हिसार : सतलोक आश्रम प्रकरण से जुड़े हत्या के मामले में गुरुवार को फैसला सुनाया गया। गुरुवार को जस्टिस डीआर चालिया के सेशंन कोर्ट ने फैसला सुनाया जिसमें रामपाल को दोनों मामले में दोषी पाया गया। सजा की घोषणा 16 और 17 अक्टूबर को की जा सकती है। वहीं सुरक्षा के मद्देनजर सुनवाई जेल परिसर में ही हुई। इसके साथ ही हरियाणा के हिसार जिले में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये। किसी भी तरह के अप्रिय घटना न होने देने के लिए प्रशासन बेहद चौकस है। पूरे इलाके में बेहद कड़ी सुरक्षा व्यवस्था बनायी गयी और शहर में धारा-144 लागू कर दी गयी है।
मामले में सतलोक आश्रम संचालक रामपाल सहित 30 लोगों पर 302, 343 और 120बी के तहत केस दर्ज हुआ है। महिलाओं और एक बच्चे की मौत मामले में रामपाल समेत 15 लोगों को आरोपी बनाया गया है। एक महिला की मौत मामले में रामपाल सहित 13 लोग आरोपी हैं और इन दोनों मामले में 6 लोग आरोपी हैं। गुरुवार को इन दोनों मामले में फैसला सुनाया गया।
जानकारी दे दें कि सुनवाई के दौरान कोर्ट से 3 किलोमीटर का सुरक्षा घेरा बनाया गया है। इस घेरे में कोई भी बाहरी व्यक्ति का प्रवेश पूरी तरह से वर्जित है। इसके अलावा राजस्थान, पंजाब, मध्यप्रदेश और हरियाणा से विभिन्न हिस्सों से हिसार आने वाली ट्रेनों का संचालन नहीं होगा। पुलिस प्रशासन ने पुलिसकर्मियों की जगह-जगह तैनाती की है। आरएएफ की 5 कंपनियों को हिसार बुला लिया गया है।
आपको बता दें कि संत रामपाल के इस मामले पर 24 अगस्त को फैसला सुनाया जाना था लेकिन राम रहीम के मामले को देखते और सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए इसे टाल दिया गया और अब इस पर गुरुवार को फैसला आया है।
संत रामपाल पर देशद्रोह का मामला भी दर्ज है जिसकी सुनवाई 19 नवंबर को होगी। जानकारी है कि इस दिन हिसार के कई जगहों पर रूट को बदल दिया जाएगा। दिल्ली रोड और राजगढ़ रोड के साथ साथ साउथ बाईपास के रास्तों में भी परिवर्तन किया जाएगा। इसके अलावा सुनवाई से 48 घंटे पहले ही जिले की सभी सीमाएं सील हो जाएंगी।
जानकारी दे दें कि नवंबर 2014 को सतलोक आश्रम में पुलिस और रामपाल के समर्थकों में टकराव हुआ जिसमें 5 महिलाओं और एक बच्चे की मौत हो गयी। जिसके बाद संत रामपाल पर हत्या के दो केस दर्ज कराये गये। आपको बता दें कि संत रामपाल ही सतलोक आश्रम का संचालक है। सरकारी पक्ष की तरफ से इन हत्याओं के मामले का आरोपी रामपाल और आश्रम संचालक को बनाया गया है तो वहीं बचाव पक्ष ने इन हत्याओं के लिए पुलिस द्वारा की गयी कार्रवाई को जिम्मेदार बताया है।