UP News: उत्तर प्रदेश के इटावा जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक गांव में भागवत कथा करने आए कथावाचक मुकुट मणि यादव और उनके सहयोगी संत कुमार यादव के साथ ब्राह्मण समाज के लोगों द्वारा मारपीट, जबरन बाल-चोटी काटने और नाक रगड़वाने का आरोप लगा है। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसके बाद पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लिया है और त्वरित कार्रवाई शुरू कर दी है।
क्या था पूरा मामला? (UP News)
पीड़ितों के अनुसार, वे गांव में भागवत कथा करने आए थे, तभी गांव के कुछ ब्राह्मण समाज के लोगों ने उनसे उनकी जाति पूछी। जब उन्होंने खुद को यादव बताया, तो यह सवाल उठा कि यादव व्यक्ति ब्राह्मणों के गांव में कथा करने कैसे आ सकते हैं। इसके बाद, कथावाचक और उनके सहयोगी को बंधक बना लिया गया और उनकी बुरी तरह पिटाई की गई। वीडियो में दिखाया गया है कि कथावाचक और उनके सहयोगी के साथ अमानवीय व्यवहार किया गया, जिसमें उनके बाल-चोटी काटना और नाक रगड़वाना शामिल था।
ये चमार यादव ‘ये देखो नकली पंडत बनके गांव में व्यास की सीट पर बैठा है। देख लो इसका चेहरा। ये चमार हैं और यहां कर रहे भागवत”
घटना : इटावा उप्र ( यादव द्वारा भागवत कथा करने पर गांव के पंडितों ने जातिवादी रवैया अपनाते हुए मारपीट कर बाल कांटे, मूत्र छिड़का, नाक रगड़वाई) pic.twitter.com/nU4b3nXdxe
— Sunil Astay 🇮🇳 (@SunilAstay) June 23, 2025
ब्राह्मणों के गांव में यादवों की कथा?
पीड़ितों का आरोप है कि ब्राह्मणों ने उनसे यह भी पूछा कि वह यादव होते हुए कैसे उनके गांव में कथा करने आए। कथावाचक मुकुट मणि यादव ने बताया कि उन्हें और उनके सहयोगी को सिर्फ उनकी जाति के कारण प्रताड़ित किया गया। यहां तक कि भागवत कथा के दौरान एक महिला, जिसे परीक्षित का रूप दिया गया था, के पैरों पर भी जबरन नाक रगड़वाया गया और महिला के मूत्र से उन पर छिड़काव भी किया गया।
कथावाचक मुकुट मणि यादव का बयान
पीड़ित कथावाचक मुकुट मणि यादव ने इस पूरी घटना पर बयान देते हुए कहा, “हमारे साथ अमानवीय व्यवहार किया गया है। हमारी सोने की अंगूठी और जंजीर भी ले ली गई। हमें इंसाफ चाहिए और हमने इस मामले की शिकायत पुलिस से की है।” उनका कहना है कि यह घटना पूरी तरह से जातिवाद से प्रेरित थी, और उनके साथ केवल इसलिए यह सब किया गया क्योंकि वे यादव जाति से थे।
पुलिस का सख्त एक्शन
इस घटना के वायरल वीडियो के सामने आने के बाद पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया और त्वरित कार्रवाई शुरू की। पुलिस द्वारा की गई जांच में यह बात सामने आई कि यह घटना इटावा जिले के बकेवर क्षेत्र के गांव दादरपुर में हुई थी, जहां सामूहिक भागवत कथा का आयोजन किया गया था। कथावाचक ने पहले खुद को ब्राह्मण बताया था, लेकिन बाद में उनकी जाति का पता चला, जिससे कुछ लोग नाराज हो गए और उन्होंने कथावाचक और उनके सहयोगी के साथ अभद्रता की।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) बृजेश कुमार श्रीवास्तव के मुताबिक, पुलिस ने अब तक इस मामले में 4 आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है और उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात भी कही है।
समाज में बढ़ते जातिवाद के मुद्दे पर सवाल
यह घटना जातिवाद की एक कड़ी को उजागर करती है, जो आज भी समाज में व्याप्त है। एक धार्मिक आयोजन में जातिवाद की भावना का असर दिखाता है कि समाज में अब भी जाति के आधार पर भेदभाव किया जाता है, जो कि एक गंभीर समस्या है। इस घटना ने यह सवाल उठाया है कि क्या धार्मिक आयोजनों को जातिवाद से मुक्त किया जा सकता है और क्या समाज में समानता की भावना को बढ़ावा दिया जा सकता है।