MP Fake Rape case: 20-21 सितंबर 2023 की मध्यरात्रि लगभग 3 बजे पुलिस की टीम झाबुआ जिले के एक मजदूर परिवार के घर पहुंची। घर के दरवाजे खुलते ही पुलिस ने इमरान नाम के युवक को बिना किसी वारंट या उचित प्रक्रिया के बिना ही बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया। उसे घसीटते हुए पुलिस ने अपनी गाड़ी में बैठा लिया। इसके बाद उसी प्रकार एजाज के घर भी छापा मारा गया, उसे भी पिटाई के बाद पुलिस वाहन में बैठाकर थांदला थाना ले जाया गया। वहां पुलिस ने आरोपियों को दस- दस कोरे पन्ने पर दस्तखत करने को कहा। जब उन्होंने मना किया तो पुलिस ने कहा कि एक लड़की की एक्सीडेंट में मौत हुई है और ऐसे केस बनाकर कुछ दिनों में छोड़ देंगे।
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लेकिन आरोपियों ने दस्तखत करने से साफ मना कर दिया। इसके बाद पुलिस ने बेरहमी की हद पार करते हुए आरोपियों को बर्फ की सिल्लियों पर घंटों लिटाया और लगातार पीटा। उनके पैरों पर डंडे मारे गए, जिससे वे कई दिनों तक खड़े भी नहीं हो पाए। आखिरकार पुलिस के दबाव में वे कागजों पर दस्तखत करने को मजबूर हुए। इस झूठे केस में उन पर एक ऐसी लड़की के साथ रेप और हत्या का मामला दर्ज किया गया, जो आज तक जिंदा है।
👉🏾 जिस लड़की की दुष्कर्म के बाद हत्या के आरोप में चार लोगों को जेल भेजा गया था, वो लड़की जिंदा घर वापस आ गयी है। न दुष्कर्म हुआ न हत्या।
👉🏾 9 सितंबर 2023 को एक लड़की का शव बरामद हुआ था, पुलिस ने उसे ललिता वाजपेयी के रूप में शिनाख्त किया था, जबकि ललिता वाजपेयी जिंदा है।… pic.twitter.com/rg8ZM0JjKO
— Abhimanyu Singh Journalist (@Abhimanyu1305) May 27, 2025
इमरान, शाहरुख, एजाज और सोनू को इसी झूठे आरोप में गिरफ्तार किया गया था। 20 महीनों की काली जेल की सजा के बाद वे जमानत पर रिहा हुए हैं, लेकिन सवाल उठता है कि जिस लड़की की हत्या का केस दर्ज था, वह अभी जिंदा है तो फिर उस लाश का क्या हुआ जो पुलिस ने मिली बताई? और पुलिस ने जिंदा लड़की की हत्या का मामला कैसे दर्ज कर दिया?
शाहरुख की आपबीती: फंसे मुसलमान और हिंदू दोस्त– MP Girl Fake Rape case
शाहरुख भानपुरा का मजदूर है। उसने बताया कि पुलिस ने उसे 19 सितंबर की रात बिना किसी सही वजह के उठाया। पुलिस पूछताछ के लिए अपने कुछ मुस्लिम और हिंदू दोस्तों के नाम मांगे, ताकि मामला हिंदू-मुस्लिम विवाद न बने। पुलिस को इस बात की चिंता थी कि मामला संवेदनशील न हो। शाहरुख ने ऐसे लोगों के नाम बताए जिनके बारे में उसे पूरा पता नहीं था।
दरअसल, 9 सितंबर 2023 को थांदला थाना क्षेत्र में एक महिला ललिता बाछड़ा का शव मिला था। परिजन ने उसकी पहचान की और शव का अंतिम संस्कार भी किया। लेकिन पुलिस ने इस हत्या का झूठा आरोप शाहरुख पर लगाया क्योंकि ललिता उनसे परिचित थी।
ललिता का 18 महीने बाद वापस आना: सच का खुलासा
