Largest Ever Police Encounter: एनकाउंटर की खबरें हमारे देश में आम हैं कभी उत्तर प्रदेश से आती हैं, तो कभी महाराष्ट्र या दिल्ली से। लेकिन इस बार जो घटना सामने आई है, उसने पूरी दुनिया को हिला दिया। भारत नहीं, बल्कि हजारों मील दूर ब्राजील में ऐसा एनकाउंटर हुआ, जिसे वहां का अब तक का सबसे बड़ा पुलिस ऑपरेशन बताया जा रहा है। इस एक्शन में कम से कम 64 अपराधी मारे गए, जबकि चार पुलिसकर्मियों ने भी अपनी जान गंवाई।
कैसे शुरू हुआ ऑपरेशन– Largest Ever Police Encounter
यह मुठभेड़ ब्राजील के रियो डी जेनेरो में मंगलवार को हुई। शहर के उत्तरी इलाकों खासकर एलेमाओ और पेनहा कॉम्प्लेक्स फेवेला में पुलिस ने एक संगठित अपराधी गिरोह के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया। ये इलाका लंबे समय से ‘कमांडो वर्मेल्हो’ (रेड कमांड) नामक कुख्यात अपराधी संगठन के नियंत्रण में था। इस संगठन की पकड़ इतनी गहरी है कि यहां आम नागरिकों का निकलना तक मुश्किल होता है।
रियो डी जेनेरो के गवर्नर क्लाउडियो कास्ट्रो ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि यह ऑपरेशन पिछले एक साल से प्लान किया जा रहा था। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक मुठभेड़ नहीं, बल्कि एक “संगठित अपराध के खिलाफ युद्ध” था।
भारी हथियारों और ड्रोन का इस्तेमाल
अधिकारियों के अनुसार, इस कार्रवाई में करीब 2,500 पुलिसकर्मी शामिल थे जिनमें सिविल और मिलिट्री पुलिस दोनों की टीमें थीं। पुलिस ने बताया कि अपराधियों के पास अत्याधुनिक हथियार थे और उन्होंने ड्रोन तक का इस्तेमाल किया।
राज्य सरकार ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक वीडियो साझा किया जिसमें दिखा कि अपराधियों ने पुलिस पर ड्रोन से बम गिराने की कोशिश की। यह पहली बार था जब ब्राजील में किसी अपराधी गिरोह ने इस तरह की तकनीक का प्रयोग किया।
पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में 42 राइफलें और भारी मात्रा में ड्रग्स जब्त कीं। इसके अलावा 81 संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कई अपराधी गुटों ने अपने ठिकानों को जला हुए वाहनों से बैरिकेड बनाकर सुरक्षित करने की कोशिश की, जिससे इलाके में कई घंटों तक घना काला धुआं फैल गया।
कौन है ‘कमांडो वर्मेल्हो’?
‘कमांडो वर्मेल्हो’ ब्राजील का सबसे पुराना और प्रभावशाली आपराधिक संगठन है। इसका गठन 1980 के दशक में उन वामपंथी कैदियों ने किया था, जो उस समय की सैन्य तानाशाही के दौरान जेल में बंद थे। बाद में यह गिरोह धीरे-धीरे ड्रग तस्करी, वसूली और हथियारों के अवैध व्यापार में उतर आया।
थिंक टैंक इनसाइट क्राइम के मुताबिक, आज यह गिरोह एक ट्रांसनेशनल क्रिमिनल नेटवर्क में तब्दील हो चुका है, जो ब्राजील के बाहर भी सक्रिय है।
ऑपरेशन के नतीजे और माहौल
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, पूरे इलाके में घंटों तक गोलीबारी चली। कई वीडियो में एलेमाओ फेवेला से उठते धुएं के विशाल गुबार साफ नजर आए। पुलिस ने बताया कि यह ऑपरेशन अपराधियों के क्षेत्रीय विस्तार को रोकने के लिए शुरू किया गया था।
रियो डी जेनेरो पुलिस विभाग ने कहा कि हालांकि यह कार्रवाई सफल रही, लेकिन इसमें चार बहादुर पुलिसकर्मी शहीद हो गए। गवर्नर कास्ट्रो ने उनकी शहादत को “राज्य के लिए सर्वोच्च बलिदान” बताया।
दुनिया भर में चर्चा
यह एनकाउंटर अब वैश्विक सुर्खियों में है। अंतरराष्ट्रीय मीडिया इसे “ब्राजील के इतिहास का सबसे खतरनाक पुलिस ऑपरेशन” बता रहा है। जहां एक तरफ सरकार इसे बड़ी सफलता मान रही है, वहीं कुछ मानवाधिकार संगठन इसे लेकर सवाल भी उठा रहे हैं कि क्या इतनी बड़ी संख्या में लोगों की मौत पुलिस एक्शन में जायज थी या नहीं।
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