Kachua Ring: कछुआ सदियों से सफलता, लगनशीलता और निरंतरता का प्रतीक माना जाता रहा है। वास्तु शास्त्र में भी इसे महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है और माना जाता है कि घर में कछुए की मूर्ति रखने से सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कछुआ भगवान विष्णु का ‘कच्छप्’ अवतार है। इसलिए यह विश्वास किया जाता है कि घर में कछुआ रखने से बरकत और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
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कछुए की अंगूठी केवल फैशन का प्रतीक नहीं बल्कि जीवन में सकारात्मक बदलाव, समृद्धि और शुभता लाने वाला एक महत्वपूर्ण उपाय भी है। सही राशि के लोगों के लिए यह अंगूठी सफलता और आत्मविश्वास का मार्ग खोलती है, जबकि कुछ राशि वालों को इसे पहनने से पहले जागरूक और सावधान रहना आवश्यक है।
फैशन में भी लोकप्रिय हुई कछुए की अंगूठी- Kachua Ring
आज के दौर में सिर्फ वास्तु या धार्मिक मान्यताओं तक ही सीमित नहीं रह गया है। चांदी की कछुए वाली अंगूठी अब फैशन और सौंदर्य का भी प्रतीक बन गई है। लोग इसे पहनते हुए न केवल अपने स्टाइल को बढ़ाते हैं बल्कि इसे शुभ और लाभकारी भी मानते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह अंगूठी जीवन में सकारात्मक बदलाव, आत्मविश्वास और तरक्की लाने में मदद करती है।
किन राशि वालों को नहीं पहननी चाहिए
हालांकि ज्योतिष में कछुए की अंगूठी शुभ मानी जाती है, लेकिन चार राशि के जातकों को इसे पहनने से परहेज करना चाहिए। मेष, कन्या, वृश्चिक और मीन राशि के लोग अगर कछुए की अंगूठी पहनना चाहें तो पहले किसी ज्योतिषी की सलाह लेना आवश्यक है। इन राशि वालों के लिए इसे पहनना नौकरी, व्यापार और आर्थिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। साथ ही, ऐसा करने से शुक्र ग्रह की दशा भी प्रभावित हो सकती है, जिससे वित्तीय संकट उत्पन्न होने की संभावना रहती है।
कछुए की अंगूठी पहनने के फायदे
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कछुए की अंगूठी पहनने से जीवन की कई समस्याएं दूर होती हैं। यह नकारात्मकता कम करने, आत्मविश्वास बढ़ाने और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाने का काम करती है। पौराणिक कथाओं में भगवान विष्णु के कच्छप अवतार के कारण इसे सुख, शांति और समृद्धि लाने वाला माना जाता है। माना जाता है कि इसे पहनने वाले का सोया भाग्य जाग्रत होता है, जीवन में तरक्की के दरवाजे खुलते हैं और धन के मार्ग साफ होते हैं।
धारण करने की विशेष बातें
कछुए की अंगूठी को पहनने से पहले इसे शुद्ध करना अत्यंत जरूरी है। ज्योतिष में इसे शुक्रवार या गुरुवार को पहनना शुभ माना गया है। अंगूठी को दाएं हाथ की तर्जनी या मध्यमा उंगली में पहनना चाहिए और इसे पहनने के बाद बार-बार घुमाना नहीं चाहिए। अंगूठी सिल्वर या चांदी की धातु की होनी चाहिए। किसी भी राशि या ग्रह स्थिति में संदेह होने पर ज्योतिषी की सलाह लेना हमेशा फायदेमंद माना जाता है।
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