Religious Places Near Khatu Shyam: तिन बाण के धारी..हारे का सहारा खाटू श्याम हमारा.. ये शब्द सुनकर किसी भी इंसान के मन के अंदर अपार आस्था और भक्ति की भावना उत्पन्न हो सकती है। क्योंकि हमारे प्यारे खाटू श्याम जी हैं ही कुछ ऐसे जो मन में करुणा को भर देते हैं। शायद यही वजह है कि हर साल लाखों श्रद्धालु राजस्थान के खाटू श्याम जी मंदिर में बाबा श्याम की एक झलक पाने के लिए दौड़े चले आते हैं। वैसे तो खाटू श्याम मंदिर अपने आप में आध्यात्मिक केंद्र है लेकिन अगर आप आध्यात्मिकता को और करीब से जानना चाहते हैं तो इन 10 स्थानों का भी दौरा करें क्योंकि ये यात्रा आपकी खाटू श्याम जी की यात्रा को और भी यादगार बना देगी
सांभर साल्ट लेक- Religious Places Near Khatu Shyam
सबसे पहले बात करते हैं सांभर साल्ट लेक की जो खाटू श्याम मंदिर से मात्र 40 किलोमीटर दूर है। आपको बता दें कि यह झील भारत की सबसे बड़ी खारे पानी की झील है, जिस वजह से यह पर्यटकों के लिए एक अद्भुत प्राकृतिक स्थल है। झील में खारे पानी के कारण पानी पर सफेद नमक की परतें जम जाती हैं और नीले आसमान के साथ इस नजारे को देखना किसी अद्भुत प्राकृतिक चमत्कार से कम नहीं है। अगर आप इतना सोचकर ही खुश हो रहे हैं, तो आपको बता दें कि पक्षी प्रेमियों के लिए यहां स्वर्ग जैसा माहौल है, क्योंकि यहां फ्लेमिंगो जैसे प्रवासी पक्षी देखे जा सकते हैं। इतना ही नहीं, आप यहां नमक बनाने की प्रक्रिया देख सकते हैं और पास के ऐतिहासिक सांभर कस्बे की सैर भी कर सकते हैं। अगर आप खाटू श्याम मंदिर जाने का प्लान बना रहे हैं, तो एक बार यहां जरूर जाएं और ध्यान रखें कि यहां घूमने का सबसे अच्छा समय नवंबर से फरवरी तक का है।
शाकंभरी देवी मंदिर
अगर आपने सांभर साल्ट लेक घूमने का प्लान बना चुके हैं, तो आपको थोड़े से कदम और आगे बढ़कर शाकंभरी देवी मंदिर की यात्रा भी ज़रूर जाना चाहिए। देवी शाकंभरी को समर्पित यह मंदिर खाटू श्याम मंदिर से 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मान्यताओं के अनुसार, इस मंदिर की देवी को पोषण और फसल उगाने की देवी माना जाता है। यहाँ घूमने का सबसे सुखद समय अक्टूबर से मार्च तक का है।
लोहार्गल
सभी जानते हैं कि खाटू श्याम महाभारत काल से हैं और इसलिए हर खाटू भक्त को महाभारत काल से जुड़े धार्मिक स्थल लोहार्गल अवश्य जाना चाहिए। यह स्थान खाटू श्याम मंदिर से 55 किमी की दूरी पर स्थित है। कहा जाता है कि लोहार्गल ही वह स्थान है जहाँ पांडवों ने अपने अस्त्र-शस्त्र शुद्ध किए थे। यह स्थान अपने प्राकृतिक झरनों और आध्यात्मिक ऊर्जा के लिए प्रसिद्ध है। हरे-भरे पहाड़ों से घिरा यह स्थान अगस्त से फरवरी के महीनों में सबसे अच्छा दिखाई देता है।
खाटू किला
अगर आप खाटू श्याम जी के दर्शन करने जाते हैं और पास में स्थित खाटू किला नहीं जाते, तो आपकी यात्रा अधूरी रह जाएगी। यह किला खाटू मंदिर से केवल 2 किमी दूर है, इसलिए आप वहाँ पैदल भी जा सकते हैं। इस किले में आपको एक ऐतिहासिक अनुभव होगा। वैसे, आपको बता दें कि इस किले में घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक का है।
खाचरियावास
खाटू श्याम मंदिर से लगभग 20 किलोमीटर दूर खाचरियावास नामक एक जगह है। राजस्थान के पारंपरिक जीवन का अनुभव करने के लिए आपको खाटू श्याम मंदिर के पास इससे बेहतर जगह नहीं मिलेगी। खाचरियावास गाँव में आप ऊँट की सवारी और राजस्थानी पारंपरिक भोजन का भरपूर आनंद ले सकते हैं। यहाँ आने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच माना जाता है।
हर्षनाथ मंदिर
खाटू श्याम से 35 किलोमीटर दूर हर्षनाथ पहाड़ियों पर भी आप जा सकते हैं। भगवान शिव को समर्पित हर्षनाथ मंदिर इन्हीं पहाड़ियों में स्थित है। मान्यताओं के अनुसार, यह मंदिर 10वीं शताब्दी का है, जिसके कारण इस मंदिर की बनावट बेहद खूबसूरत है। इतिहास प्रेमियों को इस मंदिर में अवश्य जाना चाहिए। अगर आप यहाँ जाने का मन बना चुके हैं, तो थोड़ा और इंतज़ार कर लीजिए क्योंकि यहाँ घूमने का सबसे अच्छा समय नवंबर से जनवरी तक का है।
जीण माता मंदिर
खाटू श्याम की तरह, जीण माता मंदिर भी राजस्थान के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। जीण माता मंदिर खाटू श्याम से 30 किलोमीटर दूर स्थित है और यह मंदिर देवी जीण माता को समर्पित है। नवरात्रि के दौरान आपको यहाँ माता के दर्शन के लिए जरूर आना चाहिए। साथ ही, यहाँ हर साल दो बार मेला भी लगता है, जिसमें स्थानीय संगीत और नृत्य होता है।
देवगढ़ किला
राजस्थान अपने ऐतिहासिक किलों के लिए भी जाना जाता है। अगर आप भी खाटू श्याम की अपनी यात्रा के दौरान किसी शानदार किले का दौरा करना चाहते हैं, तो खाटू श्याम मंदिर से 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित देवगढ़ किले की यात्रा अवश्य करें। यहाँ जाने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के महीने में है।
ताल छापर अभयारण्य
खाटू श्याम से 100 किलोमीटर दूर स्थित ताल छापर वाइल्डलाइफ लवर्स के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है। यहाँ आपको कई ऐसी प्रजातियाँ देखने को मिलेंगी जो भारत में और कहीं नहीं मिलतीं। जैसे काला हिरण। अगर आप यहाँ आना चाहते हैं, तो अक्टूबर से मार्च के महीनों में अपनी टिकटें बुक करा लें।
सीकर
अपनी सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध, सीकर शहर में स्थित हवेलियाँ पौराणिक कथाओं की झलक पेश करती हैं। वैसे तो सीकर में घूमने के लिए कई जगहें हैं, लेकिन आपको यहाँ के बाज़ार में ज़रूर जाना चाहिए, जहाँ आप ट्रेडिशनल हैंडक्राफ्ट और राजस्थानी कपड़े खरीद सकते हैं। यह खाटू श्याम से 25 किमी दूर स्थित है। इसके अलावा, यहाँ घूमने का सबसे अच्छा समय नवंबर से मार्च तक है।