11 मार्च 2025 को ललिता खुद गांधी सागर थाने पहुंची और बताया कि वह जिंदा है। उसने अपने आधार कार्ड, वोटर आईडी सहित कई दस्तावेज दिखाए। ललिता ने खुलासा किया कि अगस्त 2023 में वह बिना परिवार को बताए भानपुरा में शाहरुख के पास गई थी। शाहरुख ने उससे प्यार का झांसा देकर उसे पांच लाख रुपए में बेच दिया। उसे कोटा ले जाकर कैद रखा गया। वहां उसने कई बार भागने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हो पाई।
ललिता ने कहा कि उसके शरीर में ऑपरेशन के कारण बच्चे नहीं हुए। उसके पहले से एक लड़का और एक लड़की हैं जो अब उसे जिंदा देखकर खुश हैं। उसे घर लौटने के बाद पता चला कि उसकी मौत की खबरें फैलाई जा रही थीं और उसका अंतिम संस्कार भी हो चुका था।
शाहरुख की सफाई और साजिश का आरोप
शाहरुख ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि उसने ललिता को कभी नहीं बेचा। उनका कहना है कि ललिता और उसके परिवार वाले उनके खिलाफ फर्जी साजिश कर रहे हैं और उन्हें ब्लैकमेल कर रहे हैं। कोर्ट में बयान देने के लिए उन्होंने परिवार वालों से चार लाख रुपए लिए हैं और धमकियां दे रहे हैं।
सोनू की बात: निर्दोषों की गिरफ्तारी और पुलिस का अत्याचार
सोनू उर्फ अरुण खन्नीवाल ने बताया कि उसे वडोदरा से गिरफ्तार किया गया था। उसे रास्ते भर पीटा गया और फर्जी मामले में जेल भेज दिया गया। उसे भी 10 कोरे कागजों पर दस्तखत करने के लिए मजबूर किया गया। 20 महीने की जेल अवधि के दौरान वह परिवार की रोजी-रोटी छिनने और पत्नी की गंभीर बीमारी का सामना करता रहा।
इमरान की व्यथा: परिवार के लिए कर्ज और दवाइयों की परेशानी
इमरान ने बताया कि जेल में वे शाहरुख से भिड़े क्योंकि पुलिस ने उन पर दबाव बनाया था। उन्हें तीन से चार लाख रुपए का कर्ज लेना पड़ा। इमरान के पांच बच्चे हैं और वह घर का एकमात्र कमाने वाला था। उसकी पत्नी गंभीर बीमारी से जूझ रही है।
इमरान की पत्नी रुखसार ने बताया कि पुलिस के आने से उनकी जिंदगी तबाह हो गई। परिवार ने कर्ज लिया, मकान गिरवी रखा और दवाइयों के लिए पैसे जुटाए। उन्होंने जांच अधिकारी टीआई राजकुमार कंसारिया के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
परिवारों की पीड़ा और आर्थिक तंगी
एजाज के 70 वर्षीय पिता, शाहरुख की मां मुन्नी ने बताया कि जेल में रहने के दौरान वे लगातार झाबुआ कोर्ट जाती रहीं। परिवार पर लाखों रुपए का बोझ आ गया है। मुन्नी ने कहा कि उन्हें बदनाम किया गया और लोगों के तानों का सामना करना पड़ा।
पुलिस और वकीलों का पक्ष
सरकारी वकील मानसिंह भूरिया ने कहा कि जांच अभी चल रही है और कोर्ट में कोई नया चालान पेश नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि आरोपियों को जमानत इसलिए मिली क्योंकि पीड़िता के परिवार ने बयान बदल दिया।
वहीं, आरोपियों के वकील मोहम्मद युनुस लोदी ने बताया कि 18 महीने बाद लड़की जिंदा लौटने से साफ हो गया कि जांच अधिकारी की लापरवाही के कारण निर्दोषों को फंसाया गया है। उन्होंने हाईकोर्ट से जमानत दिलाई है और जांच के लिए पुनः कार्रवाई की मांग की है।
टीआई पर गंभीर आरोप
थांदला टीआई राजकुमार कंसारिया पर 28 मार्च 2024 को भोपाल महिला थाना में रेप का केस दर्ज हुआ था। एक महिला ने आरोप लगाया कि टीआई ने शादी का झांसा देकर उसके साथ बलात्कार किया। इस मामले की जांच चल रही है।