Nikki Bhati murder case: ग्रेटर नोएडा में सुर्खियों में रहे निक्की भाटी हत्याकांड में आखिरकार पुलिस ने करीब 500 पन्नों की विस्तृत चार्जशीट अदालत में पेश कर दी है। कासना कोतवाली पुलिस ने चार्जशीट में पूरी वारदात को विस्तार से रेखांकित किया और साफ किया कि यह कोई हादसा नहीं बल्कि पूर्व नियोजित हत्या थी। पुलिस ने चार्जशीट में आरोपी पति और ससुराल पक्ष की भूमिका को क्रमवार तरीके से अदालत के समक्ष पेश किया है।
मामले की शुरुआत 22 अगस्त 2025 को निक्की की बहन कंचन भाटी द्वारा कासना कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज कराने से हुई थी। उसी दिन से पुलिस ने सभी सबूतों को जोड़कर जांच को आगे बढ़ाया।
बेटे का बयान और हत्या की योजना (Nikki Bhati murder case)
चार्जशीट में सबसे अहम हिस्से के रूप में निक्की के छह साल के बेटे ऐविश का बयान सामने आया है। बच्चे ने साफ-साफ कहा कि “पापा ने मम्मी को मारा, उनके ऊपर कुछ डाला और आग लगा दी।” पुलिस ने इसे घटना का निर्णायक मोड़ बताया क्योंकि यह प्रत्यक्षदर्शी बयान है। कानून विशेषज्ञों के अनुसार ऐसे बयान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता और इसे हत्या की योजना के सबूत के तौर पर माना जाता है।
चार्जशीट के अनुसार, हत्या की साजिश में चार लोग शामिल थे पति विपिन भाटी, ससुर सतवीर, सास दया और जेठ रोहित। पुलिस ने मोबाइल लोकेशन, सीसीटीवी फुटेज और कॉल रिकॉर्ड के आधार पर सभी आरोपियों की भूमिका साबित की।
झूठी कहानी: गैस सिलेंडर फटने का दावा
घटना के बाद आरोपियों ने गैस सिलेंडर फटने का झूठा दावा किया। लेकिन पुलिस ने मौके का बारीकी से निरीक्षण किया और पाया कि घर में सिलेंडर फटने का कोई प्रमाण नहीं था। न टूटे पाइप, न विस्फोट के संकेत। पोस्टमार्टम और फॉरेंसिक रिपोर्ट ने भी इस दावे को पूरी तरह खारिज कर दिया।
घटनास्थल से जुटाए गए सबूत
पुलिस ने घटनास्थल से मिट्टी का नमूना, जले हुए कपड़े, थिनर की बोतल और लाइटर बरामद किए। जांच में स्पष्ट हुआ कि आग किसी विस्फोट से नहीं, बल्कि थिनर जैसे ज्वलनशील पदार्थ से लगी थी। पुलिस ने मुख्य आरोपी विपिन पर साजिश की केंद्रित भूमिका जताई।
अस्पताल स्टाफ के बयान पर शक
फोर्टिस अस्पताल की नर्स और डॉक्टर ने कहा कि निक्की ने गैस सिलेंडर फटने की बात कही थी। लेकिन पुलिस ने इसे मनगढ़ंत बताया क्योंकि गंभीर हालत में निक्की यह बोलने की स्थिति में नहीं थी।
घरेलू विवाद और वीडियो क्लिप
चार्जशीट में यह भी सामने आया कि निक्की और बहन कंचन घर में ब्यूटी पार्लर चलाती थीं और सोशल मीडिया पर वीडियो बनाती थीं। सास-ससुर और पति इस बात से नाराज थे, और यह तकरार धीरे-धीरे हिंसक घटना में बदल गई।
21 अगस्त की रात का दर्दनाक सच
चार्जशीट के अनुसार, 21 अगस्त की रात विपिन ने थिनर लेकर निक्की के कमरे में प्रवेश किया और उन्हें मारपीट के बाद आग में झोंक दिया। सास दया ने लाइटर थमाया। यह सब बच्चे की आंखों के सामने हुआ। आग लगने के बाद विपिन और दया भागने की कोशिश में लग गए ताकि आसपास के लोग उन्हें घर में मौजूद न देखें।
पोस्टमार्टम और फॉरेंसिक रिपोर्ट
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में निक्की के शरीर का 80 प्रतिशत हिस्सा जल चुका था और मौत हाइपोवोलेमिक शॉक से हुई। फॉरेंसिक जांच ने स्पष्ट किया कि आग ऊपर से डाले गए ज्वलनशील पदार्थ से लगी थी। अस्पताल और आरोपियों के बयान पूरी तरह झूठे साबित हुए।
अदालत में अगला चरण
चार्जशीट दाखिल होने के बाद निक्की के पिता भिकारी सिंह ने पुलिस पर भरोसा जताया है। वहीं, आरोपी पक्ष के वकील जमानत की तैयारी कर रहे हैं। पुलिस का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज, बेटे का बयान, फॉरेंसिक रिपोर्ट और घटनास्थल से बरामद साक्ष्य केस को बेहद मजबूत बनाते हैं। सत्र न्यायालय अब तय करेगा कि निक्की भाटी को इंसाफ कब और कैसे मिलेगा।
