Satara Doctor Suicide: महाराष्ट्र के सतारा जिले में 28 वर्षीय महिला डॉक्टर ने गुरुवार रात फलटण के एक हॉस्टल कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। शुरुआती रिपोर्ट्स और पोस्टमार्टम में इसे फांसी लगाकर की गई आत्महत्या माना गया है। महिला डॉक्टर ने अपने हाथ में सुसाइड नोट लिखा था, जिसमें उन्होंने मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना के आरोप लगाए।
और पढ़ें: Delhi Gandhi Vihar Murder: जब फॉरेंसिक छात्रा ने रचा ‘परफेक्ट मर्डर’, पर इस गलती से खुल गया राज
आरोपी कौन हैं और आरोप क्या है- Satara Doctor Suicide
महिला आयोग की अध्यक्ष रूपाली चाकनकर ने बताया कि इस मामले में निलंबित पुलिस उप-निरीक्षक गोपाल बदाने और सॉफ्टवेयर इंजीनियर प्रशांत बनकर मुख्य आरोपियों के रूप में गिरफ्तार किए गए हैं। सुसाइड नोट में महिला डॉक्टर ने दावा किया कि गोपाल बदाने ने कई बार उनके साथ बलात्कार किया और प्रशांत बनकर ने उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया।
दिवाली वाले दिन हुई बहस
रूपाली चाकनकर ने बताया कि दिवाली के दिन महिला डॉक्टर बनकर के घर गई थीं। वहां उनके बीच बहस हुई और इसके बाद डॉक्टर वहां से चली गईं। कॉल रिकॉर्ड और सीडीआर (कॉल डिटेल रिकॉर्ड) से यह सामने आया कि मार्च तक महिला डॉक्टर बदाने के संपर्क में थीं, लेकिन बाद में बातचीत खत्म हो गई। बनकर के साथ लक्ष्मी पूजन वाले दिन हुई बहस के दौरान तस्वीरें खींचने को लेकर झगड़ा हुआ, जिससे महिला डॉक्टर घर छोड़कर चली गईं।
संदेश और संकेत
बहस के बाद डॉक्टर ने बनकर को संदेश भेजे, जिनमें संकेत दिए कि वह कोई बड़ा कदम उठाने वाली हैं। प्रारंभिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने पुष्टि की कि यह फांसी लगाकर की गई आत्महत्या है। महिला आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि पुलिस यह जांच कर रही है कि कहीं इस मामले में कोई और व्यक्ति शामिल तो नहीं था।
अजीब समय पर मेडिकल जांच
महिला आयोग ने यह भी बताया कि मेडिकल जांच को लेकर विवाद हुआ था। जुलाई 2025 में अस्पताल की आंतरिक समिति ने इस मामले का निपटारा किया था, लेकिन पुलिस का कहना था कि डॉक्टर ने देर रात और अजीब समय पर आरोपियों की मेडिकल जांच में सहयोग नहीं किया।
पुलिस अधीक्षक की प्रतिक्रिया
सतारा के पुलिस अधीक्षक तुषार दोशी ने पुष्टि की कि घटना से पहले डॉक्टर बनकर के संपर्क में थीं और उनके बीच संदेशों का आदान-प्रदान हुआ था। साथ ही पीएसआई बदाने के खिलाफ बलात्कार के आरोपों की जांच भी जारी है। पुलिस आरोपियों के ठिकानों और चैट की तकनीकी जांच कर रही है।
परिजनों की मांग: SIT और फास्ट-ट्रैक अदालत
महिला डॉक्टर के परिवार ने सरकार से विशेष जांच दल (SIT) बनाने की मांग की है। परिवार चाहता है कि मामला बीड की फास्ट-ट्रैक अदालत में चले ताकि न्याय जल्दी मिल सके। एक रिश्तेदार ने कहा कि कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) की जांच के जरिए आरोपों की पुष्टि होनी चाहिए और परिवार को फलटण जाकर बयान दर्ज कराने की जरूरत नहीं हो।
यह मामला केवल एक आत्महत्या का नहीं है, बल्कि इसमें मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना, पुलिस और नागरिक के बीच जटिल संबंध, और न्याय के लिए परिवार की तेज़ प्रतिक्रिया शामिल है। अब सबकी निगाहें SIT जांच और अदालत की कार्रवाई पर लगी हैं।
