Jadu Tona: हिंदू धर्म में पूजा-पाठ, आराधना और अध्यात्म का गहरा महत्व है। जहां एक ओर लोग मंदिरों और भगवान में गहरी आस्था रखते हैं, वहीं दूसरी ओर तंत्र-मंत्र और काला जादू जैसे विषय भी समाज में लंबे समय से चर्चा का हिस्सा रहे हैं। कई लोग इन पर विश्वास करते हैं, तो कई इन्हें अंधविश्वास मानते हैं। इसके बावजूद, शगुन शास्त्र में ऐसे कई संकेत बताए गए हैं जिनसे यह समझा जा सकता है कि किसी व्यक्ति या घर पर नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव है या नहीं।
इस विषय पर शगुन शास्त्र में वर्णित संकेत अक्सर घर और मानव व्यवहार में ऐसे परिवर्तन दर्शाते हैं जिन्हें सामान्य मानना ठीक नहीं है।
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तुलसी का पौधा सूखना बड़ा संकेत– Jadu Tona
अधिकतर भारतीय घरों में तुलसी का पौधा होता है और इसे बेहद पवित्र माना जाता है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, तुलसी का पौधा नकारात्मक ऊर्जा के प्रति बेहद संवेदनशील होता है। अगर पौधे को पानी, धूप और पूरी देखभाल मिलने के बावजूद वह सूखने लगे, तो माना जाता है कि घर के वातावरण में नकारात्मक शक्तियों या बुरी ऊर्जा का प्रवेश हो चुका है। गृहस्थ जीवन में यह पहला और सबसे सामान्य संकेत माना जाता है, जिस पर लोग अक्सर ध्यान नहीं देते।
व्यक्ति के स्वभाव में अचानक बदलाव
काला जादू या टोने-टोटके का एक और प्रमुख संकेत व्यक्ति के व्यवहार में तेज़ी से आने वाला परिवर्तन है। जिन लोगों पर नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव बताया जाता है, उनमें कुछ बदलाव अक्सर देखे जाते हैं जैसे:
- व्यक्ति अचानक चिड़चिड़ा और गुस्सैल हो जाता है
- गलत होने पर भी खुद को सही साबित करने की जिद बढ़ जाती है
- किसी से बातचीत करना पसंद नहीं करता
- परिवार और दोस्तों से दूरी बनाने लगता है
ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि स्वभाव में यह बदलाव सामान्य परिस्थितियों से अलग होते हैं और इनकी अनदेखी नहीं करनी चाहिए।
अचानक बीमार पड़ना भी संकेत हो सकता है
कई बार लोग बिना किसी चिकित्सकीय कारण के अचानक बीमार पड़ने लगते हैं। सबसे खास बात यह कि इलाज, टेस्ट और दवाइयों के बावजूद बीमारी की वजह पता नहीं चलती। ऐसे मामलों में माना जाता है कि व्यक्ति पर काला जादू या तंत्र-मंत्र का असर हो सकता है, खासकर तब जब मानसिक थकान, डर, अकेलापन और कमजोरी लगातार बनी रहे।
नकारात्मक ऊर्जा हटाने के बताए गए उपाय
अगर घर में तंत्र-मंत्र या नकारात्मक शक्तियों का संदेह हो, तो शास्त्रों में कुछ उपाय बताए गए हैं जो ऊर्जा संतुलन में मदद कर सकते हैं।
- सुंदरकांड का पाठ
माना जाता है कि सुंदरकांड का नियमित या विशेष अवसर पर करवाया गया पाठ वातावरण को पवित्र करता है और नकारात्मक प्रभाव को कमजोर करता है। - पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण कथा
पूर्णिमा पर सत्यनारायण भगवान की कथा कराने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और मानसिक शांति मिलती है। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, यह उपाय घर के वातावरण को संतुलित करने में काफी प्रभावी माना जाता है।
