Muzaffarnagar News: मुजफ्फरनगर के चर्चित गांव भौराखुर्द का नाम जब भी लिया जाता है, तो अक्सर खून-खराबे, रंजिश और गैंगवार की तस्वीर सामने आती है। लेकिन अब इसी गांव से एक ऐसी कहानी सामने आई है, जो हैरान भी करती है और सोचने पर मजबूर भी। एक तरफ उसी गांव का दो लाख का इनामी अपराधी हरीश, जिसे पुलिस 13 साल से ढूंढ रही थी, आखिरकार STF के हत्थे चढ़ गया। वहीं दूसरी तरफ, उसका बेटा सीबीआई में अफसर बन चुका है और बेटी डॉक्टर बनने के लिए NEET की तैयारी कर रही है।
पटियाला में छुपकर चलाता रहा आटा चक्की- Muzaffarnagar News
करीब 13 साल से फरार चल रहा दो लाख का इनामी हरीश आखिरकार STF के शिकंजे में आ गया। हरीश पश्चिमी उत्तर प्रदेश की पुलिस के लिए लंबे समय से सिरदर्द बना हुआ था। 2012 में जमानत पर जेल से छूटने के बाद वह गायब हो गया था। पुलिस लगातार उसे तलाशती रही लेकिन नाकाम रही। उसकी आखिरी FIR भौराकलां थाने में 2018 में दर्ज हुई थी। गिरफ्तारी न होने पर पुलिस ने उस पर इनाम की राशि बढ़ाकर दो लाख कर दी।
STF को मुखबिर के जरिए सूचना मिली कि हरीश मेरठ में आया हुआ है। यहां से टीम ने उसे दबोच लिया। पूछताछ में पता चला कि वह पिछले कई सालों से पंजाब के पटियाला में रहकर आटा चक्की चला रहा था और वहीं परिवार के साथ गुमनामी की जिंदगी जी रहा था।
बेटा बना सीबीआई में अफसर, बेटी कर रही मेडिकल की तैयारी
जिस व्यक्ति पर 34 गंभीर धाराओं में केस दर्ज हो, उसके घर से ऐसा कुछ सामने आए, ये शायद ही कोई कल्पना कर सके। लेकिन हरीश का परिवार इस वक्त उसी समाज में एक नई मिसाल बनाता दिख रहा है।
STF के एसपी बृजेश कुमार ने बताया कि हरीश के बेटे ने पढ़ाई जारी रखी और अब उसका चयन सीबीआई में एएसआई पद पर हो चुका है। वहीं, उसकी बेटी मेडिकल की प्रतिष्ठित परीक्षा नीट की तैयारी कर रही है। यानी पिता अपराध के रास्ते पर, लेकिन नई पीढ़ी ने मेहनत और शिक्षा को चुना।
21 साल में 34 केस, 2 भाई मारे गए
अमर उजाला की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हरीश पर पहला मुकदमा साल 2004 में दर्ज हुआ था, जब उसे सुखपाल नाम के व्यक्ति की हत्या में नामजद किया गया था। तभी से उसकी आपराधिक यात्रा शुरू हो गई थी। 2004 से 2018 तक उस पर 34 मुकदमे दर्ज हुए, जिनमें कई हत्या, हत्या की कोशिश और गैंगवार से जुड़े थे।
भौराखुर्द की रंजिश में उसके भाई सतीश की सिसौली मार्ग पर गोली मारकर हत्या हुई थी, जबकि दूसरा भाई आदेश STF के साथ मुठभेड़ में मारा गया था। हरीश खुद कई कुख्यात अपराधियों के साथ गिरोह बनाकर वारदात करता रहा।
कई गैंग से नाता, कई जनों की जिंदगी बर्बाद
आपको बता दें, हरीश ने जॉनी तितावी, बावली के उपेंद्र और अन्य कुख्यात गैंगस्टरों के साथ मिलकर लंबे वक्त तक अपराधों की साजिशें रचीं और घटनाएं अंजाम दीं। उसकी वजह से भौराखुर्द गांव का नाम बदनाम हुआ। लोगों के मन में भय बैठा। लेकिन अब उसकी गिरफ्तारी से गांव में राहत की भावना भी है।
कोर्ट ने भेजा जेल
एसपी देहात आदित्य बंसल ने बताया कि STF द्वारा पकड़े गए हरीश को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है। फिलहाल वह पांच मुकदमों में वांछित था और उसकी गिरफ्तारी से इन मामलों की जांच को भी नई दिशा मिलेगी।