Satara Suicide Case: महाराष्ट्र के सातारा जिले से एक दर्दनाक और चौंकाने वाली खबर सामने आई है। फलटण उपजिला अस्पताल में कार्यरत एक महिला डॉक्टर ने गुरुवार रात आत्महत्या कर ली। इस घटना ने पूरे प्रदेश को हिला कर रख दिया है। लेकिन जो बात इस केस को और भी गंभीर बना रही है, वह है डॉक्टर के हाथ पर लिखा गया सुसाइड नोट, जिसमें उन्होंने दो पुलिस अधिकारियों पर बलात्कार और मानसिक प्रताड़ना के आरोप लगाए हैं।
होटल में मिली लाश, हथेली पर लिखा था आखिरी संदेश- Satara Suicide Case
पुलिस के मुताबिक, महिला डॉक्टर ने फलटण के एक होटल में आत्महत्या की। देर रात जब उन्होंने दरवाजा नहीं खोला तो होटल स्टाफ ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने जब दरवाजा तोड़ा तो डॉक्टर का शव मिला। हाथ पर पेन से लिखा गया सुसाइड नोट देखकर पुलिस भी हैरान रह गई।
डॉक्टर ने अपने हाथ पर लिखा था –
“मेरी मौत का जिम्मेदार पुलिस इंस्पेक्टर गोपाल बदने है। उसने मेरे साथ चार बार रेप किया। पुलिसकर्मी प्रशांत बनकर ने भी मुझे चार महीने तक शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया।”
जांच के दबाव में थीं डॉक्टर
जानकारी के मुताबिक, डॉक्टर पिछले कुछ महीनों से भारी मानसिक तनाव में थीं। बताया जा रहा है कि वह पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के बीच चल रहे एक मामले में जांच के घेरे में थीं। मेडिकल रिपोर्ट को लेकर पुलिस से उनका विवाद हुआ था, जिसके बाद उनके खिलाफ आंतरिक जांच शुरू कर दी गई थी।

सूत्रों का कहना है कि इसी तनाव के चलते डॉक्टर ने यह चरम कदम उठाया।
पहले ही दी थी चेतावनी
मामले को और भी गंभीर बनाता है डॉक्टर का पुराना पत्र। कुछ दिन पहले ही उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को लिखित शिकायत दी थी। उस शिकायत में उन्होंने साफ लिखा था, “मुझ पर अन्याय हो रहा है। अगर न्याय नहीं मिला तो मैं आत्महत्या कर लूंगी।”
दुर्भाग्य से उनकी यह चेतावनी नजरअंदाज कर दी गई और आखिरकार उन्होंने खुदकुशी कर ली।
सरकार की सख्त प्रतिक्रिया – दो पुलिसकर्मी निलंबित
घटना के सामने आने के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने तुरंत कार्रवाई के आदेश दिए। उन्होंने पुलिस निरीक्षक गोपाल बदने और पुलिसकर्मी प्रशांत बनकर को निलंबित करने का आदेश जारी किया। सीएम ने सातारा के एसपी से बात कर पूरे मामले की जानकारी ली और कहा कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
राज्य के संरक्षक मंत्री शंभूराज देसाई ने भी बयान जारी किया है। उन्होंने कहा, “घटना बेहद गंभीर है। मैंने एसपी को मौके पर जाने और हर पहलू से जांच करने का निर्देश दिया है। अगर सुसाइड नोट या अन्य सबूत मिले हैं तो उनकी बारीकी से जांच होगी और कोई भी दोषी बच नहीं पाएगा।”
परिवार का आरोप – पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट बदलने का दबाव
डॉक्टर के परिवार ने भी प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि अधिकारियों ने महिला डॉक्टर पर पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट बदलने का दबाव बनाया था। जब उन्होंने ऐसा करने से इनकार किया, तो उन्हें परेशान किया जाने लगा।
परिवार का कहना है कि यह सिर्फ आत्महत्या नहीं बल्कि लगातार मानसिक प्रताड़ना और दबाव का नतीजा है। उन्होंने मांग की है कि मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को जल्द से जल्द सजा दी जाए।
पुलिस जांच जारी
सातारा के एसपी तुषार दोशी ने बताया कि इस मामले में एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। पुलिस डॉक्टर के हाथ पर लिखे सुसाइड नोट को एक अहम सबूत मान रही है। इसे फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है ताकि यह पता लगाया जा सके कि नोट वास्तव में डॉक्टर ने ही लिखा था या नहीं।
पूरे महाराष्ट्र में गुस्सा
इस घटना ने पूरे राज्य में गुस्से की लहर पैदा कर दी है। सोशल मीडिया पर लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब डॉक्टर ने पहले ही अपनी शिकायत में आत्महत्या की चेतावनी दी थी, तो फिर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
