Shardiya Navratri 2025: 9 नहीं, इस बार 10 दिन चलेंगे नवरात्र! जानिए घटस्थापना का सही समय और तिथि

Shardiya Navratri 2025
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Shardiya Navratri 2025: अगर आप भी नवरात्र का इंतज़ार कर रहे हैं तो तैयार हो जाइए एक खास अनुभव के लिए, क्योंकि इस साल शारदीय नवरात्र सिर्फ 9 नहीं, पूरे 10 दिन तक चलेगा। जी हां, तिथियों में बदलाव की वजह से इस बार मां दुर्गा के भक्तों को एक दिन ज़्यादा सेवा और भक्ति का मौका मिलेगा। नवरात्र का शुभारंभ 22 सितंबर से होगा और समापन 2 अक्टूबर को विजयदशमी के दिन होगा।

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हाथी पर माता का आगमन – समृद्धि का शुभ संकेत: Shardiya Navratri 2025

इस बार माता दुर्गा हाथी की सवारी कर धरती पर आ रही हैं और उनका प्रस्थान मनुष्य की सवारी पर होगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माता का हाथी पर आगमन खुशहाली, अच्छी वर्षा और कृषि संपन्नता का प्रतीक होता है। वहीं, मनुष्य की सवारी को सामान्य माना जाता है, जिसका मतलब है – हालात स्थिर रहेंगे।

क्यों बढ़ गया एक दिन?

आश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 21 सितंबर की रात 1:23 बजे से शुरू होकर 22 सितंबर की रात 2:55 बजे तक रहेगी। इसी वजह से कलश स्थापना और शैलपुत्री पूजा 22 सितंबर को ही की जाएगी। चूंकि तिथि में वृद्धि हो रही है, इसलिए नवरात्र 9 नहीं, 10 दिन तक चलेगा। आखिरी बार ऐसा 2016 में हुआ था, जब द्वितीया तिथि में वृद्धि के कारण नवरात्र दस दिन तक चला था।

इस बार चतुर्थी तिथि दो दिन यानी 25 और 26 सितंबर तक रहेगी, जबकि पंचमी 27 सितंबर की सुबह 8:45 बजे तक रहेगी। तिथि वृद्धि को धर्मशास्त्रों में शुभ संकेत माना गया है।

क्या रहेगा पूजन का क्रम?

  • 28 सितंबर: देवी को निमंत्रण और पत्रिका प्रवेश की परंपरा निभाई जाएगी।
  • 29 सितंबर: महासप्तमी, नवपत्रिका प्रवेश, मूर्ति स्थापना, सरस्वती पूजा और महानिशा पूजन होगा।
  • 30 सितंबर: महाष्टमी, व्रत और पूजा का सबसे शक्तिशाली दिन।
  • 1 अक्टूबर: महानवमी पर कन्या पूजन, हवन, शमी और अपराजिता पूजन होंगे।
  • 2 अक्टूबर: विजयदशमी के दिन प्रतिमाओं का विसर्जन और रावण दहन होगा।

व्रत और पारण की तिथि

जो भक्त प्रतिपदा और अष्टमी का व्रत रखते हैं, वे 1 अक्टूबर को पारण करेंगे। वहीं, जो नौ दिनों का व्रत रखते हैं, उनके लिए 2 अक्टूबर को पारण का दिन है। 1 अक्टूबर को दोपहर 2:37 बजे तक हवन किया जा सकता है, और 2 अक्टूबर की सुबह 6:18 बजे के बाद मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन होगा।

शहर से लेकर गांव तक माहौल देवीमय

बता दें, षष्ठी से ही पूजा पंडालों के पट खोल दिए जाएंगे। शहरों में पंडालों की थीम और सजावट को लेकर ज़ोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं। सांस्कृतिक कार्यक्रम, भक्ति संगीत और बच्चों की रामलीला भी कई जगहों पर प्लान की गई है।

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