बागेश्वर महाराज के प्रवचन: जब महाराज जी ने सुनाया हरिश्चंद्र और इंद्र से जुड़ा किस्सा

Discourses of Bageshwar Maharaj
source- Google

देश-विदेश में प्रसिद्ध बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र शास्त्री श्रीराम कथा और अपने दरबार के लिए प्रसिद्ध हैं. जहाँ बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र शास्त्री दरबार में आए लोगों की दुखों को दूर करने का तरीका बताते हैं तो वहीं बागेश्वर धाम के महाराज कथा भी करते हैं और कथा के जरिए कई सारी ज्ञान की बातें भी बताते हैं. वहीं इस बीच बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र शास्त्री ने अपनी कथा के दौरान हरिश्चंद्र और इंद्र से जुड़ा किस्सा बताया है.

Also read- बागेश्वर बाबा के प्रवचन: महाराज जी की कड़वी मगर सच्ची बातें. 

महाराज ने सुनाई सत्यवादी हरिश्चंद्र की कहानी 

बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र शास्त्री ने बताया कि एक राजा था हरिश्चंद्र जो हमेशा सच की राह पर चलते थे और सत्य के लिए उन्होंने जीवन में कई सारे कष्ट सहे लेकिन कभी सत्य का साथ नहीं छोड़ा. वहीं उनका सत्यवादी रूप देखकर इंद्र को घबराहट हो गयी और उसे लगा कही सत्यवादी हरिश्चंद्र की वजह से उनका पद न छिन जाए. जिसके बाद इंद्र जी ने बात वसिष्ठ जी को बताई और वसिष्ठ जी ने साधू का रूप धारण करके सत्यवादी हरिश्चंद्र से उनका सारा राज-पाठ मांग लिया और हरिश्चंद्र ने सब दान देकर घर से निकल गए. इसी के साथ वसिष्ठ जी ने हवन करवाने के लिए नगद-राशि भी मांगी और कहा कि एक हज़ार मोहरे दे दो. जिसके बाद हरिश्चंद्र ने अपनी पत्नी और बच्चे और खुद को बेचने का निर्णय किया.

500 रूपये में बिक गये हरिश्चंद्र 

हरिश्चंद्र की पत्नी और बच्चे 500 माहोरे में बिक गए तो वहीं हरिश्चंद्र एक डोम के घर 500 रूपये में बिक गए और अपने बच्चे और पत्नी से दूर होकर हरिश्चंद्र ने जहाँ खुद को बेचा था वहां काम करने लगे. हरिश्चंद्र को मरघट पर लाशों का जलाने का काम मिला और डोम ने कहा बिना पैसा लिए किसी का अंतिम संस्कार नहीं होगा. जिसके बाद हरिश्चंद्र यहां पर लाशों का अंतिम संस्कार करने का काम करने लगे.

 बेटे के अंतिम संस्कार के लिए माँगा पैसा 

वहीं एक दिन हरिश्चंद्र की बेटे रोहित को एक साँप ने काट लिया और उसकी मौत हो गयी. जिसके बाद हरिश्चंद्र की पत्नी अपने बेटे का अंतिम संस्कार के लिए उसे घाट पर ले गयी जहाँ हरिश्चंद्र काम करते थे और हरिश्चंद्र ने उन्हें बोला कि इसका अंतिम संस्कार तभी होगा जब आप मुझे पैसे देंगी मेरे मालिक ने कहा है कि बिना पैसो के किसी को अंतिम संस्कार नहीं करने देना. वहीं इसके बाद हरिश्चंद्र की पत्नी ने कहा उनके पास कुछ नहीं है लेकिन ये पहनी हुई एक साड़ी है और साड़ी को आधा टुकड़ा आप उधार के रूप में रख लो. जिसके बाद हरिश्चंद्र की पत्नी साड़ी फाड़ना शुरू कर दिया. इसी बीच ठाकुर जी इंद्र को लेकर प्रकट हुए और उन्होंने हरिश्चंद्र को गले से लगा लिया और ये दर्शाता है की उपासना करनी है सत्य की करो क्योंकि सत्य आपके साथ अंतिम समय तक रहता है.

परेशानी हल करते हैं बागेश्वर धाम के महाराज

आपको बता दें, बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र शास्त्री कथा सुनाते हैं और बड़ा दरबार भी लगाते हैं. वहीं बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र शास्त्री अपने दरबार में आए लोगों की परेशानी किसी के बिना बताए ही कागज के एक पर्चे पर लिख देते हैं और इस समस्या का निवारण भी बताते हैं. इसी के साथ पंडित शास्त्री कस्बों-शहरों और विदेश जाकर ही श्रीराम कथा करते हैं.

Also Read- बागेश्वर बाबा के प्रवचन: कथा सुनने की सही उम्र क्या है, महाराज जी से जानिए.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here