Chhath Puja 2024 नहाय-खाय से शुरू हुआ छठ पूजा का महापर्व, जानें इसके महत्व के बारें में…

chhath puja , chhath puja Bihar
Source: Google

Chhath Puja 2024 : छठ पूजा चार दिन का व्रत होता है, जिसमें हर दिन की अपनी विशेष महत्व और विधियाँ होती हैं. यहाँ पर चारों दिन की गतिविधियाँ और महत्व का संक्षेप में विवरण दिया गया है. छठ को आस्था का महापर्व कहा जाता है. यह पर्व चार दिनों तक चलता है, जिसकी शुरुआत नहाय-खाय से होती है और इसका समापन उगते सूर्यदेव को अर्घ्य देने का साथ होता है. छठ महापर्व को कई नामों से जाना जाता है जैसे सूर्य षष्ठी, छठ, छठी और डाला छठ. महिलाएं छठ पर्व पर 36 घंटे का निर्जला व्रत घर की खुशहाली और संतान की सलामती के लिए रखती हैं. छठ महापर्व में सूर्यदेव और छठी मैया की पूजा-अर्चना की जाती है. तो चलिए इस लेख में छठ के महापर्व के महत्व के बारे में जानते हैं.

आगे पढ़े : Sharda Sinha On Ventilator: वेंटिलेटर पर लोक गायिका शारदा सिन्हा, हालत गंभीर, जानें बिहार की स्‍वर कोकिला की कितनी है नेटवर्थ .

  1. पहला दिन – नहाय-खाय

  • उद्देश्य –  इस दिन का महत्व शुद्धता और पवित्रता में होता है.
  • क्रिया – श्रद्धालु नदियों या तालाबों में स्नान करते हैं और पवित्रता का ध्यान रखते हैं. इसके बाद वे शुद्ध शाक-भाजी, चावल और दाल का भोजन करते हैं.
  • प्रार्थना –  इस दिन सूर्य देवता की पूजा की जाती है और उनकी कृपा के लिए प्रार्थना की जाती है.
  1. दूसरा दिन – खरना

  • उद्देश्य –  इस दिन का उद्देश्य व्रत की शक्ति को बढ़ाना होता है.
  • क्रिया – शाम को व्रति उपवास का संकल्प लेकर एक विशेष पकवान, जिसमें गुड़ और चावल का खीर बनाकर उसका भोग लगाते हैं.
  • आरती – खरना के बाद व्रति सूर्य देवता और छठी मइया की आरती करती हैं. इसके बाद पूरे परिवार के साथ भोजन किया जाता है.
  1. तीसरा दिन – संध्या अर्घ्य

  • उद्देश्य – सूर्य देवता को संध्या समय अर्घ्य देने का महत्व होता है।
  • क्रिया –  सूर्यास्त के समय एक विशेष स्थान पर जाकर व्रति व्रत के फल, ठेकुआ, फल, और पानी का पात्र लेकर जाती हैं. वे सूर्य देवता को अर्घ्य देती हैं.
  • आरती – अर्घ्य के समय मंत्रों का उच्चारण किया जाता है और आरती की जाती है.
  1. चौथा दिन – प्रात: अर्घ्य

  • उद्देश्य – उगते सूर्य को अर्घ्य देने का दिन होता है.
  • क्रिया – सूर्योदय के समय, श्रद्धालु नदी या तालाब के किनारे जाकर अर्घ्य देते हैं.
  • आरती – इस दिन भी सूर्य देवता की आरती की जाती है और फिर व्रति उपवास खोलती हैं.

इस प्रकार, छठ पूजा के चारों दिन श्रद्धा और भक्ति से मनाए जाते हैं, जो कि परिवार के साथ मिलकर एक साथ किए जाते हैं.

आगे पढ़े : Chhath Puja 2024 Wishes & Quotes in Hindi: इन बेहतरीन संदेशों के साथ दोस्तों और रिश्तेदारों को भेजें छठ पूजा शुभकामनाएं .

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here