की रूस में पढ़ाई के लिए गए युवक की रूस-यूक्रेन युद्ध में दर्दनाक मौत हो गई। बुधवार को जब उनका शव पैतृक गांव में पहुंचा, तो परिवार और पूरे गांव में मातम छा गया। परिजनों का कहना है कि शव इतनी दयनीय स्थिति में मिला कि चेहरा दिखाकर तुरंत ढकना पड़ा।
मास्को पढऩे गया था, युद्ध का शिकार हुआ (Indians In Russian Army)
अजय नवंबर 2024 में रूस के मास्को में लैंग्वेज कोर्स के लिए गए थे। परिवार के मुताबिक, उन्होंने अंतिम बार 22 सितंबर को वीडियो कॉल के जरिए संपर्क किया। उस बातचीत और भेजे गए वीडियो में उन्होंने साफ-साफ कहा था कि उन्हें जबरन सेना की ट्रेनिंग में भेजा जा रहा है और युद्ध में उतारा जा रहा है। अजय ने चेतावनी दी थी, “अगर अब मेरा फोन न आए, तो समझ लेना कि मेरी मौत हो गई।”
सेना की वर्दी में भेजे गए वीडियो, परिवार को झटका
अजय ने परिवार को दो वीडियो भेजे थे। वीडियो में वह रूसी सेना की वर्दी में नजर आए। उन्होंने बताया कि उन्हें और अन्य भारतीय छात्रों को तीन महीने की ट्रेनिंग का झांसा देकर सीधे युद्ध क्षेत्र में भेजा गया। वीडियो में कहा गया, “हम 4 लोग थे, एक वहीं खत्म हो गया, दो भाग गए और मैं रास्ता भटक गया। आठ दिन बाद मेरी बटालियन ने मुझे ढूंढा।”
अजय ने अपने परिवार को यह भी बताया कि वह यूक्रेन के उस इलाके में फंसा हुआ है, जिस पर रूस ने कब्जा कर रखा है और जहां लगातार मिसाइल और हवाई हमले हो रहे हैं।
9 भारतीय छात्रों को दी गई थी जबरन ट्रेनिंग
परिजनों के अनुसार, अजय ने बताया कि उसके साथ कुल 9 भारतीय छात्रों को युद्ध प्रशिक्षण दिया गया था। जब उन्होंने युद्ध में जाने से मना किया, तो रूसी सैनिकों ने साफ कह दिया, “आप यूक्रेन की जमीन पर हैं, यहां कोई सुनने वाला नहीं है। परिवार से बात कर लो।” यह वीडियो परिवार के लिए सबसे बड़ा सदमा बन गया।
शव की स्थिति देख परिवार सन्न
अजय के शव की खबर 10 दिसंबर को रूस से आई और बुधवार को दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट से पैतृक गांव लाया गया। परिजन बताते हैं कि शव पूरी तरह सड़ चुका था और चेहरा दिखाकर तुरंत ढक दिया गया। मृतक के साथ रूसी सेना की वर्दी भी आई, जिससे परिवार का दुख और बढ़ गया।
परिजन का कहना है कि मृत्यु बहुत पहले हुई थी, लेकिन उन्हें इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी गई। परिवार का यह भी आरोप है कि उनका लाडला पढ़ाई के लिए गया था, लेकिन जबरन युद्ध में उतार दिया गया।
बचाने की कोशिशें नाकाम
अजय के वीडियो आने के बाद परिवार लगातार उसे भारत लाने की कोशिश में जुटा रहा। उन्होंने केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल से भी संपर्क किया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
विदेशों में पढ़ रहे छात्रों की सुरक्षा पर सवाल
इस दुखद घटना ने विदेशों में पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। परिवार अब भी पूछ रहा है कि क्या पढ़ाई के नाम पर छात्रों को युद्ध में झोंकना सही है।









