UP News: बदायूं जिले के कादरचौक थाना क्षेत्र से एक दर्दनाक मामला सामने आया है, जिसमें एक नाबालिग लड़की को मुजक्किर नामक व्यक्ति द्वारा अपहरण करके चेन्नई ले जाया गया और वहां उसे बंधक बना कर उसके साथ लगातार बलात्कार किया गया। मामले में एक और चौंकाने वाली बात सामने आई है, जिसमें पुलिस अधिकारी हरिओम द्वारा पीड़िता का शारीरिक शोषण किया गया। इस पूरे घटनाक्रम में पुलिस की लापरवाही और दरोगा की काली करतूतें सामने आई हैं, जिससे सवाल उठने लगे हैं कि क्या कानून की रक्षा करने वाले ही कानून की अवहेलना कर रहे हैं?
पीड़िता की दर्दनाक कहानी- UP News
पीड़िता ने बताया कि 9 जून 2023 को उसे मुजक्किर ने कादरचौक से अगवा किया और चेन्नई ले जाकर एक कमरे में बंद कर दिया। मुजक्किर उसे पूरे दिन कमरे में बंद कर बाहर चला जाता था, और रात को लौटकर उसके साथ बलात्कार करता था। लड़की ने कहा, “मैं पूरे दिन कमरे में रोती रहती थी, और कभी-कभी दादी ममता से फोन पर बात करती थी। दादी उससे कहती थी कि मुझे वहीं रखा जाए, जिससे यह साबित होता है कि ममता भी इस अपराध में शामिल थी।”
पुलिस की आहट: पीड़िता की उम्मीद
19 जून की रात, जब पुलिस ने पीड़िता को चेन्नई से बरामद किया, तो उसे यह लगा कि अब वह सुरक्षित घर लौटेगी। पुलिस की टीम में महिला सिपाही पूजा, सिपाही मोहित और आरोपी दरोगा हरिओम शामिल थे। लड़की ने बताया कि ट्रेन यात्रा के दौरान भी दरोगा ने उसके साथ छेड़छाड़ की, लेकिन वह चुप रही, क्योंकि उसे यह उम्मीद थी कि अब वह घर पहुंच जाएगी। लेकिन जब उसे कादरचौक थाने लाया गया, तो वहां भी दरोगा ने फिर से उसका शारीरिक शोषण किया।
कादरचौक थाने में दरोगा की दरिंदगी
जब पीड़िता को कादरचौक थाने लाया गया, तो महिला सिपाही पूजा और सिपाही मोहित उसे छोड़कर चले गए, जबकि दरोगा हरिओम उसे अकेले अपने कमरे में ले गया। वहां उसने पहले पीड़िता से बातें की और फिर बलात्कार किया। लड़की ने आरोप लगाया कि हरिओम ने उसे धमकी दी कि अगर उसने किसी से शिकायत की, तो उसे जेल भेज दिया जाएगा।
वन स्टॉप सेंटर और फिर धमकी
पीड़िता को बाद में वन स्टॉप सेंटर भेज दिया गया, जहां उसे चुप रहने की धमकी दी गई। 23 जून को पीड़िता ने सीजेएम कोर्ट में दरोगा हरिओम के खिलाफ बयान दर्ज कराए, लेकिन अन्य आरोपियों ममता और पप्पू के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज किया। ममता और पप्पू अभी तक गिरफ्तारी से बचते हुए फरार हैं।
पुलिस की भूमिका पर सवाल
इस पूरे मामले में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं। पीड़िता का आरोप है कि ममता और पप्पू अब तक गिरफ्तार नहीं हुए हैं। ममता का घर से लापता होना और रात को वापस लौटना यह संकेत करता है कि वह अभी भी इस अपराध में शामिल है। इसके बावजूद पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं।
एसपी का बयान
एसपी देहात केके सरोज ने इस मामले पर बयान देते हुए कहा कि कादरचौक थाना क्षेत्र में दर्ज मुकदमे में महिला सिपाही समेत पुलिस टीम चेन्नई भेजी गई थी। वहां से पीड़िता को 23 जून को बरामद कर कादरचौक थाने लाया गया और वन स्टॉप सेंटर भेजा गया। पीड़िता के आरोपों के संबंध में बरेली रेंज के डीआईजी द्वारा जांच की जा रही है और जो भी तथ्यों की पुष्टि होगी, उसके आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
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