Nainital Rape Case Update: नैनीताल में दुष्कर्म मामले के बाद हाई कोर्ट से मिली राहत, शहर में हिंसा और पर्यटन पर असर

Nainital Rape Case Update
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Nainital Rape Case Update: नैनीताल में एक नाबालिग से दुष्कर्म की घटना के बाद शहर में भारी हंगामा हुआ, और इस विवाद का असर न केवल स्थानीय समुदायों पर बल्कि पूरे पर्यटन उद्योग पर भी पड़ा। 12 साल की लड़की से दुष्कर्म के आरोपी मो. उस्मान और रुकुट क्षेत्र के निवासियों को हाल ही में हाई कोर्ट से राहत मिली है, जब नगर पालिका ने उन्हें दिए गए अतिक्रमण नोटिस को वापस लेने का फैसला किया। इस मामले में नगर पालिका ने सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करने पर अपनी गलती स्वीकार की।

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अतिक्रमण नोटिस पर हाई कोर्ट की कार्रवाई- Nainital Rape Case Update

पिछले शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी नरेंद्र और न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की खंडपीठ में मो. उस्मान की पत्नी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता डॉ. कार्तिकेय हरि गुप्ता ने नगर पालिका द्वारा मो. उस्मान को दिए गए अतिक्रमण हटाने के नोटिस को चुनौती दी। उनका कहना था कि सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट निर्देश हैं कि अतिक्रमण हटाने से पहले 15 दिन का नोटिस दिया जाना चाहिए, जबकि नगर पालिका ने केवल तीन दिन का समय दिया था, और वह भी तब, जब आरोपी जेल में था।

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सुनवाई के दौरान, नगर पालिका ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए कोर्ट को बताया कि नोटिस वापस लिया जाएगा। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 6 मई को निर्धारित की, जब पुलिस और पालिका को कोर्ट के आदेश की अनुपालन रिपोर्ट पेश करनी होगी।

दुष्कर्म की घटना और स्थानीय हिंसा

नैनीताल में हुई दुष्कर्म की घटना ने शहर में गहरी नाराजगी को जन्म दिया। 12 अप्रैल को एक 12 साल की लड़की को 65 वर्षीय मो. उस्मान ने 200 रुपये का लालच देकर अपनी गाड़ी में बैठा लिया और उसके साथ दुष्कर्म किया। पीड़िता के अनुसार, आरोपी ने चाकू दिखाकर उसे डराया और उसकी आवाज दबा दी। लड़की ने कुछ दिन बाद अपनी बड़ी बहन को यह घटना बताई, जिसके बाद परिवार ने मल्लीताल कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई।

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इस मामले की जानकारी जैसे ही हिंदू संगठनों और स्थानीय लोगों को मिली, शहर में भारी विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। कोतवाली के पास मुस्लिम समुदाय की दुकानों में तोड़फोड़ और हिंसा हुई। कुछ लोगों ने दुकानों में आग लगाने की कोशिश की, जबकि मस्जिद के पास भीड़ जमा हो गई और पथराव हुआ। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को अतिरिक्त बल तैनात करना पड़ा और मल्लीताल से तल्लीताल तक सभी बाजार बंद करवा दिए गए।

हिंसा के बाद प्रशासन की कार्रवाई

विरोध प्रदर्शन के बाद 1 मई को हजारों लोग सड़कों पर उतर आए और कमिश्नर कार्यालय तक जुलूस निकाला। प्रदर्शनकारियों ने उत्तराखंड के आयुक्त दीपक रावत को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें उन्होंने आरोपी को कड़ी सजा देने और फास्ट-ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाने की मांग की। इसके बाद प्रदर्शनकारी फिर से कोतवाली लौट आए और आरोपी को उन्हें सौंपने की मांग करने लगे।

स्थिति को देखते हुए पुलिस ने धारा 163 (BNSS) लागू कर दी और अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी।

पर्यटन उद्योग पर असर

इस घटना का असर नैनीताल के पर्यटन उद्योग पर भी पड़ा है। टूरिस्ट सीजन के दौरान जब यह मामला सामने आया, तो बड़ी संख्या में सैलानियों ने अपनी होटलों की बुकिंग रद्द कर दी। कई होटल और होमस्टे बुकिंग्स के कैंसिल होने से कारोबारियों को भारी नुकसान हुआ है। सैलानी वापस लौटने लगे हैं, और नैनीताल में पर्यटन का माहौल प्रभावित हो रहा है।

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