Premanand Maharaj Controversy: मथुरा में संत प्रेमानंद महाराज की एक AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) द्वारा बनाई गई छवि को लेकर संत समाज में भारी नाराजगी फैल गई है। इस छवि में प्रेमानंद महाराज, राधा रानी और श्री कृष्ण को भक्त की सेवा करते हुए दर्शाया गया है। यह छवि ब्रज की परंपरा और श्रद्धा के विपरीत मानी जा रही है, जिसके चलते ब्रज के संतों ने कड़ी आपत्ति जताई और इस कार्य के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
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ब्रज के संतों का विरोध- Premanand Maharaj Controversy
ब्रज के संतों ने इस तस्वीर को निंदनीय बताते हुए कहा कि इसे बनाना ब्रज की पवित्र परंपरा के खिलाफ है। संतों का मानना है कि ऐसी छवि से श्रद्धालुओं और भक्तों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँच सकती है। संत समाज ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि इस प्रकार की छवि के निर्माण से ब्रज की धार्मिक गरिमा को नुकसान पहुँचता है। इसके बाद परिषद ने केली कुंज आश्रम प्रबंधन और प्रेमानंद महाराज के शिष्य परिकर को चेतावनी दी है कि अगर इस मामले में पुलिस में मुकदमा दर्ज नहीं कराया जाता, तो साधु समाज स्वयं मोर्चा संभालेगा।
फेक फोटो का मामला और पुलिस कार्रवाई
यह विवाद तब बढ़ा जब संत प्रेमानंद महाराज के शिष्य गौतम चिलाना ने वृंदावन के साइबर थाने में तहरीर दी। उन्होंने बताया कि फेक फोटो के सामने आने के बाद अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। इस फोटो से संत समाज और भक्तों में गहरा आक्रोश है। वहीं, ट्रस्ट ने एडवाइजरी जारी करते हुए भक्तों को ऐसे फर्जी तस्वीरों और वीडियो से सतर्क रहने को कहा है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से इस मामले में जानकारी मांगी है। पुलिस आरोपी की तलाश कर रही है।
संत समाज का धार्मिक मुद्दों पर विरोध
इस बीच, संतों ने मथुरा में प्रस्तावित बांके बिहारी मंदिर न्यास गठन के खिलाफ भी अपनी असहमति जताई। परिषद के उपाध्यक्ष महंत मोहिनी बिहारी शरण महाराज ने इस न्यास को सेवायतों के पारंपरिक अधिकारों का उल्लंघन बताया। उनका कहना था कि इस कदम से मंदिर की व्यवस्थाओं पर बाहरी हस्तक्षेप बढ़ेगा, जो भक्तों और सेवायतों दोनों के लिए चिंता का विषय होगा। महंत मोहिनी बिहारी शरण महाराज ने यह भी स्पष्ट किया कि संत समाज इस प्रस्ताव को कभी स्वीकार नहीं करेगा।
संतों का कड़ा संदेश
संत समाज ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो वे स्वयं मोर्चा संभालेंगे। इस मामले में महंत लाड़ली शरण दास महाराज, महंत फूलडोल बिहारी दास महाराज, महंत हेमकांत शरण देवाचार्य, घमंड पीठाधीश्वर वेणु गोपाल दास महाराज, वंशीवट पीठाधीश्वर जयराम दास महाराज सहित कई प्रमुख संत-महंत उपस्थित थे। सभी संतों ने अपनी आपत्ति जताते हुए कहा कि वे इस तरह के प्रयासों का विरोध करेंगे जो ब्रज की पवित्र परंपरा और श्रद्धा को नष्ट करने का काम करते हैं।
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