Lucknow News: राजधानी लखनऊ में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें पुलिस के एक सिपाही को कुछ युवकों ने स्टेडियम पुलिस चौकी में घुसकर पीटा, उसकी वर्दी फाड़ी और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुँचाया। खास बात यह है कि इस घटना में एक युवक का नाम नहीं लिया गया, और यह युवक किसी और नहीं, बल्कि एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का बेटा था। इस मामले में पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि एफआईआर में चार में से तीन युवकों के नाम तो दर्ज किए गए, लेकिन चौथे आरोपी की पहचान अब तक नहीं हो पाई है।
घटना का विवरण और एफआईआर– Lucknow News
29 मई की रात को स्टेडियम पुलिस चौकी के पास सफेद रंग की इनोवा में चार युवक आपस में झगड़ रहे थे। इस पर सिपाही अर्जुन चौरसिया ने युवकों को टोका। लेकिन इसका उल्टा असर हुआ और युवकों ने सिपाही को गालियाँ दीं, उसे खींचते हुए चौकी पर ले गए और वहां उसकी वर्दी फाड़ दी। इन युवकों में से एक युवक, जो एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का बेटा था, उसकी नाराजगी सबसे ज्यादा थी। सूत्रों के मुताबिक, इस युवक ने इस घटना की जानकारी अपने पिता को दी, जिसके बाद पुलिस की उच्च अधिकारी अपने परिवार के साथ थाने पहुँच गए।
बड़े अफसर का बेटा और पुलिस की लापरवाही
चौंकाने वाली बात यह है कि एफआईआर में आरोपी युवक का नाम नहीं लिया गया और सिर्फ तीन युवकों के नाम दर्ज किए गए। पुलिस अधिकारियों ने आरोपियों के नाम जयप्रकाश सिंह, अभिषेक चौधरी और सुमित कुमार के तौर पर दर्ज किए, जबकि चौथे युवक की पहचान अब तक नहीं हो पाई है। घटना के बाद पुलिस थाने में कार्रवाई की गई, लेकिन किसी भी पुलिस अधिकारी ने बड़े अफसर के बेटे के खिलाफ कोई कठोर कदम नहीं उठाया। थाने में पहुंचे अफसर की पत्नी ने भी हंगामा किया और आरोप लगाया कि उनके बेटे को थाने लाने पर नाइट अफसर ने उन्हें अपमानित किया। किसी तरह अफसर ने अपनी पत्नी को शांत किया और फिर बेटे के साथ थाने से बाहर निकल गए।
नशे में थे सभी आरोपी
एफआईआर में सिपाही ने यह भी बताया कि आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की गई, लेकिन चारों युवक नशे में थे। तीनों ने अपने नाम जयप्रकाश सिंह, अभिषेक चौधरी और सुमित कुमार बताए, लेकिन चौथे साथी के बारे में जानकारी देने से मना कर दिया। इस मामले में डीसीपी मध्य, आशीष कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि तीनों आरोपियों को निजी मुचलके पर जमानत दी गई है और चौथे आरोपी के बारे में पुलिस जांच कर रही है।
पुलिस कार्रवाई में लापरवाही पर सवाल
इस घटना के बाद यह सवाल उठ रहा है कि पुलिस कार्रवाई में इतनी लापरवाही क्यों बरती गई। पुलिस द्वारा सीसीटीवी फुटेज की जांच नहीं की गई और न ही सर्विलांस का इस्तेमाल करके चौथे आरोपी की पहचान की कोशिश की गई। इस मामले में अब तक चौथे आरोपी का नाम सामने नहीं आ पाया है, जो पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करता है।
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