Shri Krishna First Name: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और कथावाचक अनिरुद्धाचार्य (Aniruddhacharya) का एक वीडियो हाल ही में वायरल हुआ था, जिस पर खूब विवाद हुआ था। उस वीडियो में अखिलेश यादव अनिरुद्धाचार्य से पूछते हैं, “जब भगवान कृष्ण ने देवकी के गर्भ से जन्म लिया, तो माता ने उन्हें सबसे पहले क्या नाम से पुकारा?” इस सवाल के जवाब में अनिरुद्धाचार्य कुछ पल सोचते हैं और फिर जवाब देते हैं ‘वासुदेव’। यह जवाब सुनकर अखिलेश यादव संतुष्ट नहीं दिखते और कहते हैं, “यहीं से आपके और हमारे रास्ते अलग हो जाते हैं।” जिसके बाद सोशल मीडिया पर बहस शुरू हो गई कि इस सवाल का सही जवाब क्या है? अगर आप भी इस सवाल का सही जवाब जानना चाहते हैं तो खबर को अंत तक पढ़ते रहिए।
माता देवकी ने किस नाम से पुकारा? (Shri Krishna First Name)
शास्त्रों की बात करें तो, इस प्रश्न का कोई सटीक उत्तर नहीं मिलता कि जब भगवान कृष्ण देवकी के गर्भ से प्रकट हुए, तो माता ने उन्हें किस नाम से पुकारा? आमतौर पर शिशु के जन्म के समय माता का पूरा ध्यान शिशु के कोमल शरीर को गोद में लेने और उस प्रेम-स्नेह में ही होता है, जिसमें नामकरण के प्रश्न पर ध्यान नहीं दिया जाता।
हालांकि, शास्त्री विनोदजी बताते हैं कि श्रीराम और श्रीकृष्ण के जन्म के समय के प्रसंगों में यह स्पष्ट रूप से नहीं आता कि माता ने उन्हें पहले नाम से कैसे पुकारा। शास्त्रों में यह कथा तो मिलती है कि श्रीराम और श्रीकृष्ण के जन्म के समय उन्हें भगवान के अवतार के रूप में देखा गया। तो चलिए इस प्रश्न का सही उत्तर जानते हैं।
श्रीमद्भागवत में भगवान के प्रकट होने का वर्णन
प्राचीन ग्रंथों में भगवान कृष्ण के प्रकट होने के समय का विस्तृत वर्णन मिलता है। श्रीमद्भागवत के दशम स्कंध के अध्याय 3 में इसका उल्लेख मिलता है, जहां बताया गया है कि भगवान कृष्ण चतुर्भुज रूप में प्रकट हुए थे। इसी समय माता देवकी ने उन्हें भगवान विष्णु के रूप में देखा था। यह भी उल्लेख मिलता है कि भगवान कृष्ण मध्यरात्रि के समय प्रकट हुए थे, जब चारों ओर अंधकार था और संसार में कोई प्रकाश नहीं था।
भगवान के नामों का महत्व
वहीं दूसरी ओर, शास्त्रों में भगवान के नामों का महत्व गहराई से वर्णित है। श्रीकृष्ण का नाम ‘मधुसूदन’ भी काफी प्रसिद्ध है और यह नाम कई प्रसंगों में आया है। जैसे श्रीमद्भागवत में माता देवकी ने उन्हें ‘मधुसूदन’ नाम से पुकारा था, वहीं महाभारत के प्रसंगों में भी इस नाम का उल्लेख हुआ है।
नामकरण संस्कार और भगवान श्रीकृष्ण
वहीं अगर हम इतिहास के पान उठाकर देखें तो, भगवान श्रीकृष्ण का नामकरण संस्कार श्रीगोकुल में यदुवंशियों के कुल पुरोहित गर्गाचार्य द्वारा किया गया था। गर्गाचार्य ने नंद बाबा के गांव में भगवान श्रीकृष्ण और उनके भाई बलराम का नामकरण किया। श्रीकृष्ण को ‘कृष्ण’ नाम दिया गया क्योंकि वह सांवले थे और उनके नाम के साथ जुड़ा हुआ यह वर्णन उनके विभिन्न युगों में विभिन्न रूपों को दर्शाता है।
अब अगर अखिलेश यादव के सवाल के जवाब पर गौर करें, तो माता देवकी ने श्रीकृष्ण को विभिन्न नामों से पुकारा होगा, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि जन्म के तुरंत बाद उनका नाम क्या था। दूसरी ओर, एक तर्क यह भी है कि भगवान के अनेक नामों में से ‘मधुसूदन’ और ‘विष्णु’ उनके प्रथम नाम हो सकते हैं, जैसा कि श्रीमद्भागवत में वर्णित है।