आखिर क्यों पड़ जाती है राधा रानी के सामने श्रीकृष्ण की महिमा फीकी

Krishna glory fade in front of Radha Rani
Source- Google

मथुरा वृन्दावन जहाँ श्री कृष्ण के साथ-साथ राधे राधे नाम की भी महिमा है क्योंकि यहाँ पर श्री कृष्ण के नहीं राधे राधे नाम जयकारे लगाए जाते हैं और इस वजह से भगवत गीता समेत मथुरा वृन्दावन में श्री कृष्ण के दर्शन करने आये लोग राधे राधे नाम का जप करते हैं. कहा जाता हैं कि राधा के बिना श्याम अधूरे है और इस वजह से जहाँ भी श्री कृष्ण के नाम जिक्र होता है वहां अपने आप ही राधे-राधे नाम का जिक्र भी हो जाता है. इसी बीच संत श्री प्रेमानंद गोविंद शरण महाराज जी ने राधा रानी के सामने श्रीकृष्ण की महिमा फीकी क्यों पड़ जाती है.

Also Read- प्रेमानंद जी महाराज के ये 10 अनमोल वचन आपकी जिंदगी बदल देंगे. 

 ठाकुर जी की भी ठाकुर हैं राधा रानी

संत श्री प्रेमानंद गोविंद शरण महाराज जी राधा रानी को अपनी ईष्ट मानते हैं और सत्संग करते हैं. संत श्री प्रेमानंद महाराज राधा रानी के परम भक्त हैं और कहा जाता है कि श्री प्रेमानंद महाराज जी का सत्संग जो भी मन लगाकर सुनता है उसे राधारानी के दर्शन होते हैं. साथ ही जो भी उनकी बातों को अपने जिन्दगी में लागू करता है उन्हें जिन्दगी जीने में एक मार्ग मिलता हैं. वहीं इस बीच श्री प्रेमानंद महाराज जी राधा रानी को लेकर कहते हैं कि किशोरी जी (राधा रानी) तो प्रेम मूर्ति हैं. सम्पूर्ण ब्रिज जो है वो हमारी लाडली राधा का है . हमारी राधा रानी ठाकुर जी की भी ठाकुर हैं. राधा शक्ति अन्नत शक्ति है और इस बता का पता वृन्दावन आकार ही चलेगा.

Premanandi Ji Maharaj
Source-Google

लाडली जी के चरणों में हैं सभी शक्तियां

इसी के साथ संत श्री प्रेमानंद गोविंद शरण महाराज जी ने राधा रानी को लेकर ये भी कहा कि हमारी लाडली जी (राधा-रानी) के चरणों में सभी शक्तियां विराजमान हैं. इसी के साथ उन्होंने ये भी कहा कि हमारी लाडली जी को कि जो नील कलम लेकर चलती हैं उन्हें ये मत समझाना की वो सिर्फ नील कलम लेकर चलती है तो उनके पास शक्तियां नहीं है. उनके पास आपर शक्तियां हैं जो उनके चरणों में हैं और ये सभी शक्तियां हमें भी बचाती हैं.

Premanand Ji Maharaj
Source- Google

इस वजह से श्रीकृष्ण की महिमा पड़ जाती है फीकी 

वहीं उन्होंने ये भी कहा है कि श्री राधारानी के नाम का इतना प्रभाव हैं कि सभी देवता और यहाँ तक की भगवान भी राधा(radha) जी को भी भजते है, जपते है. वहीं श्रीमद् देवीभाग्वत् नामक ग्रंथ में उल्लेख मिलता है कि जो भक्त राधा का नाम लेता है भगवान श्री कृष्ण सिर्फ उसी की पुकार सुनते हैं. इसलिए कृष्ण को पुकारना है तो राधा को पहले बुलाओ. जहां श्री भगवती राधा होंगी वहां कृष्ण खुद ही चले आएंगे और ये ही महिमा हैं कि राधा रानी के आगे श्रीकृष्ण की महिमा फीकी पड़ जाती है.

Also Read- स्वामी प्रेमानंद महाराज जी की दिनचर्या कैसी है?.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here