नई दिल्ली। ‘राफेल डील’ को लेकर इस वक्त देश में गहमागहमी जारी है। इस बीच फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों आज चार दिवसीय भारत दौरे पर आ रहे हैं। ये उनका पहला भारत दौरा है। देश में फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों के स्वागत के लिए तैयारी जोरों से चल रही है। इस दौरे पर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की पीएम मोदी से कई विषयों पर बातचीत होगी, जिसमें आर्थिक नीतियों, सोलर पावर एनर्जी के साथ-साथ न्यूक्लियर पावर प्रोजेक्ट पर भी समझौता होने की उम्मीद है। फ्रांस के राष्ट्रपति का भारत दौरा इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि हाल ही में फ्रांस और भारत के बीच राफेल डील को लेकर विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर रही है।
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इस मामले में जब फ्रांस के राष्ट्रपति से एक इंटरव्यू में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ये डील मेरे कार्यकाल में नहीं हुआ है, लेकिन फिर भी मैं ये कहना चाहता हूं कि ये डील दोनों देशों के लिए फायदे का सौदा रहा है। राफेल के कई कलपुर्जे अब भारत में ही बनेंगे, जिससे यहां की इंडस्ट्री और लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि इस डील से दोनों देशों के रिश्तों में गर्माहट आई है। इसपर जब उनसे राफेल डील का पूरा ब्योरा सार्वजनिक क्यों नहीं करने की बात कही गई तो उन्होंने कहा कि ये दोनों देशों के बीच बेहद सेंसिटिव बिजनेस इंटरेस्ट की बात है, जिसे सार्वजनिक करना उचित नहीं होगा। उन्होंने कहा कि यह एक कमर्शियल डील है, जिसके तहत अन्य कंपनियों को इस डील के बारे में पूरी जानकारी नहीं होनी चाहिए। इस तरह की डील कमर्शियल एग्रीमेंट से जुड़ा होता है, इसे सीक्रेट रखना जायज है। उन्होंने कहा कि इस डील की किस बात को विपक्ष और सदन के सामने रखना है ये बात भारत सरकार को तय करना होगा।
दरअसल, राफेल डील को लेकर विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर महंगा सौदे और भ्रष्टाचार के आरोप लगाता रहा है। हालांकि इन आरोपों के बाद रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण डील में हुए पूरे खर्च को सार्वजनिक कर चुकी हैं।
बता दें कि फ्रांस के राष्ट्रपति अपने पहले भारत दौरे पर पीएम मोदी के साथ यूपी के वाराणसी और मिर्जापुर का दौरा करेंगे। मिर्जापुर में फ्रांस के राष्ट्रपति सोलर पावर प्लांट का उद्धाटन भी करेंगे। इसके बाद 12 मार्च को पीएम मोदी के साथ फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों काशी का भी दौरा करेंगे।
पीएम मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों के यूपी दौरे के मद्देनजर स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि घाटों की सफाई ठीक तरीके से की जाए। साथ ही आवारा पशुओं का सही इंतजाम किया जाए और टूटी सड़कों की मरमत भी की जाए। बता दें कि इससे पहले जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे भी पीएम मोदी के साथ वाराणसी जा चुके हैं।