UP News: उत्तर प्रदेश के दो मजदूरों के साथ रूस में नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी का मामला सामने आया है। रोजगार की उम्मीद में विदेश गए ये दोनों लोग न सिर्फ ठगे गए, बल्कि रूस में कई दिनों तक बिना खाना-पानी और ठिकाने के बेसहारा हालत में जीने को मजबूर रहे। पुलिस ने मंगलवार को इस मामले की जानकारी दी है और फिलहाल धोखाधड़ी के आरोप में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
क्या है पूरा मामला? UP News
खबरों की मानें तो, पीड़ितों की पहचान उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले के रहने वाले प्रमोद चौहान और उनके पड़ोसी गौतम साहनी के रूप में हुई है। 45 वर्षीय प्रमोद एक राजमिस्त्री हैं और करीब 18 साल तक सऊदी अरब में काम कर चुके हैं। वहीं, गौतम साहनी भी मेहनत-मजदूरी कर अपना घर चलाते हैं। विदेश में पहले काम कर चुके प्रमोद को दिल्ली के बदरपुर निवासी निजामुद्दीन से संपर्क में आए थे, जिसने उन्हें रूस की एक कंपनी में बेहतर सैलरी वाली नौकरी का ऑफर दिया।
प्रमोद ने इस ऑफर पर भरोसा कर लिया और 30 जून को उन्हें एक जॉब एग्रीमेंट और फर्जी अप्वाइंटमेंट लेटर भी सौंपा गया। प्रमोद ने अपने पड़ोसी गौतम को भी इस बारे में बताया, जो उनके साथ जाने के लिए तैयार हो गया।
कैसे हुई ठगी?
जांच में सामने आया है कि आरोपियों ने दोनों से कुल 4.5 लाख रुपये की रकम वसूली। इसमें से 50 हजार रुपये नकद में और बाकी 4.05 लाख रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर के जरिए लिए गए। आरोपियों ने दावा किया कि वे रूस में एक प्रतिष्ठित कंपनी में काम दिलवा रहे हैं, लेकिन असलियत कुछ और ही निकली।
1 जुलाई को दोनों को सबसे पहले कज़ाकिस्तान भेजा गया और वहां से रूस के ओम्स्क शहर ले जाया गया। लेकिन जब दोनों वहां पहुंचे तो पाया कि न कोई नौकरी थी, न ठहरने की कोई जगह। उनके पास खाने के लिए भी कुछ नहीं था। कुछ दिन उन्होंने किसी तरह से जैसे-तैसे गुज़ारे, फिर अपने परिवार वालों से संपर्क किया।
परिजनों ने टिकट के पैसे भेजे, तब जाकर दोनों 17 जुलाई को भारत लौट पाए। जब उन्हें ये पता चला कि उन्हें जो वीज़ा दिया गया था, वो वर्क वीज़ा नहीं बल्कि पर्यटक वीज़ा था, तो उनके होश उड़ गए।
पुलिस ने क्या किया?
मामला सामने आने के बाद पीड़ितों ने दिल्ली पुलिस से संपर्क किया। उनकी शिकायत पर दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने निजामुद्दीन और उसके साथी प्रेमचंद के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। आरोपियों ने रूस की एक फर्जी कंपनी का हवाला देकर लोगों को ठगने की साजिश रची थी।
फिलहाल, जांच जारी है और पुलिस इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों का भी पता लगा रही है।