प्रेमानंद जी के प्रवचन: यदि आपका भाग्य साथ नहीं दे रहा है तो ये पढ़ें

Premanand Maharaj ke Pravachan
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Premanand ji Maharaj ke Pravachan – महाराज प्रेमानंद जी जिनकी दोनों किडनी खराब है लेकिन इसके बाद भी वो संकीर्तन राधा वल्लब और बांके बिहारी जी के दर्शन और परिक्रमा जरुर करते हैं. साथ ही सत्संग भी करते हैं. कहा जाता है कि जो भी श्री प्रेमानंद महाराज जी का सत्संग सुनता हैं उन्हें राधारानी के दर्शन होते हैं. श्री प्रेमानंद महाराज जी का नाम राधा रानी के परम भक्तों में से एक हैं और दिन रात उनकी जुबान पर राधा रानी का नाम होता है. जहाँ प्रेमानंद जी अपने सत्संग में राधा रानी का जिक्र करते हुए लोगों को जीवन सही तरीके से जीने का पाठ पढ़ाते हैं तो वहीं अपने इस सत्संग के जरिए उन्होंने ये बताया है कि यदि आपका भाग्य आपका साथ नहीं दे रहा है तो इसके लिए क्या चाहिए.

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प्रेमानंद जी महाराज ने बताई भाग्य बदलने की बातें 

प्रेमानंद जी महाराज जी ने अपने सत्संग के जरिए एक कहानी सुनाते हुए बताया कि भाग्य को बदलना है तो भगवान का कमाना करें अगर आप भगवान की कमाना करते हैं तो निश्चित ही सभी परेशानी खत्म हो जाएगी.इसी के साथ प्रेमानंद जी महाराज जी ने ये भी बताया कि ठाकुर जी का चरण का थोडा सा आश्रय अपने मन में रखने से भाग्य का उदय होना तय है. ऐसा करने से सभी भय और चिंता नष्ट हो जायेंगी जो लोग श्रीकृषण को साधारण समझते हैं वो उनकी भूल है श्रीकृषण कोई साधारण मनुष्य नहीं है वो सभी दुःख-दर्द दूर करते हैं और जो उनका नाम के सुमिरण करता है उसका भाग्य उदय होना तय है.

इन लोगों को नहीं हो सकता भाग्य उदय : प्रेमानंद 

वहीं प्रेमानंद जी महाराज जी ने ये भी कहा जो लोग श्रीकृषण को नहीं समझ पाए उनक भाग्य कहां से उदय होगा. इसी के साथ वहीं प्रेमानंद जी महाराज जी ने ये भी कहा कि वो लोग भी बड़े भाग्यशाली हैं जिन्हें श्रीमत भगवत गीता सुनने को मिलती है जो इस चर्चा में शामिल होते हैं क्योंकि यही एक भाग्य उदय करना का रास्ता है.

प्रेमानंद जी सत्संग के जरिए देते हैं प्रेरणादायक ज्ञान 

आपको बता दें, महाराज प्रेमानंद जी (Premanand ji Maharaj ke Pravachan) के दर्शन करने के लिए उनके भक्त देश-विदेश से वृंदावन आते है और उनका बहुत सम्मान भी करते हैं. उन्होंने अपना जीवन राधा रानी की भक्ति सेवा के लिए समर्पित कर दिया. जहाँ महाराज जी किडनी कि समस्या है तो वहीं इस बीमारी के बावजूद वो सुबह 2 बजे उठकर वृंदावन की परिक्रमा उसके बाद संकीर्तन राधा वल्लब और बांके बिहारी जी के दर्शन और परिक्रमा करते हैं साथ ही वो सत्संग भी करते हैं और इस सत्संग के साथ ही वो लोगों को कई सारी प्रेरणादायक बातें बताते हैं.

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