नई दिल्ली। 1 जुलाई की सुबह देश में एक नए बदलाव के साथ होगी, क्योंकि इसी दिन से ‘एक देश, एक कर’ के आधार पर वस्तु एंव सेवा कर (जीएसटी) लागू किया जाएगा। देश में यह नियम एक क्रांति के रुप में साबित होगा क्योंकि जीएसटी के लागू होते ही पूरा देश एकीकृत बाजार में तब्दील हो जाएगा। इसके साथ ही वस्तुओं पर अब तक लगने वाले अप्रत्क्ष कर समाप्त होकर महज एक कर में समाहित हो जाएंगे। देश के बड़े अर्थशास्त्रियों की मानें तों यह टैक्स सुधार में आजादी के बाद से उठाया गया अब तक का सबसे प्रभावशाली कदम होगा। देश के लगभग सभी राज्यों ने जीएसटी को पारित करने को हरी झंडी दे दी है।
क्या है जीएसटी- वस्तु एंव सेवा कर (जीएसटी) एक अप्रत्यक्ष कर कानून है, जिसे टैक्स सिस्टम सुधारने की दिशा में प्रभावी कदम माना जा रहा है। अब तक लोगों को किसी वस्तु की खरीद पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष के तौर पर कई कर देने पड़ते थे, अप्रत्क्ष कर जैसे केंद्रीय उत्पाद शुल्क, सेवा कर, वैट और तमाम, कई कर तो ऐसे भी होते थे जिसके बारे में किसी को पता भी नहीं होता था। जीएसटी के लागू हो जाते ही यह सारे कर हट जाएंगे और वस्तुओं पर निर्धारित कर जीएसटी के रुप में ही लगेगा।
भारत में जिस प्रकार का वर्तमान कर ढांचा है वह बहुत ही जटिल है, हर वस्तु पर देश के अलग अलग राज्यों में अलग अलग तरीके के कर लगाए जाते हैं। वस्तुओं पर लगने वाले विभिन्न प्रकार के प्रत्यक्ष और अप्रत्क्ष करों का भार अब तक जनता को उठाना पड़ता था, लेकिन जीएसटी के रुप में होने वाले बदलाव के साथ वस्तुओं पर लगने वाले अप्रत्यक्ष कर समाप्त हो जाएंगे।
जीएसटी से किसे और क्या होगा फायदा- जीएसटी के लागू होने से वस्तुओं पर एक ही प्रकार का कर लगेगा, जिससे वस्तुओं की सेवाओ और लागत में सुधार देखने को मिल सकता है। इसके साथ ही जीएसटी के लागू होते ही उन सभी व्यवसायी, उत्पाद और सेवा प्रदाताओं को स्वयं को रजिस्टर्ड कराना होगा जिनकी साल भर में कुल बिक्री का मूल्य निर्धारित मूल्य से ज्यादा है। आम जनता के लिए जीएसटी राहत लेके आने वाली है, अब सभी राज्यों में वस्तुओं और सेवाओं की कीमत एक जैसी ही होगी, राज्यों के अनुसार इसमें कोई परिवर्तन नहीं होगा। जीएसटी के लागू होने से व्यवसाय करना भी आसान हो जाएगा, अब तक एक राज्य से दूसरे राज्य में वस्तुओं को बेचने में 2 प्रतिशत की दर से सेल्स टैक्स लगता था, जो इसके लागू होते ही खत्म हो जाएगा।
कैसे पड़ेगा आपके जेब पर असर– वित्त मंत्रायय द्वार जारी इस लिस्ट के मुताबिक नोट बुक्स, घरेलू एलपीजी, ऐल्युमिनियम फॉइल्स, इंस्युलिन, अगरबत्ती समेत रोजमर्रा के काम में इस्तेमाल होने वाले कई समान सस्ते हो जाएंगे। वित्त मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि ज्यादातर सामानों की आपूर्ति पर जीएसटी काउंसिल ने केंद्र और राज्य सरकारों के मौजूदा करों से कम टैक्स तय किया हैं। काउंसिल की ओर से जिन वस्तुओं पर मौजूदा टैक्स रेट्स से कम दरें तय हुई हैं, उनमें दूध का पाउडर, दही, मक्खन दूध, अनब्रैंडेड प्राकृतिक शहद, पनीर, मसाले, चाय, गेंहू, चावल और आटा जैसी कई चीजे शामिल हैं। इनके अलावा, मूंगफली का तेल, पाम ऑइल, सूरजमुखी का तेल, नारियल का तेल, सरसों का तेल और वेजिटेबल आइटम्स, कुछ खाद्य उत्पाद, अचार, पास्ता, मैक्रोनी, नूडल्स, फल, चीनी, चीनी से निर्मित मिठाई, मुरब्बा, चटनी और सॉस जैसे रोजमर्रा के इस्तेमाल के सामानों पर भी कम टैक्स लगाया गया है।