Wives Murdered In Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में एक ओर दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें पतियों ने अपनी ही पत्नियों की हत्या कर दी। इस मामले ने न केवल राज्य को हैरान किया, बल्कि रिश्तों में बढ़ते अविश्वास और मानसिक तनाव की गंभीर तस्वीर भी पेश की है। हाल ही में इंदौर के राजा रघुवंशी हत्याकांड में पत्नी सोनम को गिरफ्तार किए जाने के बाद, सोशल मीडिया पर पत्नियों को लेकर मीम्स और ट्रोलिंग की बाढ़ आ गई। हालांकि, छत्तीसगढ़ में इस समय जो आंकड़े सामने आए हैं, वे कहीं अधिक चौंकाने वाले हैं।
छत्तीसगढ़ में बढ़ते हत्याकांड- Wives Murdered In Chhattisgarh
चरणबद्ध रूप से बढ़ते इस अपराध की कहानी बेहद गहरी है। राज्य में 1 मार्च 2025 से 22 जून 2025 तक 30 महिलाओं की हत्या के आरोप में उनके पतियों को गिरफ्तार किया गया है। यह आंकड़ा खुद में ही हैरान करने वाला है, क्योंकि इसका मतलब है कि हर 4 दिन में एक पत्नी अपने ही पति द्वारा मारी जा रही है। यह घटना छत्तीसगढ़ के समाज में रिश्तों के प्रति बढ़ते अविश्वास और घातक मानसिक तनाव का प्रतिकूल परिणाम प्रतीत होती है।
धमतरी में तीन महीने बाद हत्याकांड
धमतरी जिले का मामला इस बात का उदाहरण है कि कैसे रिश्तों में भरोसा इतना कम हो सकता है कि एक पति को अपनी पत्नी के चरित्र पर संदेह हो जाए, जिसके चलते वह हत्या का कदम उठाने पर मजबूर हो जाए। 7 जून 2025 को धनेश्वर पटेल ने अपनी पत्नी के साथ सोशल मीडिया पर तस्वीर शेयर की थी और प्यार भरे शब्द लिखे थे। लेकिन 10 जून को उसी पति ने अपनी पत्नी को हसिये से गला काटकर मौत के घाट उतार दिया। पुलिस के अनुसार, तीन महीने की शादी में ही पति को अपनी पत्नी के चरित्र पर शक हो गया था, जिसके कारण उसने यह भयानक कदम उठाया।
बालोद में सुनियोजित हत्या
इससे एक और मामला सामने आता है जो बालोद जिले के दल्लीराजहरा थाना क्षेत्र का है। 22 मार्च 2025 को एक टीचर बरखा वाशनिक की सड़क हादसे में मौत हो गई थी। हालांकि, पुलिस ने मामले की गहरी जांच की और यह पता चला कि यह कोई हादसा नहीं था, बल्कि एक सुनियोजित हत्या थी। बरखा के पति शीशपाल ने अपने एक दोस्त के साथ मिलकर उसकी हत्या की और उसे सड़क हादसे का रूप देने की कोशिश की। पुलिस की जांच में यह तथ्य सामने आया कि पति को पत्नी का दूर रहना नागवार गुजर रहा था, जिससे वह मानसिक रूप से परेशान हो गया था और अपनी पत्नी को मौत के घाट उतारने का फैसला किया।
रिश्तों के बारे में समाजविदों की राय
समाज में बढ़ती इन घटनाओं के बाद समाजविद प्रो. डीएन शर्मा ने इस पर गहरी चिंता व्यक्त की। उनका कहना था कि एनसीआरबी के आंकड़ों से पता चलता है कि महिलाओं ने कभी भी अपनी सुरक्षा के लिए पतियों को इतनी बड़ी संख्या में नुकसान नहीं पहुंचाया है। महिलाओं को ट्रोल करना और उन्हें हत्यारी बताना पूरी तरह से गलत है। वह बताते हैं कि मानसिक तनाव, रिश्तों में अविश्वास और घरेलू हिंसा के कारण यह सब हो रहा है, और यह सब सिर्फ एक-दो मामले के आधार पर महिलाओं के चरित्र पर सवाल उठाना गलत है।