Mathura Pujari Crime: उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक पुजारी को बच्चों के यौन शोषण और चाइल्ड पोर्नोग्राफी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। श्याम बिहारी नामक आरोपी पुजारी पिछले 10 वर्षों से मथुरा के बाटी गांव स्थित एक मंदिर में पूजा अर्चना करता था। इस मामले की जांच अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा की जा रही है।
पुजारी की घिनौनी करतूत का पर्दाफाश- Mathura Pujari Crime
आरोप है कि श्याम बिहारी धर्म की आड़ में बच्चों का यौन शोषण करता था। मंदिर में पूजा से लेकर प्रसाद बांटने और सफाई का काम आसपास की लड़कियों से करवाता था। इस दौरान वह इन लड़कियों का यौन शोषण करता था। आरोपी ने 7 से 12 साल की बच्चियों को अपने जाल में फंसाया और उन्हें किसी न किसी बहाने अपने कमरे में बुलाकर अश्लील वीडियो दिखाकर उनका शोषण करता था।
सीबीआई द्वारा छापेमारी, मिली चौंकाने वाली सामग्री
19 जून 2025 को सीबीआई ने आरोपी के घर और मंदिर परिसर में छापेमारी की। इस दौरान कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, जैसे पेन ड्राइव, मोबाइल फोन, लैपटॉप और हार्ड डिस्क जब्त किए गए। इन उपकरणों की फोरेंसिक जांच में नाबालिग बच्चों के साथ यौन शोषण, बलात्कार और धमकी देने वाले वीडियो और फोटो मिले। इन सामग्रियों को आरोपी ने इंटरनेट पर बेचा था, और कुछ सामग्री सोशल मीडिया और डार्क वेब पर भी अपलोड की गई थी।
बाल कल्याण समिति की जांच और पीड़ितों का रेस्क्यू
बाल कल्याण समिति ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए पीड़ित बच्चों का रेस्क्यू किया है और उनके बयान दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। समिति के अध्यक्ष राजेश दीक्षित ने बताया कि पीड़ित बच्चों के बयान जल्द ही प्रभावी कार्रवाई में सहायक होंगे।
पुजारी की हरकतों पर ग्रामीणों का विश्वास नहीं
गांव के लोग अभी भी पुजारी की इस घिनौनी हरकत पर विश्वास नहीं कर पा रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि पुजारी की एक बेटी भी है, जिसे मिलने के लिए वह कुछ दिनों के लिए बाहर जाता रहता था। हालांकि, अब जांच में सामने आया है कि पुजारी ने अपनी धार्मिक छवि का फायदा उठाते हुए बच्चों का शोषण किया।
सीबीआई और पुलिस की कार्रवाई जारी
सीबीआई के प्रवक्ता ने बताया कि आरोपी श्याम बिहारी बच्चों को धमकाकर उनकी अश्लील तस्वीरें और वीडियो बनाता था, जिन्हें वह विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर बेचता था। यह सामग्री न केवल भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी फैल रही थी। सीबीआई ने इस मामले में जांच को आगे बढ़ाने का फैसला किया है ताकि इस रैकेट से जुड़े अन्य आरोपियों का पता लगाया जा सके।