UP Crime News: उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले से एक ऐसा सनसनीखेज मामला सामने आया है जिसने इंसानियत को झकझोर कर रख दिया है। यहां तंत्र-मंत्र के अंधविश्वास में फंसे एक पुलिस सिपाही ने अपने ही साले के 9 साल के बेटे की बलि दे दी। हत्या को अंजाम देने में उसके तीन और रिश्तेदार शामिल थे। पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और इनकी निशानदेही पर हत्या में इस्तेमाल हथियार, गाड़ी, बाइक और फावड़ा बरामद कर लिया है।
मासूम आरुष को ले गई तंत्र की हवस- UP Crime News
यह पूरी वारदात भलुअनी थाना क्षेत्र के ग्राम पटखौली की है। गांव के रहने वाले योगेश कुमार गौड़ नाइजीरिया में नौकरी करते हैं। घर पर उनकी पत्नी और 9 साल का बेटा आरुष रहते थे। 16 अप्रैल की शाम आरुष घर से बाहर खेलने निकला, लेकिन वापस नहीं लौटा। 17 अप्रैल को आरुष के चाचा सोमनाथ गौड़ ने थाने में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।
पुलिस ने मामला गंभीर समझते हुए एसपी विक्रांत वीर के निर्देश पर सीओ अंशुमन श्रीवास्तव के नेतृत्व में कई टीमें बनाई गईं। शुरुआती जांच में कोई ठोस सुराग नहीं मिला, लेकिन धीरे-धीरे शक की सुई घर के ही लोगों पर टिकने लगी।
तंत्र-मंत्र में फंसा फूफा, मामा ने दी नरबलि की सलाह
पुलिस जांच में सामने आया कि आरुष का सगा फूफा इंद्रजीत गौड़, जो यूपी पुलिस में सिपाही है, तंत्र-मंत्र में गहराई से लिप्त था। शादी के बाद जब वह ससुराल आया तो झाड़फूंक में उलझ गया। ससुराल के लोग भी उसकी हरकतों से परेशान थे। इस बीच वह अपने मामा जय प्रकाश के पास गया, जिसने उसे नरबलि देने की सलाह दे डाली।
इंद्रजीत ने अपने साढ़ू शंकर गौड़ से संपर्क किया और 50 हजार रुपये में किसी बच्चे की “व्यवस्था” करने को कहा। शंकर, जो खुद आरुष का मझला फूफा है, ने उसी मासूम को अगवा कर लिया जिसे वह भतीजे की तरह जानता था।
जंगल में हुई बलि, फिर लाश को नदी में फेंका
19 अप्रैल की रात इंद्रजीत, उसका मामा जय प्रकाश और मौसी का बेटा भीम, ग्राम पिपरा के एक बगीचे में पहुंचे। वहां आरुष के हाथ-पैर पकड़े गए और इंद्रजीत ने उसका गला रेतकर हत्या कर दी। हत्या के बाद शव को जमीन में दबा दिया गया।
20 अप्रैल को भीम, जो मैजिक वाहन चलाता है, ने गाड़ी लेकर शव निकाला और पॉलीबैग में लपेटकर उसे बरहज नदी के बीचों-बीच फेंक दिया।
हत्या के बाद आरोपी बना ‘खोजकर्ता’
हैरानी की बात यह है कि आरुष की हत्या करने के बाद इंद्रजीत ससुराल लौट आया और मासूम की तलाश करने का ढोंग रचने लगा। लेकिन पुलिस को उस पर शक हो चुका था। जब उसके मामा जय प्रकाश को हिरासत में लिया गया तो वह टूट गया और सारा राज़ खोल दिया।
पुलिस ने इसके बाद एक-एक कर बाकी तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया और उनकी निशानदेही पर हत्या में इस्तेमाल चाकू, फावड़ा, मैजिक वाहन और दो बाइक बरामद की।
चार रिश्तेदारों ने रची खौफनाक साजिश
इस हत्याकांड में आरोपी सभी लोग आपस में रिश्तेदार हैं:
- इंद्रजीत गौड़ – आरुष का सगा फूफा, यूपी पुलिस में सिपाही, देवरिया का रहने वाला
- शंकर गौड़ उर्फ रमाशंकर – आरुष का मझला फूफा, गोरखपुर निवासी
- जय प्रकाश गौड़ – इंद्रजीत का मामा, डुमरी मदनपुर, देवरिया
- भीम गौड़ – मौसी का बेटा, परसिया मिसकारी, देवरिया
एसपी विक्रांत वीर ने बताया कि सभी आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। यह मामला केवल अपराध नहीं, बल्कि रिश्तों और भरोसे को तार-तार करने वाली घटना बन चुकी है। पुलिस ने चारों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है और केस की गहन जांच जारी है।