Neem Karauli Baba Thought: जिस संत ने स्टीव जॉब्स और जुकरबर्ग को रास्ता दिखाया, जानिए नीम करोली बाबा को

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Neem Karauli Baba Thought
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Neem Karauli Baba Thought: भारत की संत परंपरा में कई महान आत्माएं आईं, लेकिन कुछ ऐसे भी हुए, जिनकी मौजूदगी ने लाखों लोगों के जीवन को बदल दिया। उन्हीं में से एक नाम है नीम करोली बाबा, जिन्हें दुनिया ‘महाराज जी’ के नाम से जानती है। एक तरफ वे आध्यात्मिक ऊंचाई के प्रतीक थे, तो दूसरी ओर इतने सरल और सहज कि हर कोई उनसे जुड़ाव महसूस करता था।

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नीम करोली बाबा का जन्म उत्तर प्रदेश के अकबरपुर में हुआ था और उनका असली नाम लक्ष्मण दास शर्मा था। हालांकि, दुनिया उन्हें उस प्रसंग से पहचानती है जब उन्होंने ट्रेन को नीम करोली नामक जगह पर रुकवा दिया था। उसके बाद से वे नीम करोली बाबा के नाम से प्रसिद्ध हो गए। उन्होंने कम उम्र में ही संन्यास ले लिया था और देशभर में भ्रमण करते हुए आध्यात्मिक साधना की।

आश्चर्य और श्रद्धा का केंद्र बना कैंची धाम- Neem Karauli Baba Thought

उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित कैंची धाम आश्रम, बाबा का प्रमुख केंद्र है। यहां हर साल लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। देश से ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी। वहां पहुंचते ही एक गहराई वाली शांति और ऊर्जा महसूस होती है। बाबा की समाधि स्थल पर भक्त घंटों ध्यान लगाते हैं और कई लोग यहां आने के बाद अपने जीवन में बदलाव का अनुभव भी करते हैं।

चमत्कारी संत, लेकिन सादा जीवन

नीम करोली बाबा को अक्सर उनके चमत्कारों के लिए याद किया जाता है, लेकिन उनकी असली शिक्षा थी प्रेम, सेवा और भक्ति। वे कहते थे कि अगर किसी को भगवान तक पहुंचना है, तो बिना शर्त प्रेम और सेवा को अपनाना होगा।

बाबा ने कभी बड़े प्रवचन नहीं दिए, लेकिन उनके छोटे-छोटे वाक्य आज भी लोगों को गहरे छू जाते हैं। जैसे:

  • “सबमें भगवान को देखो” – किसी से भेदभाव मत करो।
  • “सेवा करो, दिखावा मत करो” – निस्वार्थ सेवा ही सच्चा धर्म है।
  • “जो मिला है, उसमें संतुष्ट रहो” – संतोष ही सबसे बड़ा सुख है।
  • “मौन में शक्ति है” – चुप रहकर भीतर की आवाज को सुनो।

विदेशी हस्तियां भी हुईं प्रभावित

नीम करोली बाबा की ख्याति देश तक सीमित नहीं रही। एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स जब युवावस्था में आध्यात्मिक खोज में भारत आए थे, तो वे बाबा के आश्रम तक पहुंचे। फेसबुक के फाउंडर मार्क जुकरबर्ग भी एक बार भारत आकर कैंची धाम गए थे, जब वे कठिन दौर से गुजर रहे थे। उनके गुरु बने राम दास (पूर्व अमेरिकी प्रोफेसर रिचर्ड एलपर्ट) ने बाबा की शिक्षाओं को अमेरिका में फैलाया।

अंधेरे में रौशनी की किरण

आज जब लोग आध्यात्मिक भ्रम, मानसिक अशांति और भौतिक दौड़ में उलझे हैं, नीम करोली बाबा की शिक्षाएं एक सादा लेकिन गहरा मार्गदर्शन देती हैं। वे याद दिलाते हैं कि प्रेम, सच्चाई, और ईश्वर में विश्वास से ही जीवन सार्थक बनता है।

Disclaimer: यह लेख मान्यताओं और आध्यात्मिक जानकारी पर आधारित है। Nedrick News इसकी पुष्टि नहीं करता, पाठक इसे श्रद्धा और जानकारी के रूप में ही लें।

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