MP Crime News: मध्य प्रदेश की मोहन सरकार इन दिनों अपने मंत्रियों के विभागों की समीक्षा में व्यस्त है। इसी बीच सरकार में शामिल राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी के परिवार से जुड़ा एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। सतना जिले में राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी के सगे भाई अनिल बागरी को गांजा तस्करी के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इससे पहले कुछ दिन पूर्व मंत्री के बहनोई को उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जिले बांदा में गांजा तस्करी करते पकड़ा गया था। एक के बाद एक रिश्तेदारों की गिरफ्तारी के बाद अब विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है।
46 किलो से ज्यादा गांजा बरामद, कीमत 9 लाख से ऊपर (MP Crime News)
सतना पुलिस की कार्रवाई में कुल 46 किलो 134 ग्राम गांजा बरामद किया गया है, जिसकी बाजार कीमत करीब 9 लाख 22 हजार 680 रुपये बताई जा रही है। यह गांजा रामपुर बाघेलान थाना क्षेत्र के मरौहा गांव में एक घर से पकड़ा गया। एडिशनल एसपी प्रेमलाल कुर्वे ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि वहां भारी मात्रा में मादक पदार्थ छुपाकर रखा गया है।
सूचना के आधार पर 7 और 8 दिसंबर की दरमियानी रात पुलिस ने गांव के मतहा निवासी पंकज सिंह के घर पर दबिश दी। तलाशी के दौरान घर के बाहर बने टीन शेड में रखी धान की बोरियों के नीचे चार संदिग्ध बोरियां मिलीं। जब उन्हें खोला गया तो उनमें से गांजे के 48 पैकेट बरामद हुए। तौल करने पर इसका कुल वजन 46 किलो से ज्यादा निकला।
पूछताछ में सामने आया जीजा-साले का नेटवर्क
मौके से गिरफ्तार किए गए पंकज सिंह से जब पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की, तो कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। पंकज ने बताया कि बरामद किया गया गांजा अनिल बागरी और उसके जीजा शैलेंद्र सिंह का है। पंकज के इस बयान के बाद पुलिस ने सोमवार को अनिल बागरी को भी गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, अनिल बागरी अपने जीजा शैलेंद्र सिंह के साथ मिलकर काफी समय से गांजा तस्करी का नेटवर्क चला रहा था। शैलेंद्र सिंह को इस पूरे रैकेट का मास्टरमाइंड माना जा रहा है। वह पहले से ही उत्तर प्रदेश के बांदा जिले की जेल में बंद है। 3 दिसंबर को बांदा पुलिस ने उसे गांजा तस्करी के मामले में गिरफ्तार किया था। अब साले की गिरफ्तारी के बाद इस पूरे नेटवर्क की कड़ियां जुड़ती जा रही हैं।
अदालत ने भेजा आरोपियों को जेल
पुलिस ने अनिल बागरी और पंकज सिंह को एनडीपीएस एक्ट की विशेष अदालत में न्यायाधीश शशिकांत वर्मा के सामने पेश किया। कोर्ट ने दोनों आरोपियों को 19 दिसंबर तक की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
रामपुर बाघेलान थाने में तीनों आरोपियों अनिल बागरी, पंकज सिंह और शैलेंद्र सिंह के खिलाफ बीएनएस की धारा 8/20 और 29 एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस अब इस पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इस तस्करी नेटवर्क से और कौन-कौन लोग जुड़े हुए हैं।
मंत्री के जीजा का पुराना आपराधिक रिकॉर्ड भी आया सामने
जांच के दौरान यह बात भी सामने आई है कि मंत्री प्रतिमा बागरी के बहनोई शैलेंद्र सिंह कोई पहली बार अपराध के मामले में नहीं पकड़े गए हैं। इससे पहले सिंहपुर थाना पुलिस ने उन्हें नशीली कफ सिरप की तस्करी के मामले में भी गिरफ्तार किया था। उस केस में करीब साढ़े 5 करोड़ रुपये के लेनदेन का खुलासा हुआ था। अब अनिल बागरी की गिरफ्तारी के बाद इस नशा सिंडिकेट की परतें और गहराई से खुलने लगी हैं।
विपक्ष का बड़ा हमला, सरकार पर राजनीतिक संरक्षण का आरोप
मंत्री के भाई और जीजा के सामने आए नशा तस्करी के मामलों के बाद राजनीतिक माहौल भी गरमा गया है। पूर्व विधायक कल्पना वर्मा ने इस पूरे मामले को लेकर सरकार और मंत्री प्रतिमा बागरी पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार नशा विरोधी अभियान चलाकर खूब प्रचार कर रही है, वहीं दूसरी तरफ मंत्री के अपने ही रिश्तेदार शराब, गांजा और नशीली कफ सिरप की तस्करी में पकड़े जा रहे हैं।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मंत्री के परिजनों को राजनीतिक संरक्षण मिला हुआ है। कल्पना वर्मा ने कहा कि इससे पहले सिंहपुर थाने में मंत्री के बहनोई पर एनडीपीएस का केस दर्ज हुआ था, जिसमें 5 करोड़ रुपये के ट्रांजेक्शन और 35 लाख रुपये की कफ सिरप का खुलासा हुआ था। अभी यूपी पुलिस ने भी रिश्तेदारों को पकड़ा है।
पूर्व विधायक ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि इस पूरे नशा तस्करी सिंडिकेट को तुरंत खत्म किया जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि आने वाले समय में कोई भी कानून से ऊपर खुद को न समझे।
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